शराबी पतियों को खाना नहीं दें, बेलन गैंग बनायें: बीजेपी मंत्री
मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार के काबीना मंत्री द्वारा ‘शराब’ को लेकर महिलाओं को दिए गए मशविरे पर बवाल हो गया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने मंत्री से बयान के बाद इस्तीफा मांग लिया है। बयान पर मंत्री के साथ मुख्यमंत्री को भी ट्रोल किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार में सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण और उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा को ट्रोल किया जा रहा है। कुशवाहा 2023 विधानसभा चुनाव में चौथी बार विधायक चुने गए हैं। वह ग्वालियर से आते हैं। वे पहली बार 2003 में विधायक बने थे। पहली बार में ही उन्हें सरकार में राज्यमंत्री पद मिल गया था।
साल 2003 के बाद 2008 एवं 2013 में वे जीते और शिवराज सरकार में राज्यमंत्री फिर मंत्री पद का दायित्व मिला। हालिया विधानसभा चुनाव जीतने के बाद मोहन यादव सरकार में भी उन्हें जगह मिली है। कुशवाहा साधारण परिवार से आते हैं। उन्होंने ग्वालियर में सब्जी बेची है। हालात अब बदले हुए हैं।
कुशवाहा, शुक्रवार 28 जून को भोपाल में नशामुक्ति अभियान से जुड़े विभाग के एक कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में अपने संबोधन में उन्होंने एक ऐसा अजीबो-गरीब सुझाव, शराब का सेवन करने वाले पतियों से परेशान महिलाओं (पत्नियों) को दिया, जिस पर कार्यक्रम में शनाका खींच गया।
मंत्री ने कहा, ‘जिन महिलाओं के पति शराब का सेवन करते हैं, ऐसी महिलाएं अपने पति से कहें कि वे शराब घर लाकर पीयें। परिवारजनों के सामने पीयें।’ मंत्री का यह भी कहना रहा, ‘शराब घर लाकर पीयेंगे। बच्चे सामने होंगे तो शर्म महसूस होगी। मात्रा घटेगी।’ मंत्री जी ने महिलाओं को यह भी सलाह दी कि अपने पतियों को बताइयेगा, ‘आपकी आदत (शराब का सेवन को) बच्चे अपनायेंगे तो क्या होगा? कैसा महसूस करेंगे?’
बेलन गैंग बनाने की सलाह भी दी
सामाजिक न्याय मंत्री नारायण कुशवाहा ने पति की शराब की लत की वजह से परेशान राज्य की महिलाओं को यह सलाह भी दी, ‘शराबी पतियों पर अंकुश लगाने के लिए महिलाएं बेलन गैंग बनायें। शराबी पतियों को खाना नहीं दें।’
मंत्री के मशविरे पर कांग्रेस भड़की हुई है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘बेतुकी और बहकी-बहकी बात करने वाले मंत्री जी का तुरंत ही ब्रेथ एनलाइजर टेस्ट किया जाना चाहिए था। जिससे पता चलता कि वे खुद तो नशे में नहीं हैं।’ गुप्ता का कहना है, ‘बच्चों के सामने शराब पीने की सलाह आपत्तिजनक है। महिला वर्ग वैसे ही हलाकान रहता है। बेलन गैंग बनाया और खाना नहीं दिया तो पति के कोप से बचाने के लिए मंत्री जी मौके पर पहुंचेंगे क्या? पुलिस का पहरा बैठायेंगे क्या?’
उन्होंने मांग की कि, ‘बेतुकी और बहकी-बहकी बात करने वाले मंत्री को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए।’
भोपाल निवासी गृहिणी एवं चिंतक निहारिका दुबे ने भी मंत्री के मशविरे को हास्यास्पद करार दिया। उन्होंने कहा, ‘बेइंतहा मेहनत करने वाली गरीब महिलाओं को शराब के आदी पुरूष किस कदर परेशान करते हैं, इसका भान संभवतः मंत्री जी को ठीक से नहीं है।’ वे आगे कहती हैं, ‘शराब से मिलने वाले राजस्व की चिंता छोड़कर सरकार स्वयं पहल क्यों नहीं करती। शराबबंदी कर दे। उमा भारती जी तो लंबे समय से शराबबंदी की मांग कर रही हैं।’
सावित्री ठाकुर हुई थीं ट्रोल
मध्य प्रदेश की धार सीट से भाजपा की सांसद सावित्री ठाकुर पिछले दिनों ट्रोल हुई थीं। मोदी सरकार में महिला एवं बाल विकास विभाग महकमे की राज्यमंत्री ठाकुर चार अक्षर नहीं लिख पायी थीं।
स्कूल शिक्षा विभाग के कार्यक्रम में जिले में जागरूकता रथ रवाना करने के पहले मंत्री जी से चार अक्षर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ लिखने को कहा गया था। इन चार अक्षरों को उन्होंने अनेक त्रुटियों के साथ लिखा था। मंत्री और प्रधानमंत्री को सयानों ने आड़े हाथों लिया था। कांग्रेस के नेताओं ने भी प्रधानमंत्री की चुटकियां ली थीं और मंत्री को भी आड़े हाथों लिया था।
मंत्री ने चुनावी हलफनामे में स्वयं को 12वीं पास बताया हुआ है। उनकी शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाये गये थे। पीएम से भी उनकी शिक्षा के प्रमाण की मांग एक बार फिर हुई थी।