डोमिनिका की एक अदालत ने भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। बुधवार को डोमिनिका की ईस्टर्न कैरेबियन सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि चोकसी को डोमिनिका में अवैध रूप से घुसने के मामले में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाए। चोकसी को पुलिस की सुरक्षा में अस्पताल भेज दिया गया है।
चोकसी को भारत को सौंपे जाने को लेकर भी अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान डोमिनिका की सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि मेहुल चोकसी की ओर से दायर याचिका अवैध है और इसलिए इसे नहीं सुना जाना चाहिए। वकील ने कहा कि उसे भारत को सौंप देना चाहिए।
चोकसी को अगर भारत लाने की अनुमति मिलती है तो इसके लिए सीबीआई के दो अफ़सर डोमिनिका पहुंच चुके हैं।
चोकसी के वकील ने डोमिनिका की अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। उसके वकील ने आरोप लगाया था कि चोकसी को क़ानूनी अधिकारों से वंचित कर दिया गया था और उसके शरीर पर चोटों के निशान थे।
बीते रविवार को एंटीगुआ और बरबुड़ा के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउने ने अपने सनसनीखेज दावे में कहा था कि चोकसी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ डोमिनिका गया था लेकिन उसे पकड़ लिया गया। उन्होंने डोमिनिका के अधिकारियों से कहा था कि वे चोकसी को सीधे भारत भेज दें।
लेकिन मेहुल चोकसी की पत्नी प्रीति ने ‘इंडिया टुडे’ से कहा कि गर्लफ्रेंड वाला एंगल इसलिए लाया गया है क्योंकि वे यह दिखाना चाहते हैं कि उनके पति ख़ुद ही छूट गए। उन्होंने कहा कि भारतीय एजेंसियां जांच ही नहीं करना चाहतीं। प्रीति ने कहा कि मेहुल भारत वापस नहीं जाना चाहते और डोमिनिका की सरकार को उन्हें एंटीगुआ वापस भेज देना चाहिए।
क्यूबा भागने की कोशिश में था
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुए 14 हज़ार कराेड़ के घोटाले के मास्टरमाइंड मेहुल चोकसी को बीते मंगलवार की रात उस वक़्त डोमिनिका से गिरफ़्तार कर लिया गया था, जब वह क्यूबा भागने की कोशिश कर रहा था। कुछ दिन पहले वह एंटीगुआ और बरबुड़ा से ग़ायब हो गया था और पुलिस जोर-शोर से उसकी तलाश में लगी हुई थी।
कहा जा रहा है कि वह क्यूबा इसलिए भाग रहा था कि क्योंकि एंटीगुआ की ही तरह क्यूबा के साथ भी भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है। पीएनबी घोटाले के सामने आने के बाद चोकसी जनवरी, 2018 में भारत छोड़कर भाग गया था और उसके बाद से एंटीगुआ में ही रह रहा था। चोकसी के परिवार ने उसके ग़ायब होने की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई थी।