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फेसबुक, ट्विटर से नहीं होता सीएम बदलने का फैसला: खट्टर

फेसबुक, ट्विटर से नहीं होता सीएम बदलने का फैसला: खट्टर

क्या हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को बदला जा सकता है? इस तरह की चर्चाएं बीते दिनों क्यों शुरू हुई हैं?

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की चर्चाओं को लेकर एक कार्यक्रम में जवाब दिया है। खट्टर ने करनाल में भगवान परशुराम महाकुंभ कार्यक्रम में कहा कि सोशल मीडिया का शौक रखने वाले कुछ लोगों को रात को मुख्यमंत्री बदलकर सोने की आदत हो गई है। बताना होगा कि हरियाणा के पंचायत चुनाव में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद इस तरह की चर्चाओं का दौर है कि मनोहर लाल खट्टर को बदला जा सकता है।

खट्टर ने कहा कि फेसबुक या ट्विटर के माध्यम से मुख्यमंत्री बदलने के फैसले नहीं होते हैं लेकिन मजे लेने वाले लोग मजे लेते हैं। 

पंचायत चुनाव में बीजेपी ने 102 सीटों पर अपने चुनाव चिन्ह पर पार्टी नेताओं को चुनाव लड़ाया था लेकिन उसे जिला परिषदों में 22 सीटों पर ही जीत मिली थी। आम आदमी पार्टी ने 114 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और उसने 15 सीटों पर जीत हासिल की थी। 

कहां से शुरू हुई चर्चा?

मुख्यमंत्री बदले जाने की चर्चा हाल ही में अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस में वरिष्ठ पत्रकार कूमी कपूर के एक लेख के बाद शुरू हुई थी। इस लेख में कहा गया था कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आरएसएस के प्रचारकों को पिछले महीने अपने घर चाय पर बुलाया था। इस बैठक में आरएसएस के प्रचारकों ने जब यह कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को हरियाणा में भजन लाल, बंसी लाल और देवीलाल के सबसे लंबे वक्त तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड तोड़ना चाहिए तो खट्टर ने कहा कि उनकी किसी रिकॉर्ड को तोड़ने की योजना नहीं है बल्कि उन्हें इस बात का अंदेशा है कि उन्हें उनके पद से हटाया जा सकता है।

इस लेख में यह भी कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मनोहर लाल खट्टर से हुई उनकी मुलाकात में उनसे पूछा था कि क्या वह खुश हैं। इसके बाद खट्टर ने उनका इस बात के लिए आभार जताया था कि उन्होंने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया। बताना होगा कि अपनी राजनीति के पुराने दिनों में मनोहर लाल खट्टर और नरेंद्र मोदी एक ही कमरे में रहे थे। 

इस लेख के बाद मनोहर लाल खट्टर को बदले जाने की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था। 

खट्टर ने कहा कि लोग सोशल मीडिया पर ऐसी चर्चा करते हैं कि यह मुख्यमंत्री गया, कल कोई दूसरा मुख्यमंत्री आएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कोई आए या ना आए, आपको काम चाहिए, बीजेपी का जो भी मुख्यमंत्री होगा, प्रधानमंत्री होगा, वह जनता के हित में काम करेगा और यह हमारी विचारधारा, उपलब्धियों और घोषणापत्र का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि व्यक्तियों के हिसाब से कुछ भी नहीं बदलता है। 

 - Satya Hindi

खट्टर ने सार्वजनिक सभा में यह बयान देकर अपने सियासी विरोधियों को भी घेरा है। बताना होगा कि हरियाणा में साल 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की पूर्ण बहुमत से सरकार बनी थी लेकिन साल 2019 के विधानसभा चुनाव में वह अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर सकी थी और उसे जननायक जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनानी पड़ी थी। हरियाणा में साल 2024 के अंत में विधानसभा के चुनाव होंगे लेकिन उससे पहले लोकसभा के चुनाव भी होने हैं। 

ये हैं प्रमुख दावेदार

पंचायत चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद अगर बीजेपी को मनोहर लाल खट्टर को उनके पद से हटाना पड़ा तो राज्य सरकार के गृह मंत्री अनिल विज एक बड़े चेहरे के रूप में सामने आते हैं। 

इसके अलावा प्रदेश बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष रामविलास शर्मा, कैप्टन अभिमन्यु, गुड़गांव से बीजेपी के सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के साथ ही फरीदाबाद के सांसद और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का नाम भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में लिया जाता है। 

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