महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर एक और बड़ा आरोप लगाया है। मलिक ने 4 पेज की चिट्ठी जारी करते हुए आरोप लगाया है और पिछले एक साल में एनसीबी के 26 ऐसे केसों का खुलासा किया है जिनमें समीर वानखेड़े ने अपने अधिकारियों के साथ मिलकर कथित तौर पर वसूली की थी। इस चिट्ठी में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर और तत्कालीन एनसीबी के डीजी राकेश अस्थाना का भी नाम है। बॉलीवुड के कलाकारों से भी वसूली की गई, इस बात का भी ज़िक्र इस चिट्ठी में किया गया है। नवाब मलिक का कहना है कि उन्हें यह चिट्ठी एनसीबी के एक कर्मचारी ने पोस्ट से भेजी है जिसके बाद उन्होंने इस चिट्ठी को एनसीबी के डीजी को भी भेज दिया है जिससे वह भी अपनी जाँच में इस चिट्ठी को शामिल कर लें।
नवाब मलिक ने अज्ञात एनसीबी के कर्मचारी द्वारा भेजी गई इस चिट्ठी को जारी करते हुए कहा कि जब से समीर वानखेड़े की एनसीबी मुंबई ज़ोनल डायरेक्टर के पद पर नियुक्ति हुई है तभी से वह फर्जी केस बना रहे हैं। नवाब मलिक ने चिट्ठी जारी करते हुए दावा किया कि जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डायरेक्टर जनरल राकेश अस्थाना थे तो उन्होंने मनपसंद के अधिकारी को सुशांत सिंह राजपूत ड्रग्स मामले की जांच करने के लिए एसआईटी का चीफ़ बनाकर मुंबई भेजा था। इसके साथ ही समीर वानखेड़े को भी गृहमंत्री अमित शाह से कहकर मुंबई ज़ोन का ज़ोनल डायरेक्टर बना दिया गया था। इसके बाद समीर वानखेड़े ने इस अधिकारी के साथ मिलकर बॉलीवुड के कलाकारों को फर्जी ड्रग्स केस में फँसाना शुरू कर दिया। इस चिट्ठी में वानखेड़े पर यह भी आरोप लगाया गया है कि फ़िल्मी कलाकारों से केस रजिस्टर करने के बाद उनसे करोड़ों रुपए की उगाही भी की गई।
बॉलीवुड के जिन कलाकारों से ड्रग्स केस के मामले में अवैध वसूली की गई उनमें फ़िल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण, करिश्मा प्रकाश, श्रद्धा कपूर, रकुल प्रीत सिंह, सारा अली ख़ान, भारती सिंह, हर्ष लिंबाचिया, रिया चक्रवर्ती, शोभित चक्रवर्ती और अर्जुन रामपाल शामिल हैं।
इस चिट्ठी में आरोप लगाया गया है कि इन सभी फ़िल्म जगत की हस्तियों से अवैध वसूली करने का काम एक वकील को दिया गया था।
बताया गया है कि यह वकील समीर वानखेड़े का दोस्त है और एनसीबी कार्यालय में बगैर रोकटोक के आता जाता रहता था। इस चिट्ठी में समीर वानखेड़े पर यह भी आरोप लगाया गया है कि समीर बॉलीवुड के जिस भी कलाकार को पकड़ते थे तो उनसे इसको अपना वकील करने को ही कहा जाता था। नवाब मलिक ने उस चिट्ठी को ट्वीट किया है।
इस चिट्ठी में यह भी आरोप लगाया गया है कि समीर वानखेड़े हमेशा मीडिया में अपनी ख़बर छपवाने के लिए निर्दोष लोगों को झूठे केस में फँसाता था। झूठे केस में फँसाने के लिए समीर वानखेड़े ने अपनी एक अलग टीम भी बना रखी थी जिसमें एनसीबी के कई अधिकारी और कर्मचारी हैं। इस चिट्ठी में यह भी आरोप लगाया गया है कि अगर आरोपी के पास से कम मात्रा में ड्रग्स मिलता था तो ज़्यादा मात्रा में ड्रग्स दिखाकर केस को मज़बूत बना दिया जाता था ताकि आरोपी को ज़मानत ना मिल सके। समीर वानखेड़े पर यह भी आरोप लगाया गया है कि उसके कुछ गुर्गे उसे ड्रग्स भी मुहैया कराते थे ताकि पकड़े गए आरोपियों पर झूठे केस में ड्रग्स रखा जा सके।
इस चिट्ठी में 26 ऐसे केसों का ज़िक्र किया गया है जिनको एनसीबी ने पिछले 1 सालों में लोगों को गिरफ्तार किया हो। 26 केसों की सूची में पहले केस का जो हवाला दिया गया है वह केस रिया चक्रवर्ती और शोभित चक्रवर्ती से ड्रग्स को लेकर था।
इस अज्ञात एनसीबी के कर्मचारी ने इस चिट्ठी में आरोप लगाया है कि रिया चक्रवर्ती और शोभिक चक्रवर्ती को बेवजह फँसाया गया था। चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि जब एनसीबी के लोग आरोपियों के घरों में तलाशी के लिए जाते थे तो उनसे रुपए व सोने के गहनों की लूट कर लिया करते थे इसके अलावा पैसे भी वसूलते थे।
इस चिट्ठी में नवाब मलिक के दामाद समीर ख़ान को भी झूठे केस में फँसाने का ज़िक्र किया गया है। जिसमें एनसीबी ने 200 किलोग्राम तंबाकू को गांजा दिखाकर समीर ख़ान को गिरफ्तार कर लिया था। एक तरह से एनसीबी ने 26 अलग-अलग फर्जी केस दर्ज किये जिसमें लोगों को झूठे केस में फँसा कर जेल भेज दिया गया। इसके साथ ही इन सभी लोगों से केस को हल्का करने के लिए लाखों रुपए भी वसूल लिए।
इस चिट्ठी में यह भी आरोप लगाया गया है कि कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग्स केस में सभी पंचनामा मुंबई के एनसीबी के दफ्तर में ही किए गए थे व बीजेपी के इशारे पर समीर वानखेड़े ने ड्रग प्लांट किया था। इसके अलावा मुंबई एनसीबी के कई अधिकारी जैसे ही किसी सेलिब्रिटी को ड्रग्स मामले में पकड़ते थे तो वे सेलिब्रिटी पर ड्रग्स अपने पास से रख देते हैं और उसके बाद पैसों की उगाही की जाती थी।
वीडियो चर्चा में देखिए- क्या समीर वानखेड़े गिरफ़्तार होंगे?
चिट्ठी में यह भी आरोप लगाया गया है कि पिछले एक महीने से बीजेपी के दो कार्यकर्ता केपी गोसावी और मनीष भानुशाली समीर वानखेड़े के संपर्क में थे। अगर समीर वानखेड़े की फोन डिटेल की जानकारी निकाली जाए तो यह साफ़ हो जाएगा कि वानखेड़े केपी गोसावी और मनीष भानुशाली से लगातार संपर्क में थे। चिट्ठी में यह भी दावा किया गया है कि अरबाज़ मर्चेंट के दोस्त के पास से कुछ ड्रग्स नहीं मिला था लेकिन समीर के कहने पर उसके पास से भी ड्रग्स की रिकवरी दिखा दी गई। कॉर्डेलिया क्रूज़ पर पूरे केस को फर्जी तरीक़े से बना दिया गया। इसके अलावा समीर वानखेड़े जिन लोगों को पकड़ा करते थे उन सभी से खाली पेपर पर दस्तखत भी करवा लिया करते थे ताकि बाद में अपनी मनमर्जी से पंचनामा को बदला जा सके।
इस चिट्ठी में इस बात का भी ज़िक्र किया गया है कि समीर वानखेड़े की ग़लत हरकतों का अगर कोई अधिकारी विरोध किया करता था तो वह उन्हें सस्पेंड करवा देता था या उनका तबादला करवा दिया करता था। नवाब मलिक के नाम लिखी गई चिट्ठी में इस संदिग्ध एनसीबी के कर्मचारी ने लिखा है कि समीर वानखेड़े सहित जो लोग भी एनडीपीएस एक्ट का दुरुपयोग कर लोगों को फर्जी केस में फँसा रहे हैं उन पर कार्रवाई की जाए। यह चिट्ठी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटील व महाराष्ट्र के डीजीपी संजय पांडे के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को भी भेजी गई है।
नवाब मलिक द्वारा जारी की गई इस चिट्ठी के बारे में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डिप्टी डीजी मुथा अशोक जैन का कहना है कि एनसीबी वानखेड़े पर अन्य अधिकारियों पर लगे आरोपों की जाँच करेगी।