मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के मामले में एक नया और दिलचस्प मोड़ आ गया है। मुंबई पुलिस ने अदालत से कहा है कि परमबीर सिंह के कहने पर पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे क्रिकेट सट्टाबाजों से पैसे वसूलते थे।
बता दें कि सचिन वाझे को नौकरी से निकाला जा चुका है और परमबीर सिंह लंबे समय से लापता हैं, जिनके ख़िलाफ़ ग़ैर ज़मानती वारंट जारी किया जा चुका है।
अदालत ने शनिवार को वाजे की पुलिस हिरासत 13 नवंबर तक बढ़ा दी।
मुंबई के गोरेगाँव स्थित एक रेस्तरां मालिक की शिकायत पर वाजे को पैसे उगाही के आरोप में गिरफ़्तार किया गया।
सरकारी वकील शेखर जगताप ने अदालत से कहा कि परमबीर सिंह और सचिन वाजे क्रिकेट के सट्टाबाजों को एफ़आईआर दायर करने की धमकी देते थे और उनसे पैसे वसूलते थे।
हफ़्ता वसूली
परमबीर सिंह को अवैध वसूली के मामले में मुख्य अभियुक्त बनाया गया और उनके ख़िलाफ़ ग़ैर ज़मानती वारंट जारी किया गया है।
शनिवार को मुंबई पुलिस ने अदालत से कहा कि वह इस बात की जाँच करना चाहती है कि क्या वाजे सिंह के कहने पर दूसरे लोगों से भी वसूली किया करते थे। पुलिस ने यह भी कहा कि वाजे सिंह के नज़दीक थे और उनसे यह भी पता लगाया जा सकता है कि मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख फिलहाल कहाँ हैं।
पुलिस का कहना है कि वह यह भी पता लगाना चाहती है कि वसूले गए पैसे का बंटवारा कैसे होता था और इसकी बैठक कहाँ होती थी।
मुंबई पुलिस यह भी पता लगाना चाहती है कि क्या बृहन्मुंबई म्युनिसपल कॉरपोरेशन के ठेकेदारों से भी पैसों की अवैध उगाही होती थी।
मुंबई पुलिस ने अदालत से कहा कि वाजे ने अपनी आवाज़ के नमूने स्वेच्छा से दिए हैं, जिन्हें जाँच के लिए फोरेंसिक प्रयोगशाला भेजा गया है। यह कहा गया कि सचिन वाजे ने परमबीर सिंह से वॉट्सऐप पर कॉल किया था। पुलिस ने इससे जुड़े दो फ़ोन भी बरामद किए हैं, उनकी जाँच भी की जानी है।
वारंट
बता दें कि इसके पहले ठाणे के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत ने परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ हफ़्ता वसूली और आर्म्स एक्ट के एक मामले में गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है।
ठाणे के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट आरजे तांबे ने यह वारंट जारी किया था।
अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ वसूली और आर्म्स एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज था लिहाजा अदालत पुलिस को आदेश देती है कि उन्हें गिरफ़्तार कर अदालत में पेश किया जाए।
एंटीलिया विस्फोटक मामला
याद दिला दें कि एंटीलिया विस्फोटक और मनसुख हिरेन हत्या मामले की जाँच कर रही एनआईए ने परमबीर सिंह को पूछताछ के लिए कई बार समन भेजा था, लेकिन उन्होंने किसी भी समन का जवाब नहीं दिया।
एंटीलिया विस्फोटक और मनसुख हिरेन हत्या मामले की जांच के दौरान एनआईए ने परमबीर सिंह को अप्रैल में पूछताछ के लिए बुलाया था।
परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ इस समय मुंबई और ठाणे में 5 मामले दर्ज हैं। इनमें ज्यादातर मामले ज़बरन उगाही के हैं।