क्या महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार तय कार्यकाल से पहले ही गिर जाएगी? कम से कम केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने तो ऐसा ही दावा किया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र में बहुत जल्द ही बदलाव देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार मार्च तक बदल जाएगी और बीजेपी सत्ता में होगी।
राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर उन्होंने कथित तौर पर कहा, 'महाराष्ट्र में बहुत जल्द बदलाव दिखेगा। बदलाव मार्च तक होगा। सरकार बनाने या सरकार तोड़ने के लिए कुछ चीजों को गुप्त रखना होगा।'
कांग्रेस और शिवसेना के पूर्व सदस्य और मौजूदा समय में बीजेपी नेता नारायण राणे ने कहा है कि राज्य में 'सरकार तोड़ने' और भाजपा नेतृत्व स्थापित करने का प्रयास चल रहा है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने उनके हवाले से लिखा है, 'उद्धव ठाकरे अस्वस्थ हैं, इसलिए हमारी पार्टी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने हमसे कहा है कि अब उनके बारे में बात न करें। लेकिन महाराष्ट्र में तीन दलों की महा विकास अघाड़ी सरकार लंबे समय तक नहीं रहेगी।'
बता दें कि दो हफ्ते पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई के एचएन रिलायंस अस्पताल में एक सफल सर्वाइकल स्पाइन सर्जरी करवाई थी। महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की गठबंधन सरकार है।
महा विकास अघाड़ी सरकार गठन से पहले बीजेपी और शिवसेना सहयोगी थीं और 2014 से 2019 तक उनका गठबंधन राज्य की सत्ता में था।
यहाँ तक कि दोनों दलों ने 2019 में चुनाव भी साथ लड़ा था और गठबंधन को बहुमत भी मिला था, लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर दोनों दलों में बात नहीं बनी। इस बीच एनसीपी और कांग्रेस ने शिवसेना को समर्थन की बात कही। इस तरह बीजेपी और शिवसेना के बीच मतभेदों के कारण विभाजन हो गया। इसके बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस से हाथ मिला लिया।
वैसे, नारायण राणे की अब शिवसेना सरकार से तनातनी भी चल रही है। हाल ही में राणे को उनकी एक विवादास्पद टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया गया था। गिरफ़्तारी इसलिए हुई थी कि उन्होंने एक विवादित बयान में कह दिया था कि वह उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारना चाहते हैं। बाद में वह जमानत पर रिहा हो गए।
राणे ने अपना राजनीतिक करियर शिव सेना से ही शुरू किया था। वह शिव सेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के बेहद करीबियों में शुमार होते थे। 1990 में पहली बार शिव सेना के टिकट पर विधायक बने थे।
राणे शिव सेना में शाखा प्रमुख जैसे शुरुआती दायित्व से चलकर बाला साहेब के आशीर्वाद से 1999 में मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच गए। लेकिन 2003 में जब उद्धव ठाकरे को शिव सेना का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया तो राणे ने इसका पुरजोर विरोध किया और उनका विरोध जारी रहने के बाद 2005 में बाला साहेब ठाकरे ने राणे को पार्टी से बाहर कर दिया।
शिव सेना छोड़ने के बाद वे कांग्रेस में आए लेकिन 2017 में कांग्रेस छोड़ दी। उन्होंने पार्टी पर आरोप लगाया कि उसने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का वादा पूरा नहीं किया। इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष बनाई और फिर उसका बीजेपी में विलय कर दिया। राणे के बेटे नितेश राणे भी विधायक हैं।