महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि राज्य में जो कोरोना रोगी पाए गए हैं, उनमें से 80 प्रतिशत ऐसे हैं, जिनमें पहले से संक्रमण का लक्षण नहीं दिखा था।
यह बात इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि राज्य में अब तक 7,628 कोरोना के मामले पाए गए हैं, जो पूरे देश में सबसे अधिक है। महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा कोरोना मामले राजधानी मुंबई में मिले हैं।
ठाकरे ने यह भी कहा कि लॉकडाउन 3 मई के बाद बढ़ाने के मुद्दे पर बाद में फ़ैसला लिया जाएगा।
क्या होगा 3 मई के बाद
उन्होंने कहा, ‘लॉकडाउन पर हमें क्या करना है, इस पर निर्णय 30 के बाद लिया जायेगा। हम लोग कुछ चीजें खोलने जा रहे हैं, उसके बाद मैं पूरी योजना का अध्ययन करूंगा।’मुख्यमंत्री ने कुछ चीजों को खोलने के बारे में कहा, ‘डॉक्टरों को अपना क्लीनिक खोलना चाहिए। डायलिसिस केंद्र खुलने चाहिए।’
मुंबई में कोरोना संक्रमितों के जो मामले लॉकडाउन पार्ट 2 में सामने आए हैं, उनमें स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस और पत्रकारों की भी बड़ी संख्या है और यह अपने आप में चिंता का विषय है।
महाराष्ट्र में कोरोना का पहला मामला 9 मार्च को प्रकाश में आया था। मुंबई में बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय यात्री आते हैं, इसलिए यहां पर संक्रमण के मामले भी तेजी से बढ़े। एक महीने में राज्य सरकार ने ग्रीन, रेड और ऑरेंज जोन में प्रदेश का बंटवारा जैसे कई कदम उठाये और उसका असर देखने को मिल रहा है।