मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। गुरुवार को ठाणे की चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत ने परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ हफ़्ता वसूली और आर्म्स एक्ट के एक मामले में गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। ठाणे के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट आरजे तांबे ने ये वारंट जारी किया है। बुधवार को ही महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की बात कहते हुए उनकी तनख्वाह रोक दी थी।
अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ वसूली और आर्म्स एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज था लिहाजा अदालत पुलिस को आदेश देती है कि उन्हें गिरफ़्तार कर अदालत में पेश किया जाए।
कहां हैं परमबीर?
परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ मुंबई और ठाणे जिले के कई पुलिस स्टेशनों में उगाही के मामले दर्ज हैं। परमबीर के ख़िलाफ़ ठाणे पुलिस द्वारा पहले ही लुकआउट नोटिस जारी किया जा चुका है, लेकिन जांच एजेंसियां अभी तक उनका पता नहीं लगा पाई हैं। एनआईए और ईडी भी परमबीर को तलाश कर रहीं हैं लेकिन पिछले 5 महीनों से उनका कोई पता नहीं चल पा रहा है। ऐसे में अब उनके ख़िलाफ़ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।
इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार परमबीर सिंह को भगोड़ा घोषित करने की तैयारी में है। ठाणे पुलिस और राज्य सरकार द्वारा बनाये गए कमीशन ने भी परमबीर सिंह को कई बार उनके सामने पेश होने के लिए समन भेजा लेकिन वह किसी भी समन पर एजेंसियों के सामने हाजिर नहीं हुए। कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने भी अंदेशा जताया था कि परमबीर सिंह देश छोड़कर कहीं भाग गए हैं।
न कोई जवाब, न हुए हाजिर
एंटीलिया विस्फोटक और मनसुख हिरेन हत्या मामले की जांच कर रही एनआईए ने परमबीर सिंह को पूछताछ के लिए कई बार समन भेजा था लेकिन उन्होंने किसी भी समन का जवाब नहीं दिया। एंटीलिया विस्फोटक और मनसुख हिरेन हत्या मामले की जांच के दौरान एनआईए ने परमबीर सिंह को अप्रैल में पूछताछ के लिए बुलाया था। उस दौरान परमबीर सिंह एनआईए के सामने हाजिर भी हुए थे और अपना बयान भी दर्ज कराया था लेकिन उसके बाद से एनआईए द्वारा परमबीर सिंह को कई बार समन जारी किया जा चुका है लेकिन अभी तक वह किसी भी समन पर एजेंसी के सामने हाजिर नहीं हो पाए हैं।
देश छोड़कर भाग गए?
एनआईए के अधिकारी परमबीर सिंह के मुंबई स्थित सरकारी आवास के अलावा उनके चंडीगढ़ के आवास और रोहतक के घर पर भी समन लेकर पहुंचे लेकिन परमबीर नहीं मिले। एनआईए को शक है कि अपनी गिरफ़्तारी के डर से परमबीर सिंह देश छोड़कर फरार हो गए हैं। हालांकि इसकी अभी तक औपचारिक पुष्टि नहीं हो पा रही है।
5 मामले हैं दर्ज
परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ इस समय मुंबई और ठाणे में 5 मामले दर्ज हैं। जिसमें ज्यादातर मामले जबरन उगाही के हैं। मुंबई पुलिस और ठाणे पुलिस द्वारा परमबीर के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस भी जारी किया जा चुका है। बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे द्वारा पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए वसूली के आरोपों की जांच करने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित किए गए चांदीवाल आयोग द्वारा भी परमबीर सिंह को कई बार समन जारी किए गए लेकिन परमबीर ने आयोग के किसी भी समन का जवाब नहीं दिया।
चांदीवाल आयोग ने परमबीर के ऊपर समन पर हाजिर नहीं होने के चलते दो बार जुर्माना भी लगाया लेकिन परमबीर के वकील ने जुर्माने की रकम महाराष्ट्र कोविड-19 रिलीफ़ फंड में जमा करा दी थी। चांदीवाल आयोग को भी लगता है कि परमबीर शायद देश छोड़कर भाग गए हैं।
पिछले महीने एनआईए ने एंटीलिया विस्फोटक और मनसुख हिरेन मर्डर केस में चार्जशीट फाइल की थी। चार्जशीट में खुलासा किया था कि सचिन वाजे को एंटीलिया केस में जांच अधिकारी परमबीर ने ही बनाया था। इसलिए इस मामले में शक की सुई परमबीर पर भी जा रही है।
चार्जशीट में एनआईए को कई ऐसे सबूत मिले थे जिसके चलते एनआईए एक बार फिर से परमबीर से पूछताछ करना चाहती थी, लेकिन परमबीर एक बार पूछताछ के बाद फिर कभी भी एजेंसी के सामने हाजिर नहीं हुए। एनआईए की टीम मुंबई, चंडीगढ़, रोहतक सहित और कुछ जगहों पर गई, पर कहीं भी परमबीर का पता नहीं चल सका।
क्यों है शक?
एनआईए को परमबीर सिंह पर शक इसलिए भी हो रहा है क्योंकि एनआईए ने अपनी चार्जशीट में इस बात का जिक्र किया है कि एक साइबर एक्सपर्ट ने एनआईए को बताया था कि एंटीलिया के पास स्कॉर्पियो कार से जो जिलेटिन की छड़ें मिली थीं उसके बाद टेलीग्राम चैनल के जरिये मिली धमकी को मॉडिफाई करने के लिए परमबीर सिंह ने उस साइबर एक्सपर्ट को 5 लाख रुपये बतौर रिश्वत दिए थे। इस बात का जिक्र एनआईए ने अपनी चार्जशीट में किया था।
सवाल यही उठता है कि जब परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया गया तो आख़िर वह देश छोड़कर कैसे फरार हो सकते हैं।