कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'छतरी' वाले तंज पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि किसकी छतरी की छाया के नीचे आपके 'परम मित्र' ने देश का सबकुछ लूटा? उन्होंने इस मामले को उठाते हुए पूछा कि केंद्र अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी की जाँच की घोषणा कब करेगा।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए हमले के जवाब में ट्वीट कर कहा कि हम तो तिरंगे की छाँव में खड़े कांग्रेसी हैं जिसने 'कंपनी राज' को हराकर देश को स्वतंत्र बनाया और देश को 'कंपनी राज' कभी बनने नहीं देंगे।
अडानी-हिंडनबर्ग मसले पर देश में बवाल मचा हुआ है। पूरा विपक्ष इसको लेकर सवाल खड़ा कर रहा है। यह मामला इसलिए चल रहा है कि अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने क़रीब पाँच हफ़्ते पहले गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह के खिलाफ कई आरोप लगाने वाली एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि इसकी कंपनियां शेयर की कीमतों का प्रबंधन और हेरफेर करती हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च ने उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों पर स्टॉक में हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हमने अपनी रिसर्च में अडानी समूह के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों सहित दर्जनों व्यक्तियों से बात की, हजारों दस्तावेजों की जांच की और इसकी जांच के लिए लगभग आधा दर्जन देशों में जाकर साइट का दौरा किया। हालाँकि, अडानी समूह ने इन आरोपों का खंडन किया है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद से अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों की क़ीमतें धड़ाम गिरी हैं।
खड़गे का यह बयान तब आया है जब कर्नाटक के बेलगावी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने कर्नाटक का अपमान किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पार्टी के अधिवेशन के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे धूप में खड़े रहे और उनको छाता तक नसीब नहीं हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह खड़गे का अपमान है। उन्होंने इसे कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले खड़गे से जोड़ते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस कर्नाटक का अपमान करती रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा,
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...कहने को तो खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष हैं, लेकिन कांग्रेस में उनके साथ जैसा बर्ताव होता है, उसे देखकर पूरी दुनिया समझ रही है कि रिमोट कंट्रोल किसके हाथ में है।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
इसी साल चुनाव का सामना करने वाले कर्नाटक के बेलगावी में एक रैली में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर कर्नाटक के पार्टी नेताओं के साथ बुरा बर्ताव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी 'कर्नाटक से नफरत करती है' और जब भी पार्टी किसी स्थानीय नेता से परेशान होती है तो वह 'अपमानित करना शुरू कर देती है'। उन्होंने कहा कि इतिहास कांग्रेस वंशवादियों के हाथों एस निजलिंगप्पा और वीरेंद्र पाटिल जैसे नेताओं के अपमान का गवाह है।
पीएम मोदी ने कांग्रेस द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों एस निजलिंगप्पा और वीरेंद्र पाटिल को सत्ता से हटाने को एक चेतावनी बताया। निजलिंगप्पा और पाटिल दोनों चुनावी रूप से शक्तिशाली लिंगायत समुदाय से आते हैं, जो राज्य की आबादी का 17 प्रतिशत है; खड़गे दलित समुदाय से आते हैं।
1956 से 1958 और 1962 से 1968 तक कर्नाटक के सीएम रहे निजलिंगप्पा, इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस से अलग हो गए थे और एक अलग गुट में बने रहे। माना जाता है कि उन्होंने प्रमुख लिंगायत समुदाय को एक शक्तिशाली राजनीतिक ताक़त के रूप में इकट्ठा करने की नींव रखी थी। पाटिल भी दो बार (1968-1971 और 1989-1990) मुख्यमंत्री रहे और राजीव गांधी द्वारा 1990 में उन्हें अनौपचारिक रूप से हटा दिया गया था।