महाराष्ट्र में अचानक हुए इस सियासी घटनाक्रम को लेकर आगे की रणनीति बनाने के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शनिवार शाम को 4.30 बजे पार्टी के विधायकों की बैठक बुलाई है। पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा है कि हमने अपने सभी विधायकों के हस्ताक्षर लिए थे और इसी का दुरुपयोग शपथ लेने के लिए किया गया है। नवाब मलिक ने कहा कि यह सरकार धोखे से बनाई गई है और यह विधानसभा के फ़्लोर पर हार जाएगी। मलिक ने कहा कि सारे विधायक हमारे साथ हैं।
दूसरी ओर, एनसीपी में टूट होने को लेकर जो अटकलें चल रही थीं, उस पर पार्टी प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने मुहर लगा दी है। सुप्रिया सुले ने अपने वॉट्सऐप स्टेटस में लिखा है कि परिवार और पार्टी दोनों टूट गए हैं।
कहा जा रहा है कि एनसीपी के 56 में 22 विधायक अजीत पवार के साथ हैं और कई जगह यह आंकड़ा 35 बताया गया है। हालाँकि शरद पवार ने कहा है कि बीजेपी के साथ सरकार बनाने का फ़ैसला उनका नहीं है। पवार ने कहा है कि अजीत पवार का बीजेपी को समर्थन देने का फ़ैसला उनका निजी है और इसका एनसीपी से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि वह इस फ़ैसले का समर्थन नहीं करते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल पटेल ने भी कहा है कि यह शरद पवार का फ़ैसला नहीं है।
अजीत पवार पार्टी के संसदीय बोर्ड के नेता हैं और राज्य की राजनीति में उनका भी सियासी रसूख है। काफ़ी दिनों से यह देखा जा रहा था कि अजीत पवार अपनी पार्टी से नाराज चल रहे थे। विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने विधायक के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। तब भी इसे लेकर ख़ासी हैरानी हुई थी। अजित के इस्तीफ़े को लेकर अनेक कयास लगाए गए थे और कुछ लोगों ने इसे पवार परिवार में सियासी कलह का नतीजा बताया था तो कुछ ने कहा था कि पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री पद के रूप में प्रोजेक्ट नहीं कर रही थी, इसलिए वह नाराज थे।
दूसरी ओर, फडणवीस की पिछली सरकार में मंत्री रहे गिरीश महाजन ने कहा है कि अजीत पवार ने राज्यपाल को अपने विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंप दी है। उन्होंने कहा कि पवार एनसीपी के विधायक दल के नेता हैं और इसका अर्थ है कि एनसीपी के सभी विधायकों का समर्थन बीजेपी के साथ है।