यमुना नदी के पानी में कथित ज़हर मिलाने के विवाद में अब प्रधानमंत्री मोदी भी कूद पड़े हैं। जिस यमुना नदी के पानी में ज़हर मिलाए जाने का आरोप लगाते हुए अरविंद केजरीवाल ने चुनाव में मुद्दा बना दिया है, उसकी काट में पीएम मोदी ने कहा कि वह खुद भी यमुना का पानी पीते हैं। उन्होंने दिल्ली के लोगों से पूछा, 'क्या भाजपा की हरियाणा सरकार प्रधानमंत्री द्वारा पिए जाने वाले पानी में जहर मिला सकती है?' हरियाणा की सैनी सरकार ने केजरीवाल के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराने की बात कही है।
पीएम मोदी ने कहा कि हरियाणा द्वारा भेजा गया यमुना का पानी दिल्ली में रहने वाले सभी लोग पीते हैं, जिनमें वे खुद भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, 'यमुना का पानी जज, राजनयिक और गरीब लोग पीते हैं। कोई कैसे सोच सकता है कि हरियाणा मोदी को मारने के लिए इसमें जहर मिला देगा?' पीएम बुधवार को दिल्ली के घोंडा इलाके में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। इसमें पीएम ने अरविंद केजरीवाल के उस दावे पर प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी दिल्ली को आपूर्ति किए जाने वाले पानी में जहर मिलाती है।
पीएम ने कहा, 'आप-दा वाले कह रहे हैं कि हरियाणा वाले दिल्ली के पानी में जहर मिलाते हैं। ये सिर्फ हरियाणा का नहीं, बल्कि भारतीयों का अपमान है, हमारे संस्कारों का अपमान, हमारे चरित्र का अपमान है। ये वो देश है, जहां पानी पिलाना धर्म माना जाता है। इस देश के लोगों पर ऐसा झूठा आरोप कि कुछ भी बोल रहे हैं। मुझे पक्का विश्वास है कि ऐसी ओछी बातें करने वालों को दिल्ली इस बार सबक सिखाएगी। इन आप-दा वालों की लुटिया यमुना जी में ही डूबेगी।'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'उन्होंने यमुना पर वोट मांगे... लेकिन अब वे इसके बारे में बेशर्म हो रहे हैं। वे चाहते हैं कि दिल्ली पानी के लिए भीख मांगे। आप ने राजनीतिक लाभ के लिए पाप किया है। इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा... दिल्ली उन्हें कभी माफ नहीं करेगी।' उन्होंने कहा कि लेकिन भाजपा आपको साफ़ पानी दे सकती है।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'क्या हरियाणा के लोग दिल्ली में नहीं रहते? क्या हरियाणा दिल्ली के पानी को जहरीला कर सकता है? यहां तक कि प्रधानमंत्री भी यही पानी पीते हैं।' उन्होंने आप नेताओं की तुलना सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज से की, जो लोगों को ठगने के लिए कुख्यात था। उन्होंने कहा,
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आपने चार्ल्स शोभराज के बारे में सुना होगा। वह एक जाना-माना ठग था, लेकिन वह लोगों को भोलेपन से ठगने में इतना माहिर था कि हर बार लोग उसके झांसे में आ जाते थे। इसलिए ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
उन्होंने कहा, 'दिल्ली के एक पूर्व मुख्यमंत्री ने हरियाणा के लोगों पर घिनौने आरोप लगाए हैं। हार के डर से आप-दा के लोग घबरा गए हैं। क्या हरियाणा के लोग दिल्ली के लोगों से अलग हैं? क्या हरियाणा में रहने वालों के रिश्तेदार दिल्ली में नहीं रहते? क्या हरियाणा के लोग अपने ही लोगों के पीने के पानी में जहर मिला सकते हैं?'
उन्होंने कहा, 'यह सिर्फ हरियाणा का ही नहीं बल्कि भारतीयों का अपमान है, हमारे मूल्यों का अपमान है, हमारे चरित्र का अपमान है। यह वो देश है जहां पानी उपलब्ध कराना एक अच्छा काम माना जाता है। मुझे यकीन है कि इस बार दिल्ली ऐसी घटिया बातें करने वालों को सबक सिखाएगी। इन आप वालों की नाव यमुना में ही डूबेगी।'
पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि आप और कांग्रेस ने पर्दे के पीछे एक दूसरे के साथ गठबंधन किया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस और आप एक साथ सत्ता में आए तो दिल्ली को दोहरे आप-दा का सामना करना पड़ेगा।
चुनाव आयोग ने मांगे सबूत
चुनाव आयोग ने केजरीवाल के इस दावे का सबूत मांगा है कि हरियाणा राष्ट्रीय राजधानी की जलापूर्ति बाधित करने के लिए यमुना के पानी में "जहर" मिला रहा है। आयोग ने केजरीवाल को रात 8 बजे तक यह सबूत पेश करने के लिए कहा है कि बीजेपी ने जानबूझकर दिल्ली में अमोनिया युक्त पानी की आपूर्ति की।
बता दें कि चुनाव आयोग ने आरोपों को बेहद गंभीर माना है और दिल्ली सरकार व दिल्ली जल बोर्ड से कहा है कि वे जांच कराएं और अगर ऐसा है तो तत्काल सभी ज़रूरी क़दम उठाएँ। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित वरिष्ठ भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की थी।
क्या कहा सीएम आतिशी ने?
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाक़ात की। मुलाकात के बाद आतिशी ने कहा, 'हमने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों के समक्ष अपनी चिंताएं रखीं। यमुना में अमोनिया का स्तर सात पीपीएम तक बढ़ गया है, जो दिल्ली के जल उपचार संयंत्रों की शोधन क्षमता से अधिक है।' आतिशी ने कहा, 'निर्वाचन आयोग ने हमें बताया है कि वह कोई निर्णय लेने से पहले हरियाणा का पक्ष सुनेगा। हमें स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग पर भरोसा है।'
(इस रिपोर्ट का संपादन अमित कुमार सिंह ने किया है।)