महाराष्ट्र की राजनीति में अटकलों का बाजार गर्म है। एक तरफ एनसीपी के भीतर से खबरें आ रही हैं कि चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इन अटकलों को इस बात से और ज्यादा हवा मिली जब मुंबई में हो रही पार्टी बैठक से अजित पवार नदारद रहे। पवार इस बैठक से अलग दो दिन के लिए पुणे पहुंचे हुए हैं।
मुंबई में हो रही एनसीपी की बैठक में पार्टी अध्यक्ष शरद पवार, सुप्रिया सुले, अनिल देशमुख, छगन भुजबल जैसे सभी बड़े नेता शामिल हैं, सिवाय अजित पवार के।
पुणे में मौजूद अजित पवार से पार्टी की बैठक में शामिल न होने के मसले पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरे पुणे के प्रोग्राम पहले से तय थे। इसलिए वहां नहीं जा सका लेकिन मीटिंग को मिस कर रहा हूं।
अजित पवार के पार्टी बैठक में शामिल न होने को उनके विरोध के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी की बैठक से एक दिन पहले उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने शरद पवार से मुलाकात की थी। दोनों ही नेताओं के बीच यह मुलाकात करीब आधे घंटे तक चली। हालांकि, मुलाकात में दोनों ही नेताओं के बीच क्या बात हुई इसको लेकर तो फिलहाल कोई जानकारी सामने नहीं आ पाई है। माना जा रहा है कि बैठक में राउत ने शरद पवार को अजित की गतिविधियों की जानकारी दी है।
अजित पवार और संजय राउत के बीच तल्खियों की खबरें आ रही हैं। इसका कारण, संजय राउत मीडिया में और शिवसेना के मुखपत्र सामना में लगातार इस मसले पर लिख और बोल रहे थे। इसको लेकर अजित पवार ने नाराजगी भी जाहिर की थी, और राउत का नाम लिए बगैर कहा था कि वे अपनी पार्टी के प्रवक्ता हैं उसी के बारे में बात करें, शिवसेना के बारे में नहीं। पवार ने इस मसले को पार्टी के अंदर उठाने की बात भी कही थी। लेकिन अब जब पार्टी की बैठक हो रही है तो अजित पवार मौजूद नहीं हैं।
अजित पवार के बीजेपी में शामिल होने के मसले पर महाराष्ट्र बीजेपी के अध्य़क्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि अजित पवार की तरफ से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है, और न ही बीजेपी ने उनसे कोई संपर्क किया है। हां अगर वे बीजेपी में आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। एनसीपी में आ रही उथल पुथल की खबरों पर बावनकुले ने कहा कि यह उनका आपसी मसला है और इससे बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है।
दूसरी तरफ बीजेपी और शिवसेना के बीच भी सबकुछ ठीक नहीं होने की खबरें आ रही हैं। बताया जा रहा है कि शिवसेना सरकार से बाहर निकलने का मौका खोज रही है। और उसे यह मौका अजित पवार के रूप में दिख रहा है। पार्टी के प्रवक्ता संजय शिरसाट पहले ही कह चुके हैं कि अजित पवार अगर पार्टी तोड़कर सरकार में शामिल होंगे तो शिवसेना सरकार से बाहर हो जाएगी।