एक साल से ज़्यादा समय से हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में शांति आती नहीं दिख रही है। जब भी शांति की उम्मीद वाले बयान आते हैं कि फिर कोई न कोई हिंसा हो जाती है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शुक्रवार को ही छह महीने के अंदर शांति बहाली का वादा किया और शनिवार को एक बीजेपी नेता के घर को जला दिया गया।
मणिपुर में कुकी-जो आदिवासी लोगों द्वारा अलग प्रशासन की मांग को लेकर निकाली गई विरोध रैलियों के दौरान अज्ञात हमलावरों ने बीजेपी के प्रवक्ता के घर में आग लगा दी। आगजनी राज्य के चुराचांदपुर जिले के पेनियल गांव में की गई। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के अनुसार जिस घर को निशाना बनाया गया वह घर माइकल लामजाथांग हाओकिप के माता-पिता का था। वह भाजपा प्रवक्ता हैं और थाडौ जनजाति के नेता हैं। उनके कुछ सदस्य 'कुकी' के रूप में नहीं पहचाना चाहते हैं और मैतेई समुदाय के साथ मेल-मिलाप के पक्ष में हैं।
जिस अलग प्रशासन की मांग को लेकर कुकी समूह प्रदर्शन कर रहे हैं उसको मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने साफ़ तौर पर खारिज कर दिया है। उन्होंने शुक्रवार को केंद्र की मदद से छह महीने में राज्य में पूर्ण शांति बहाल करने का वादा भी किया। मुख्यमंत्री ने एक इंटरव्यू में पहली बार यह भी बताया कि उन्होंने नगा विधायक और हिल एरिया कमेटी के अध्यक्ष डिंगांगलुंग गंगमेई को कुकी-जो और मैतेयी नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए दूत नियुक्त किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमारे पूर्वजों का 2,000 साल पुराना इतिहास है। इसके लिए कई लोगों ने बलिदान दिया। इस राज्य को तोड़ा नहीं जा सकता। इसका अलग प्रशासन नहीं हो सकता। हालांकि स्वायत्त परिषदों के माध्यम से विकास की रफ्तार तेज करने पर विचार हो सकता है। इसके लिए केंद्र सरकार से विशेष पैकेज देने का अनुरोध करेंगे।'
मुख्यमंत्री के इस बयान के एक दिन बाद ही बीजेपी नेता के घर पर हमला हुआ। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने हमले की निंदा की। उन्होंने कहा, 'शांति रैलियों की आड़ में अक्सर हमारे लोगों को बार-बार निशाना बनाना एक बहुत ही परेशान करने वाली प्रवृत्ति है।'
उन्होंने एक्स को लिखा, 'उकसाने की ऐसी हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। हम सुनिश्चित करेंगे कि जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए। इसके अलावा, संभावित ख़तरों की पूर्व चेतावनी के बावजूद पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने वाले संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।'
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार हाओकिप ने कहा कि शनिवार की घटना एक साल के भीतर उनके परिवार के घर पर अति-कुकी वर्चस्ववादियों और चरमपंथी समूहों द्वारा किया गया तीसरा हमला था। उन्होंने कहा, 'मेरे माता-पिता और परिवारों को मेरे किसी भी कृत्य के लिए निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए था।'
हमले से पहले सैकड़ों कुकी-ज़ो आदिवासी लोगों ने अलग प्रशासन की मांग को लेकर चूराचांदपुर के लीशांग, कांगपोकपी के कीथेलमैनबी, टेंग्नौपल के मोरेह और जिरीबाम और तामेंगलोंग जिलों की सड़कों पर प्रदर्शन किया। रैलियों का आयोजन कुकी इंपी मणिपुर, एक शीर्ष आदिवासी निकाय और कुकी छात्र संगठन द्वारा किया गया था।
प्रदर्शनकारियों द्वारा लहराए जा रहे बैनरों में से एक पर लिखा था- 'मणिपुर में शांति के लिए, भारत माता को कुकीलैंड नामक एक नया राज्य बनाना होगा'।
लोगों ने हाल ही में वायरल ऑडियो क्लिप के लिए बीरेन सिंह के खिलाफ नारे भी लगाए। वीडियो में उन्हें कथित तौर पर जातीय हिंसा में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए सुना जा सकता है। मणिपुर पुलिस ने कहा कि ऑडियो से छेड़छाड़ की गई है।
बता दें कि हाल ही में द वायर ने उस ऑडियो टेप को जारी कर कहा है कि इसमें आवाज़ कथित तौर पर मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह की है और वह बम के इस्तेमाल की बात कह रहे हैं। इसके अलावा सीएम ने कुकी महिलाओं को कथित तौर पर बलात्कार व नग्न परेड कराने के मामले में कहा 'उनके साथ बलात्कार हुआ था इसका सबूत कहां है?' वह यह भी कहते हैं कि उन महिलाओं को 'बचाने के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों को पुरस्कृत किया जाए'।
पिछले एक वर्ष के दौरान राज्य में जारी हिंसा में 226 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इसमें 20 महिलाएं और 8 बच्चे भी शामिल हैं। करीब 1500 घायल हुए हैं। वहीं 60 हजार लोग इस हिंसा के कारण राज्य के भीतर ही विस्थापित हुए हैं। इसके साथ ही 13247 आवास, दुकान, समेत अन्य संरचनाएं नष्ट हो गई हैं। मारे गए लोगों के अलावा करीब 28 लोग अब भी लापता हैं जिनके बारे में माना जा रहा है कि या तो उनका अपहरण हुआ है या उनकी हत्या कर दी गई है।