उत्तर प्रदेश में पुलिस ने सोशल मीडिया पोस्ट के लिए ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। उनपर आरोप है कि उनकी पोस्ट में कथित तौर पर एक मुस्लिम लड़के की पहचान उजागर की गई थी। उस छात्र को उसके स्कूल शिक्षक के आदेश पर उसके सहपाठियों ने बार-बार थप्पड़ मारा था। इस दौरान शिक्षक की टिप्पणी भी सांप्रदायिक मालूम पड़ रही थी।
नेहा पब्लिक स्कूल खुब्बापुर गांव का एकमात्र निजी स्कूल है, जहां यह घटना हुई। स्कूल की मालिक तृप्ता त्यागी हैं, जिन पर सांप्रदायिक टिप्पणी करने और बच्चों को उनके सहपाठी को मारने का आदेश देने का आरोप है। ऐसा उन्होंने कथित तौर पर इसलिए किया क्योंकि छात्र ने मल्टीप्लीकेशन टेबल (पहाड़ा) में गलती कर दी थी।
इंटरनेट पर वायरल हुए वीडियो में त्यागी बच्चों को उस लड़के को थप्पड़ मारने का आदेश देती नज़र आईं। इसके साथ ही वह वीडियो में यह भी कहती हुई सुनी गईं, 'मैंने तो डेक्लेयर कर दिया, जितने भी मोहमडन बच्चे हैं, इनके वहां चले जाओ...'। लड़के के बयान और उसके पिता की शिकायत के आधार पर त्यागी के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 (चोट पहुंचाना) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
इसी मामले को लेकर ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद ज़ुबैर ने ट्वीट किया था। इस पर सोमवार को विष्णु दत्त नाम के एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर जुबैर के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 74 (बच्चों की पहचान उजागर करने पर रोक) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। जुबैर उन पत्रकारों में से एक थे जिन्होंने इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। हालाँकि, बाद में उन्होंने इसे डिलीट कर दिया था।
ज़ुबैर ने एफ़आईआर पर प्रतिक्रिया देते हुए इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'मुझे पुलिस से कोई नोटिस या कॉल नहीं मिला। सोशल मीडिया के ज़रिए मुझे पता चला कि मेरे ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है। मैं एफ़आईआर की पड़ताल कर रहा था और इसमें कोई अन्य नाम नहीं है। वहां केवल मेरा नाम ही क्यों डाला गया? ऐसे कई मीडिया आउटलेट थे जिन्होंने मुझसे पहले और बाद में वीडियो पोस्ट किया था। बाद में जब मुझे बताया गया कि मैं नाबालिग की पहचान उजागर कर रहा हूं तो मैंने वीडियो हटा दिया। ऐसा मेरे साथ पहले भी 2020 में हो चुका है। मुझे निशाना बनाया गया... इससे पता चलता है कि पुलिस किसी को भी निशाना बना सकती है।'
बता दें कि विवादों के बीच तृप्ता त्यागी ने इस मामले को मामूली मुद्दा क़रार दिया है। उन्होंने अपना बचाव करते हुए कहा, 'बच्चे के माता-पिता की ओर से उसके साथ सख्ती बरतने का दबाव था। मैं विकलांग हूं, इसलिए मैंने कुछ छात्रों से उसे थप्पड़ मारने को कहा ताकि वह अपना होमवर्क करना शुरू कर दे।'
इस घटना के बाद पीड़ित बच्चे के पिता ने कहा, 'मेरा बेटा 7 साल का है। यह घटना 24 अगस्त को हुई थी। शिक्षक ने छात्रों से मेरे बच्चे को बार-बार पीटा। मेरे बेटे को एक या दो घंटे तक प्रताड़ित किया गया। वह डरा हुआ है।'