महाराष्ट्र: नौकरी के लिए रोज़ाना रेल यात्रा करने वालों पर लटकी छंटनी की तलवार 

08:13 am Jul 29, 2020 | शिरीष खरे - सत्य हिन्दी

नौकरी के लिए रोजाना पुणे और मुंबई के बीच यात्रा करने वाले कर्मचारियों के लिए बेरोज़गारी का ख़तरा बढ़ता ही जा रहा है। बीते चार महीने से लॉकडाउन के कारण रेल सेवा प्रभावित होने से इन नौकरीपेशा लोगों के लिए पुणे से मुंबई के लिए नियमित रूप से काम पर जाना-आना संभव नहीं हो पा रहा है। शुरुआत में घर से काम करने का प्रस्ताव देने वाले कई  संस्थान अब अपने कर्मचारियों को दफ़्तर आकर काम करने को कह रहे हैं। 

बंद कार्यालय

एक निजी कंपनी में काम करने वाली नीना मस्के कहती हैं कि मार्च में कोरोना पर काबू पाने के लिए जब लॉकडाउन की घोषणा की गई तो रेल सेवा बंद होने के कारण कंपनियों ने कार्यालय भी बंद कर दिए। इसके बाद कई महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों के कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दी गई थी। 

कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना संकट में रेलवे के बंद होने और मुंबई में क्वरेन्टाइन की प्रक्रिया को देखते हुए काम के लिए कार्यालय में तुरंत और नियमित उपस्थिति दर्ज कराना फिलहाल संभव नहीं लग रहा है। कई संस्थान ऐसे कर्मचारियों को मुंबई में ही रहने के लिए कह रहे हैं।

मुंबई-पुणे ट्रेन सफ़र

रेल यात्री समूह की अध्यक्ष हर्षा शाह बताती हैं कि पुणे शहर में रहने और नौकरी या व्यवसाय के लिए रोजाना मुंबई जाने-आने वाले लोगों की संख्या लगभग 10 से 12 हज़ार है। उनके अनुसार, 'कई कर्मचारी मंत्रालय, उच्च न्यायालय, सरकारी-निजी बैंकों, सरकारी, अर्ध-सरकारी और निजी कार्यालयों में काम करते हैं। सुबह पुणे से जाने वाली ट्रेनों में डेक्कन क्वीन, सिंहगढ़ और प्रगति एक्सप्रेस प्रमुख हैं, इनके अलावा अन्य ट्रेनें भी मुंबई पहुंचती हैं। शाम को मुंबई से पुणे के लिए कई ट्रेनें रवाना होती हैं।'

सुबह पुणे से मुंबई काम पर कर्मचारी कई बार देर रात अपने घर पहुँचते हैं। वे पिछले कई वर्षों से इस तरह की यात्रा कर रहे हैं। लेकिन, बदली हुई परिस्थिति में रेल सेवा ठप होने से इनके जीवन में यह ठहराव आ गया है।

नौकरी ख़तरे में

हर्षा बताती हैं कि पुणे में बड़ी संख्या में लोग रहते हैं और मुंबई में सरकारी और निजी क्षेत्रों में काम करते हैं। यात्रा के साधनों की कमी और अन्य कठिनाइयों के कारण उनके जाने-आने में मुश्किलें आ रही हैं, इसलिए कई लोगों की नौकरी खतरे में पड़ गई हैं। हर्षा कहती हैं,

सरकार को इस तरह के सभी कर्मचारियों का ध्यान रखते हुए पुणे और मुंबई के बीच नियमित रूप से विशेष रेल सेवा शुरू करनी चाहिए।'


हर्षा शाह, अध्यक्ष, रेल यात्री समूह

नई नौकरियाँ

दूसरी तरफ, राज्य के कौशल विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के मुताबिक़, पिछले तीन महीनों के दौरान वेब पोर्टल के माध्यम से एक लाख 72 हजार 165 बेरोजगारों ने नौकरी के लिए आवेदन किया था। इनमें सबसे अधिक संख्या पुणे में रही। यहाँ 37 हज़ार 562 लोगों ने काम माँगा। वहीं, मुंबई में 24 हजार 520 लोगों ने आवेदन किया। 

लेकिन, कोरोना संक्रमण के लिहाज से महाराष्ट्र में पुणे ठाणे और मुंबई से आगे निकल चुका है। यह 27 जुलाई तक 48 हज़ार से अधिक एक्टिव मरीजों के साथ नया हॉटस्पॉट बन गया है। इसके बाद, 36 हज़ार एक्टिव मरीजों के साथ ठाणे दूसरे और 22 हज़ार से अधिक एक्टिव मरीजों के साथ मुंबई अब तीसरे स्थान पर आ गया है।