शिवसेना के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए उद्धव ठाकरे की टीम कार्रवाई करने जा रही है। ऐसा मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है। रिपोर्ट के अनुसार शिवसेना महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष के पास क़रीब 12 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की अपील कर रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाँच बागियों को अयोग्य ठहराने की अपील कर भी दी गई है और बाक़ी के ख़िलाफ़ ऐसी कार्रवाई करने की प्रक्रिया जारी है।
उद्धव ठाकरे टीम की यह कार्रवाई तब हो रही है जब संजय राउत ने आज ही एक पत्रकार वार्ता में कहा है कि अगर पार्टी से बगावत करने वाले विधायक 24 घंटे में मुंबई लौट आते हैं तो पार्टी महा विकास आघाडी गठबंधन से बाहर निकलने की उनकी मांग पर विचार करने के लिए तैयार है। इसके कुछ देर बाद ही राउत ने ट्वीट कर कहा कि विद्रोहियों के लिए दरवाजे खुले हैं, गुलामी से बेहतर है शिवसेना में रहना।
महाराष्ट्र में मौजूदा राजनीतिक संकट को देखते हुए लगता है कि शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार टूटने की कगार पर है। विद्रोही खेमा दलबदल विरोधी क़ानून के तहत कार्रवाई का सामना किए बिना पार्टी को तोड़ने के लिए ज़रूरी संख्या जुटा रहा है। एकनाथ शिंदे के समर्थकों का दावा है कि लगभग 40 विधायक होटल में हैं जो दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता के जोखिम से बचने के लिए ज़रूरी संख्या 37 से अधिक है। हालाँकि, सूत्रों के हवाले से ख़बर आ रही है कि शिवसेना के बागियों की अभी भी पर्याप्त संख्या नहीं है और इसी कारण वे अगले क़दम का इंतज़ार कर रहे हैं। हालाँकि आज ही हुई उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में बैठक में उनके समर्थक 13 विधायक ही पहुँचे थे।
एक रिपोर्ट में एकनाथ शिंदे के हवाले से दावा किया गया है कि शिवसेना के 37 बागी विधायक शिंदे के गुट में शामिल हैं और दो और विधायकों के शामिल होने की संभावना है।
राज्य में मचे राजनीतिक घमासान के बीच संजय राउत ने कहा, 'बालासाहेब ठाकरे के समय में भी बहुत से लोगों ने पार्टी छोड़ी थी। हमने पार्टी का पुनर्निर्माण किया और इसे हम सत्ता में भी ले आए। अब उद्धव जी और मेरी ओर से यह एक खुली चुनौती है कि हम फिर से पार्टी का पुनर्निर्माण करेंगे, और हम फिर से सत्ता में आएंगे।'
महाराष्ट्र के दिग्गज नेता और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार शाम को साफ कर दिया कि उद्धव सरकार के भविष्य का फैसला विधानसभा में होगा। सदन में तय होगा कि किसके पास संख्या बल है। उन्होंने कहा कि उद्धव की सरकार बचाने के लिए हमसे जो बनेगा, करेंगे। एनसीपी नेता ने कहा कि पूरी एनसीपी उद्धव के साथ है। कांग्रेस ने भी साथ देने का ऐलान पहले से ही कर दिया है।
महाराष्ट्र संकट के दौरान शरद पवार का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शरद पवार ने कहा कि जब तक बाकी विधायक मुंबई नहीं लौटते हैं, तब तक कुछ भी तस्वीर साफ होने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि जो विधायक बागी हुए हैं, उन्हें इसकी कीमत चुकानी ही होगी। पवार ने कहा कि शिवसेना के बागी विधायकों को यह सोचना होगा कि वे जनता के बीच आएंगे और उन्हें जनता का सामना करना ही पड़ेगा।