मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने धमाकेदार एंट्री दर्ज की है। सिंगरोली की मेयर सीट ‘आप’ पार्टी ने जीत ली है। पिछले चुनाव में मेयर की इस सीट को जीतने वाली बीजेपी तीसरे नंबर पर आयी है। उधर, बुरहानपुर में ओवैसी की पार्टी के प्रत्याशी द्वारा काटे गये वोट की वजह से मेयर सीट बहुत मामूली अंतर से कांग्रेस के हाथों से फिसल गई। इस सीट तो हराने में एआईएमआईएम प्रत्याशी की भूमिका रही। ओवैसी की पार्टी ने कई सीटों पर उत्साहजनक वोट पाए हैं।
मध्य प्रदेश में 16 नगर निगमों, 96 नगर पालिका परिषद और 285 नगर परिषदों के लिए वोटिंग हुई है। पहले दौर में नगरीय निकायों में डाले गये वोटों की गिनती रविवार को की गई। समाचार लिखे जाने के समय तक जिन नगर निगमों के चुनाव परिणाम घोषित कर दिये गये थे, उनमें सिंगरौली सीट सबसे अहम रही।
इस सीट को आप पार्टी की प्रत्याशी रानी अग्रवाल ने 9 हजार 159 वोटों से जीत लिया। उन्होंने कांग्रेस के अरविंद चंदेल को हराया। बीजेपी के चंद्रप्रकाश विश्वकर्मा तीसरे नंबर पर रहे। पिछले चुनाव में सिंगरोली मेयर सीट बीजेपी ने जीती थी।
सिंगरोली से जीती आप प्रत्याशी रानी अग्रवाल, जो अब वहां की मेयर बन गई हैं
सिंगरोली के अलावा बुराहनपुर की मेयर सीट का चुनाव भी रोचक रहा। ओवैसी की पार्टी एआईएमआईम की प्रत्याशी शाइस्ता सोहेल हाशमी ने कांग्रेस का खेल खराब किया। इस सीट को बीजेपी की माधुरी पटेल ने 542 वोट से जीता। माधुरी पटेल को 52,823 वोट मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी शहनाज बानो को 52,281 वोट मिले है। एआईएमआईएम की मेयर प्रत्याशी शाइस्ता सोहेल हाशमी को 10,322 वोट मिले। जबकि नोटा के खाते में जीत के अंतर से ज्यादा 677 वोट गए हैं।
ओवैसी की पार्टी ने खंडवा में पार्षद पद का चुनाव जीता। मालवा क्षेत्र में मुस्लिम बाहुल्य कई इलाकों में उसके उम्मीदवारों को उत्साह पैदा करने वाले वोट मिले। यहां बता दें, असदुद्दीन ओवैसी ने मालवा के अनेक क्षेत्रों में जमकर प्रचार किया था।
केजरीवाल प्रचार करने आए थे
आप पार्टी और उसके चीफ अरविंद केजरीवाल आरंभ से ही सिंगरोली को लेकर गंभीर थे। केजरीवाल ने सिंगरोली में प्रचार भी किया। आप पार्टी के अन्य बड़े नेता भी इस सीट पर प्रचार के लिए पहुंचे। मेहनत रंग लायी। आप यहां सफल रही।आप पार्टी ने निवाड़ी जिले की ओरछा नगर परिषद सीट पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। आप को परिषद के सदस्य की एक सीट पर कामयाबी मिली।
समाचार लिखे जाने के समय तक कुल 11 नगर निगमों की काउंटिंग में 6 के नतीजे आये थे। जबकि पांच पर काउंटिंग जारी थी। मेयर पद के आये नतीजों में 1-1 सीट कांग्रेस और आम आदमी के खाते में गई थी, जबकि 4 पर भाजपा ने जीत दर्ज कर ली थी। बाकी की 3 सीटों पर भाजपा और 2 सीटों पर कांग्रेस बढ़त बनाए हुए थी। भोपाल और इंदौर में भाजपा प्रत्याशी निर्णायक बढ़त के साथ आगे बने हुए थे।
बता दें, पिछले (साल 2015 के स्थानीय सरकार) चुनाव में सभी 16 सीटों पर भाजपा के मेयर जीते थे। इस बार पहले दौर की गिनती में बीजेपी को 4 सीटों का नुकसान हो रहा है। बची हुई पांच सीटों मुरैना, कटनी, रीवा, रतलाम और देवास नगर निगम के लिये पड़े वोटों की गिनती 20 जुलाई को होना है।