झारखंड के सिमडेगा में भीड़ ने कुछ पेड़ों को काटे जाने पर एक शख्स को मौत के घाट उतार दिया। यह घटना मंगलवार को कोलेबिरा पुलिस थाना क्षेत्र में हुई। मारे गए शख्स का नाम संजू प्रधान है। सिमडेगा पुलिस का कहना है जिन पेड़ों को काटा गया उसका मुंडा समुदाय में बेहद सम्मान है।
मारे गए शख्स ने अक्टूबर 2021 में इन पेड़ों को काट दिया था। इससे मुंडा समुदाय के लोग बेहद गुस्से में थे।
संजू प्रधान की उम्र 34 साल थी और वह चापरीदीपा गांव का रहने वाला था। पुलिस ने कहा कि भीड़ ने मंगलवार को संजू प्रधान को उसके घर से खींचकर बाहर निकाला और एक पास के गांव में ले गई। वहां एक बैठक हुई और इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई।
संजू के परिजनों ने पुलिस को बताया कि भीड़ ने पहले तो संजू प्रधान को डंडों और ईटों से मारा और उसके बाद उसे जिंदा जला दिया।
कोलेबिरा पुलिस ने कहा है कि संजू प्रधान प्रतिबंधित समूह सीपीआई माओवादी का सदस्य रह चुका था। उसे गिरफ्तार भी किया गया था और हाल ही में वह जमानत पर बाहर आया था। पुलिस का कहना है कि ग्रामीणों ने पेड़ काटने को लेकर पहले भी ऐतराज जताया था लेकिन संजू प्रधान बार-बार ऐसा कर रहा था और इसे लेकर ग्रामीणों में बेहद गुस्सा था।
सिमडेगा के पुलिस आयुक्त सुशांत गौरव ने कहा है कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में दोषियों को सजा दिलाने की पूरी कोशिश कर रहा है।
झारखंड में मॉब लिंचिंग की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसे देखते हुए ही राज्य की विधानसभा में भीड़ हिंसा और भीड़ की हत्या से जुड़ा एक विधेयक कुछ ही दिन पहले लाया गया था।
निश्चित रूप से यह घटना बेहद परेशान करने वाली है क्योंकि किसी पेड़ को काटने की गलती की वजह से किसी शख्स की इतनी निर्दयता से, बेरहमी से हत्या कर देना कानूनन बहुत बड़ा गुनाह है।