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मराठा आरक्षण: महाराष्ट्र के 3 जिलों में कर्फ्यू, इंटरनेट बंद

मराठा आरक्षण: महाराष्ट्र के 3 जिलों में कर्फ्यू, इंटरनेट बंद

महाराष्ट्र में मराठा कोटा आंदोलन फिर से जोर पकड़ रहा है। जालना में एक बस को जला दिया गया। यहां मराठा कोटा नेता मनोज जारांगे पाटिल ने विरोध जताने के लिए मुंबई जाने की घोषणा की है। कम से कम तीन जिलों में इंटरनेट बंद कर कर्फ्यू लगा दिया गया है।

मराठा कोटा नेता मनोज जारंगे पाटिल के नेतृत्व में मराठा आरक्षण आंदोलन फिर जोर पकड़ रहा है। सोमवार को, महाराष्ट्र के जालना, छत्रपति संभाजीनगर और बीड जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया। इन जिलों में इंटरनेट पर फिलहाल पाबंदी लगा दी गई है। अधिकारियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित अफवाहों से संभावित अशांति पर चिंता जताई है।

एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि मराठा प्रदर्शनकारियों ने अंबाद तालुका के तीर्थपुरी शहर में छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर राज्य परिवहन की एक बस में आग लगा दी। इसके बाद महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) ने अगली सूचना तक जालना में बसों का संचालन बंद कर दिया है। एमएसआरटीसी प्रतिनिधि के अनुसार, जालना में बस संचालन अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है। एमएसआरटीसी के अंबाद डिपो प्रबंधक ने मराठा आंदोलनकारियों द्वारा एक बस में कथित तौर पर आग लगाने के संबंध में स्थानीय पुलिस स्टेशन में पुलिस शिकायत दर्ज कराई है।

जालना कलेक्टर श्रीकृष्ण पांचाल ने कहा कि जारांगे ने मुंबई की यात्रा करने और मराठा समुदाय के आरक्षण के लिए विरोध करने के अपने इरादे की घोषणा की है। इस वजह से इलाके में कुछ तनाव है। हिंसा की भी घटनाएं हुई हैं।जालना के अंतरवाली सरती गांव में लोगों के जमा होने से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। 

बड़ी भीड़ की आशंका के साथ, धुले-मुंबई राजमार्ग और पड़ोसी क्षेत्रों में यातायात बाधित होने की संभावना पुलिस ने जताई है। इसी वजह से कर्फ्यू भी लगाया गया है। जालना के डीएम ने कहा है, सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात, दूध वितरण, मीडिया आउटलेट और अस्पतालों को इस कर्फ्यू से छूट दी गई है।

रविवार की रात, मनोज जारंगे अंतरवाली सराती से रवाना हुए और पास के भमबेरी गांव में पहुंचे। हालाँकि, सोमवार की सुबह, वो अंतरवाली सराती लौट आए और अपना इलाज शुरू कराया। अपने पिछले भूख हड़ताल और रैलियों के लिए जाने जाने वाले जारांगे ने शनिवार से शुरू होने वाले नए विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है, जिसमें सड़क नाकेबंदी और अन्य कार्रवाइयां शामिल होंगी। उनकी मुख्य मांग आरक्षण के लिए मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल करना है। हालांकि सरकार ने समुदाय के लिए अलग से 10% कोटा देने के लिए विधेयक पेश किया है।

इस बीच मनोज जरांगे पाटिल ने सोमवार दोपहर को कहा कि सीएम एकनाथ शिंदे को अपने डिप्टी देवेंद्र फड़णवीस की बात नहीं सुननी चाहिए। मनोज जारांगे आरोप लगाया कि फड़णवीस उन्हें मारने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह मुंबई तक मार्च करेंगे और डिप्टी सीएम के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

महाराष्ट्र विधानसभा का अधिवेशन सोमवार को शुरू होने से पहले महाविकास अघाड़ी (एमवीए)  के विधायकों ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया। इन लोगों ने शिंदे सरकार पर आरोप लगाया कि मराठा आरक्षण पर वो राज्य के लोगों को गुमराह कर रही है। उसने ओबीसी आरक्षण के हिस्से में से आरक्षण का प्रस्ताव किया है। इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मनोज जरांगे पाटिल को आगाह किया कि वह अपनी सीमा पार न करें, क्योंकि पाटिल ने आरोप लगाया था कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस उन्हें "खत्म" करने की साजिश रच रहे हैं। मनोज जरांगे को संयम बरतने के लिए कहते हुए, शिंदे ने संकेत दिया कि पाटिल को "राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने" के लिए कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

बजट सत्र से पहले मुंबई में शिंदे ने कहा, “(राज्य) सरकार ने धैर्य दिखाया लेकिन लोगों को हमारे धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। किसी को अपनी सीमा नहीं लांघनी चाहिए. यह एक राजनीतिक साजिश है... गृह विभाग को सब कुछ पता है और किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि सरकार को जानकारी नहीं है। सरकार राज्य में शांति और कानून-व्यवस्था को बाधित करने वालों का समर्थन नहीं करेगी।”

महाराष्ट्र विधानसभा ने पिछले सोमवार को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में मराठों को 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए एक विधेयक पारित किया था। इससे पहले अदालतों ने 2014 और 2019 में बनाए गए समान कानूनों को रद्द कर दिया था। अतिरिक्त 10 प्रतिशत कोटा मौजूदा 62 प्रतिशत के अतिरिक्त होगा। 

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