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'MeToo' का तूफ़ान: मोहनलाल ने दिया AMMA अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा

'MeToo' का तूफ़ान: मोहनलाल ने दिया AMMA अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा

दक्षिण भारत की मलयालम फ़िल्म इंडस्ट्री में अब 'मीटू' अभियान ने जोर पकड़ा है। जानिए, आख़िर एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी एक्टर्स को भंग क्यों करना पड़ा और कैसे-कैसे आरोप लगे हैं।

मलयालम सिनेमा में उठे 'मीटू' अभियान के तूफान के बड़े-बड़े शिकार बन रहे हैं। अब अभिनेता मोहनलाल ने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी एक्टर्स यानी एएमएमए के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। एसोसिएशन के कई सदस्यों पर यौन उत्पीड़न और बलात्कार के आरोप लगे हैं। हाल के कुछ दिनों में ऐसे आरोपों की बाढ़ सी आ गई है।

फिल्म एसोसिएशन की कार्यकारी समिति के सभी सदस्यों ने भी इस्तीफा दे दिया है। एएमएमए की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था ने नैतिक जिम्मेदारी ली है और कुछ अभिनेताओं द्वारा समिति के कुछ सदस्यों के खिलाफ लगाए गए आरोपों के मद्देनजर खुद को भंग कर लिया है। एएमएमए ने कहा कि नई समिति बनाने के लिए चुनाव दो महीने के भीतर होंगे।

इस्तीफा देने वालों में एएमएमए के उपाध्यक्ष जयन चेरथला और जगदीश, संयुक्त सचिव बाबूराज, कोषाध्यक्ष उन्नी मुकुंदन और कार्यकारी समिति के सदस्य अंसिबा हसन, सरयू मोहन, वीनू मोहन, टिनी टॉम, अनन्या, सुरेश कृष्णा, कलाभवन शाजोन, सूरज वेंजरामुडु, जोमोल, जॉय मैथ्यू और टोविनो थॉमस शामिल हैं।

पिछले हफ़्ते जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद मलयालम फ़िल्म उद्योग के वरिष्ठ लोगों पर यौन शोषण की शिकायतें दर्ज की गई हैं। इसमें शोषण की कई चौंकाने वाली कहानियाँ शामिल हैं। रिपोर्ट 2019 में केरल सरकार को सौंपी गई थी, लेकिन फिर उसे दबा दिया गया था। फ़िल्म उद्योग के सदस्यों की ओर से कानूनी चुनौतियों को दूर करने के बाद इसे इस महीने सार्वजनिक किया गया।

बता दें कि फिल्म उद्योग में महिलाओं के शोषण, सत्ता के दुरुपयोग और लॉबिंग के मामलों के साथ यौन उत्पीड़न को लेकर हेमा कमेटी गठित की गई थी। 296 पन्नों की रिपोर्ट आखिरकार 19 अगस्त को सार्वजनिक की गई। इसमें इंडस्ट्री की कई महिलाओं की गवाही शामिल है। कुछ जगहों पर रिपोर्ट में महिलाओं की जगह लड़कियों का भी ज़िक्र है, जिससे पता चलता है कि नाबालिग भी यौन उत्पीड़न का शिकार हो सकती हैं।

विस्तृत रिपोर्ट में अपराधियों का नाम नहीं बताया गया है। इसमें कुछ समाधान भी दिए गए हैं। हेमा समिति की रिपोर्ट में बताया गया है कि महिलाओं के लिए बुनियादी सुविधाएँ - जैसे चेंजिंग रूम और शौचालय - उपलब्ध नहीं कराए गए। लेकिन, जिस बात ने सभी को झकझोर दिया, वह थी यौन उत्पीड़न की कहानियाँ, एक शक्तिशाली लॉबी (जिसमें शीर्ष निर्देशक, निर्माता और तकनीशियन शामिल हैं) का अस्तित्व और अन्य मुद्दे। आरोप है कि अंतिम रिपोर्ट से कई पृष्ठ हटा दिए गए थे। इससे सवाल उठे हैं कि किसे बचाया जा रहा है।

हेमा कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद अभिनेता और सीपीएम विधायक एम मुकेश सहित मलयालम फिल्म इंडस्ट्री मॉलीवुड के आठ बड़े लोगों पर जूनियर अभिनेताओं और तकनीशियनों द्वारा आरोप लगाए गए।

एर्नाकुलम पुलिस ने एक बंगाली अभिनेता की शिकायत के आधार पर निर्देशक रंजीत के खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है। 2009 में उनके खिलाफ़ यौन दुराचार के आरोप लगाए थे। रंजीत ने राज्य संचालित केरल चलचित्र अकादमी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। यह मामला गैर-जमानती अपराध के रूप में दर्ज किया गया है।

जिन अन्य लोगों पर आरोप लगे हैं, उनमें मलयालम मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन के संयुक्त सचिव बाबूराज, निर्देशक श्रीकुमार मेनन और तुलसीदास, तथा अभिनेता जयसूर्या, शाइन टॉम चाको, एडावेला बाबू और मनियानपिल्लई राजू शामिल हैं। मॉलीवुड घोटाले के बढ़ने से केरल सरकार को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

अभिनेता मीनू मुनीर ने खुलासा किया कि बिपिन प्रभाकर द्वारा निर्देशित 2008 की एक फिल्म के सेट पर एक 16 वर्षीय लड़की और उसकी मां के साथ दो सप्ताह तक यौन उत्पीड़न किया गया था। 

अभिनेत्री मुनीर ने मीडिया से बात करते हुए अभिनेता मुकेश, जयसूर्या, मनियानपिला राजू और एसोसिएशन ऑफ़ मलयालम मूवीज आर्टिस्ट्स यानी एएमएमए के एक प्रमुख नेता एडावेला बाबू का नाम लिया। मुकेश, जयसूर्या और बाबू ने मुनीर के दावों का जवाब नहीं दिया, राजू ने कहा कि वह आरोपों की जांच का स्वागत करते हैं।

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