पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि ऐसे समय जब पश्चिम बंगाल में मतदान हो रहा है, प्रधानमंत्री बांग्लादेश जाकर मातुआ लोगों की बात करते हैं और इस तरह वे राज्य के मतुआ वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश करती हैं।
क्या कहा मोदी ने?
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश में पश्चिम बंगाल के बारे में कई तरह की बातें की हैं जबकि राज्य में चुनाव चल रहे हैं और पहले चरण का मतदान जारी है।
ममता बनर्जी नरेंद्र के उस भाषण के बारे में कह रही थीं जो मोदी ने बांग्लादेश के ओराकांदी में दिया है। प्रधानमंत्री मातुआ के सबसे बड़े तीर्थ स्थल गए, दर्शन किया और मातुआ समुदाय को संबोधित किया। उन्होंने विस्तार से बताया कि किस तरह वे मातुआ की समुदाय की 'बड़ो माँ' वीणापाणि देवी से मिलने ठाकुरनगर गए थे और 'बड़ो माँ' ने उन्हें कितना स्नेह दिया था।
ममता बनर्जी का आरोप इस आधार पर है कि मातुआ समुदाय के लोगों की संख्या पश्चिम बंगाल में लगभग दो करोड़ है और वे लगभग 60-70 विधानसभा सीटों के चुनाव नतीजों को प्रभावित करने की स्थिति में हैं। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो के कहने का आशय यह हो सकता है कि प्रधानमंत्री के इस काम से पश्चिम बंगाल के मतदाता प्रभावित हो सकते हैं।
ममता बनर्जी ने आमसभा में कहा,
“
"देखो, यहाँ चुनाव हो रहे हैं और वे बांग्लादेश जाकर पश्चिम बंगाल पर भाषण दे रहे हैं। यह चुनाव आचार संहिता का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है।"
ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, "नियम क़ानून सबके लिए समान है, इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जा सकता है।"
आम चुनाव के पहले भी लगा था आरोप
याद दिला दें कि आम चुनाव 2019 का प्रचार कार्य ख़त्म होने और मतदान के पहले नरेंद्र मोदी केदारनाथ मंदिर चले गए और वहाँ ध्यान लगाने बैठ गए। उनके वहाँ जाने और ध्यान लगाने को काफी देर टेलीविज़न चैनलों पर दिखाया जाता रहा।
उस समय भी चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा था। टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने मुख्य चुनाव आयुक्त को चिट्ठी लिख कर कहा था कि चुनाव प्रचार 17 मई शाम 6 बजे ही ख़त्म हो गया, पर मोदी केदारनाथ पहुँचे हुए हैं और उनकी इस यात्रा के पल-पल का ब्योरा टेलीविज़न चैनलों पर दिखाया जा रहा है। यह एक तरह का प्रचार ही है और इसलिए आचार संहिता का उल्लंघन है।
टीएमसी ने किया था विरोध
तृणमूल ने कहा, 'मोदी ने यह घोषणा भी की है कि केदारनाथ का मास्टर प्लान बन तक तैयार है। इसके अलावा उन्होंने वहाँ एक जनसभा को भी संबोधित किया।'
टीएमसी ने कहा कि वहाँ मौजूद लोग 'मोदी मोदी' के नारे लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपरोक्ष रूप से वहाँ चुनाव प्रचार का रास्ता निकाल लिया।
वोटिंग के बाद ‘रोड शो’
इस तरही 23 अप्रैल 2019 को अहमदाबाद में वोटिंग के बाद मोदी के रोड शो को लेकर विपक्षी नेताओं ने विरोध दर्ज कराया था। वोट डालने के बाद प्रधानमंत्री ने एक खुली जीप की सवारी की, सड़क पर चले और यहाँ तक कि एक छोटा भाषण भी दिया था।
इसमें मोदी ने कहा था, ‘आतंकवाद का हथियार आईईडी है। लोकतंत्र की ताक़त मतदाता पहचान पत्र है। मैं निश्चित रूप से कह सकता हूँ कि मतदाता पहचान पत्र आईईडी की तुलना में बहुत अधिक शक्तिशाली है, इसलिए हमें अपने मतदाता पहचान पत्रों की ताक़त को समझना चाहिए।’ मोदी ने यह बात ‘आईईडी बनाम वोटर आईडी’ थीम पर कही, जो कि उनकी सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रचार को दर्शाती है।