मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार बतौर भाजपा प्रत्याशी पर्चा भरा
पीएम मोदी सोमवार को ही वाराणसी पहुंच चुके थे और शाम को अपना रोड शो किया। लेकिन असली इंतजार 14 मई का था। उन्होंने मंगलावार को अपना नामांकन वाराणसी के डीएम दफ्तर में जमा कर दिया। पर्चा दाखिल करने से पहले मोदी ने मंगलवार सुबह दशाश्वमेध घाट पर, गंगा के तट पर, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में पूजा की और काल भैरव मंदिर के दर्शन किए। प्रधानमंत्री ने एक्स पर कहा, "मेरी काशी के साथ मेरा रिश्ता अद्भुत, अविभाज्य और अतुलनीय है। मैं बस इतना कह सकता हूं कि इसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है! मैं अभिभूत और भावुक हूं! आपके स्नेह की छाया में 10 साल कैसे बीत गए, पता ही नहीं चला। आज मां गंगा ने मुझे गोद ले लिया है।"
नामांकन के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर तमाम भाजपा नेता और 11 भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे। एनडीए के तमाम नेता भी एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए मौजूद थे, हालांकि इस मौके पर एनडीए की बैठक भी बुलाई गई है। लेकिन वो सिर्फ औपचारिकता है, मकसद एकजुटता प्रदर्शित करना था।
मोदी के प्रस्तावक
पीएम मोदी के नामांकन में चार प्रस्तावक हैं और इसमें भी जाति समीकरण का पूरा ध्यान रखा गया है। मोदी के चार प्रस्तावक हैं: पंडित गणेश्वर शास्त्री: ब्राह्मण समुदाय के सदस्य, जिन्हें अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक के लिए शुभ समय तय करने के लिए जाना जाता है। बैजनाथ पटेल: एक पुराने आरएसएस स्वयंसेवक, जो ओबीसी समुदाय से हैं। लालचंद कुशवाह: यह भी ओबीसी समुदाय से हैं। संजय सोनकर: वह दलित समुदाय से आते हैं।
2014 के चुनाव में भाजपा के मोदी और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के बीच जबरदस्त मुकाबला बन गया था। केजरीवाल ने 20 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल किए थे। इस बार कहने को पीएम के प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के अजय राय हैं। राय ने 2019 में भी चुनाव लड़ा ता और उन्हें 1.52 लाख वोट मिले, और कांग्रेस के वोट शेयर में 7.04 फीसदी का सुधार हुआ था। हालांकि कई लोगों ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर वाराणसी से नामांकन कराना चाहा, लेकिन उनकी कोशिश नाकाम रही। इसमें कॉमेडियन श्याम रंगीला भी हैं जो डीएम दफ्तर नामांकन के लिए जाते हैं लेकिन उन्हें अंदर घुसने नहीं दिया जाता।
वाराणसी में अगर आबादी की बात की जाए तो करीब 80 फीसदी यहां हिन्दू आबादी है और 20 फीसदी मुस्लिम आबादी है। पांच फीसदी में अन्य आते हैं। शहरी आबादी 35 फीसदी और ग्रामीण आबादी 65 फीसदी है। दलितों की आबादी 10 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की आबादी 0.7 फीसदी है। भाजपा अपने कोर वोट बैंक पर भरोसा करती है, जिसने उसे कभी धोखा नहीं दिया है। 1991 से अब तक भाजपा यहां 8 बार लोकसभा चुनाव जीत चुकी है।
I am honoured by the presence of our valued NDA allies in Kashi today. Our alliance represents a commitment to national progress and fulfilling regional aspirations. We will work together for the progress of India in the years to come. pic.twitter.com/beAMbWLpD3
— Narendra Modi (@narendramodi) May 14, 2024
नामांकन के बाद मोदी ने ट्वीट किया- आज काशी में कीमती एनडीए के साथियों की मौजूदगी से मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। हमारा गठबंधन देश की प्रगति और क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करने की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है। हम आने वाले वर्षों में भारत की तरक्की के लिए मिलकर काम करेंगे। मोदी ने कहा- वाराणसी लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस ऐतिहासिक सीट के लोगों की सेवा करना सम्मान की बात है। जनता के आशीर्वाद से पिछले दशक में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल हुई हैं। आने वाले समय में काम की यह गति और भी तेज होगी।