महाराष्ट्र : मुख्य मंत्री दें इस्तीफ़ा, शिवसेना ने कहा

12:37 pm Nov 08, 2019 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच समझौते की संभावना ख़त्म होती जा रही है तकरार बढ़ता ही जा रहा है। ताजा़ घटनाक्रम में शिवसेना ने राज्य के मुख्य मंत्री देवेनेंद्र फडणवीस से इस्तीफ़ा माँगा है।

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल ख़त्म हो रहा है, लिहाज़ा मुख्य मंत्री को पद पर बने रहने का कोई हक़ नहीं है, उन्हें पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। 

उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी को 'कार्यवाहक' सरकार के प्रावधानों का 'दुरुपयोग' नहीं करना चाहिए। 

इंडियन एक्सप्रेस ने ख़बर दी है कि बीजेपी के नेताओं ने उसे बताया है कि पार्टी के पास दो विकल्प हैं। पहला विकल्प यह है कि पार्टी फडणवीस के बदले किसी और को मुख्य मंत्री बनाए, दूसरा विकल्प यह है कि वह अगले 15 दिन तक 'कार्यवाहक सरकार' चलाती रहे।

यह चर्चा ज़ोरों पर है कि कांग्रेस महाराष्ट्र के अपने तमाम विधायकों को वहाँ से हटा कर जयपुर के किसी होटल में रखने जा रही है। लेकिन, इसे खारिज करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वदेत्तिवार ने कहा है कि किसी विधायक को कहीं बाहर नहीं ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा, 'हम अपने विधायको को कहीं भी बाहर नहीं ले गए हैं। हमारे सभी विधायक अपनी-अपनी जगहों पर ही हैं। यदि कोई विधायक कहीं गया है तो वह निजी कारणों से गया होगा।'  

राष्ट्रपति के बहाने मोदी करेंगे महाराष्ट्र पर शासन?

दूसरी ओर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वह जान बूझ कर महाराष्ट्र को राष्ट्रपति शासन की ओर धकेल रही है। उसक मक़सद यह है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह राष्ट्रपति के नाम पर महाराष्ट्र का शासन चलाएँ। पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने ट्वीट कर यह आरोप लगाया है। 

बीजेपी से कोई बातचीत नहीं : राउत

दूसरी ओर, शिवसेना ने बीजेपी के साथ किसी तरह की बातचीत की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया है। यह चर्चा ज़ोरों पर है कि हिन्दु्त्व नेता शंभाजी भिन्डे जल्द ही शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे से मुख्य मंत्री पद पर बात करने के लिए मिलने जा रहे हैं। राउत ने कहा,  'किसी को बातचीत करने के लिए भेजने की कोई ज़रूरत नहीं है। शिवसेना प्रमुख अपनी बात पर अड़े हुए हैं। यह मामला शिवसेना और बीजेपी के बीच का है, किसी ओर को इस मामले में पड़ना ही नहीं चाहिए।'