फरार मुलजिम मोनू मानेसर के समर्थन में आज मंगलवार को राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 48 जाम किया गया और महापंचायत में कथित तौर पर धमकी दी गई कि अगर राजस्थान पुलिस मोनू या किसी आरोपी को गिरफ्तार करने आई तो अपने पैरों पर जा नहीं सकेगी। गुड़गांव में कथित गोरक्षकों का झुंड मोनू मानेसर के समर्थन में जुलूस निकाल रहा है और धमकियां दे रहे हैं। हरियाणा पुलिस अभी तक इस मामले में हाथ पर हाथ धरे बैठी है। इंडियन एक्सप्रेस और तमाम अन्य मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मोनू मानेसर और उसके साथी हरियाणा पुलिस के लिए मुखबिरी करते हैं।
मोनू मानेसर और उसके साथियों पर राजस्थान से दो मुस्लिम युवकों जुनैद और नासिर का अपहरण कर उन्हें मार-पीटकर भिवानी जिले में गाड़ी में जिन्दा जलाने का आरोप है। मोनू के साथी रिंकू सैनी को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन मोनू मानेसर, श्रीकांत, लोकेश आदि फरार हैं। आरोप है कि इन मुलजिमों की गिरफ्तारी हरियाणा पुलिस की मदद के बिना नहीं हो सकती। लेकिन हरियाणा पुलिस अपने मुखबिरों की गिरफ्तारी में मदद नहीं कर रही है।
मोनू और उसके साथियों को बचाने के लिए दो दिन से गुड़गांव जिले में हिन्दू संगठन जुलूस निकल रहे थे। मंगलवार को एक कथित महापंचायत भी हुई, जिसमें बहुत ज्यादा भीड़ नहीं थी। इस पंचायत में राजस्थान पुलिस को सीधे धमकी दी गई। गुड़गांव के पास मानेसर के बाबा भीष्म मंदिर में हिन्दू पंचायत आयोजित की गई। इस पंचायत में मोनू को हिन्दू गौरव बताया गया। तमाम वक्ताओं ने मोनू मानेसर को इस मामले में फंसाने का आरोप लगाया गया। इस पंचायत में बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारी भी पहुंचे।
पंचायत ने फैसला लिया कि मोनू मानेसर को बचाने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। राजस्थान पुलिस आई तो उसकी टांगें तोड़ दी जाएंगी। बजरंग दल और वीएचपी के लोगों ने कहा कि मोनू काफी समय से गोरक्षा का काम कर रहा है। उसे फंसाया जा रहा है।
इस महापंचायत से निकलकर कुछ लोग नारा लगाते हुए एनएच 48 पर पहुंच गए और कुछ देर के लिए जाम लगाया। यह राजमार्ग जयपुर को जोड़ता है। बाद में हरियाणा ट्रैफिक पुलिस ने समझाकर जाम खुलवाया। भीड़ में शामिल उत्तेजक साम्प्रदायिक नारेबाजी कर रहे थे। नारेबाजी कर रहे युवकों को समझाने के लिए वहां कोई आगे नहीं आया।
मोनू मानेसर और कथित गोरक्षक बेनकाब
इंडियन एक्सप्रेस ने आज मंगलवार को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में मोनू मानेसर और उसके कथित गोरक्षा गैंग को बेनकाब कर दिया। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक राजस्थान के जुनैद और नासिर की हत्या के आरोपी तीन आरोपी हरियाणा पुलिस के साथ नूंह (मेवात) जिले में पुलिस मुखबिर के रूप में शामिल हैं। आरोपी ने पशु तस्करी के संदिग्ध मामलों में पुलिस की मदद की थी।
एफआईआर में नामजद अभियुक्तों लोकेश सिंगला, रिंकू सैनी और श्रीकांत की पहचान हरियाणा पुलिस के रिकॉर्ड में पुलिस मुखबिर के रूप में की गई है। पिछले दो महीनों में फिरोजपुर झिरका और नगीना पुलिस स्टेशनों में नूंह पुलिस द्वारा दर्ज की गई कम से कम चार एफआईआर में तीन लोगों को मुखबिर के रूप में दर्ज किया गया है। तीनों मुखबिर हरियाणा पुलिस के साथ छापा मारने भी जाते थे। मोनू मानेसर ने अपना गोरक्षा नेटवर्क बना रखा था। राजस्थान पुलिस ने अपनी एफआईआर में कुख्यात गो रक्षक मोनू मानेसर का भी नाम लिया है। राजस्थान पुलिस ने सोमवार को एफआईआर में आठ और लोगों को नामजद किया है। राजस्थान पुलिस ने नसीर और जुनैद की हत्या के मामले में पहली बार एक कैब चालक और कथित गोरक्षक रिंकू को गिरफ्तार किया है।
राजस्थान पुलिस के मुताबिक, रिंकू ने उन्हें बताया कि सारे नामजद आरोपी दोनों पीड़ितों जुनैद और नासिर को फिरोजपुर झिरका स्टेशन ले गए थे। वो बहुत घायल हालत में थे। मोनू मानेसर और अन्य आरोपियों ने पुलिस वालों से नासिर और जुनैद को गो तस्कर के रूप में दर्ज करने को कहा। लेकिन पीड़ितों की मरणासन्न हालत को देखते हुए पुलिस वालों ने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। आरोप है कि उसके बाद मोनू मानेसर, रिंकू सैनी और अन्य आरोपी उन्हें लोहारू के गांव में ले गए और वहां उन्हें बोलेरो में जिन्दा जला दिया।
इसी बोलेरो में जुनैद और नासिर को हरियाणा में लोहारु के पास जिन्दा जला दिया गया था। आरोप मोनू मानेसर और उसके साथियों पर है।
लोहारू के गांव में एक बोलेरो में दो मुस्लिम युवकों जुनैद और नासिर के जले हुए शव 18 फरवरी को मिले थे। अभी तक इस मामले में मीडिया तमाम खबरों को सामने ला चुका है लेकिन हरियाणा पुलिस और हरियाणा सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। उसने मोनू मानेसर और बाकी आरोपियों को गिरफ्तार करने की पहल नहीं की है।