मुंबई में गुरुवार को रिकॉर्ड संख्या में कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज किए गए। 24 घंटे में 20 हज़ार 181 मामले सामने आए हैं। यह अब तक एक दिन में सबसे ज़्यादा संख्या है। एक दिन पहले ही शहर में 15 हज़ार 166 मामले दर्ज किए गए थे। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी मुंबई में इतने संक्रमण के मामले नहीं आए थे। दूसरी लहर के दौरान सबसे ज़्यादा मामले 4 अप्रैल 2021 को एक दिन में 11,163 केस सामने आए थे। पूरे राज्य में गुरुवार को 36 हज़ार 265 मामले दर्ज किए गए हैं। राज्य में अब सक्रिय मामलों की संख्या 1 लाख 14 हजार से ज़्यादा हो गई है।
मुंबई शहर में गुरुवार को दर्ज किए गए मामलों के लिए पॉजिटिविटी दर 29.90 हो गई है। यह बेहद चिंताजनक स्थिति है। इससे पिछली लहर में कहा जा रहा था कि 5 फ़ीसदी से ज़्यादा पॉजिटिविटी रेट होने का मतलब ख़तरनाक स्थिति थी।
पॉजिटिविटी दर से मतलब है कि कुल जाँच किए गए मामलों में से कितने फ़ीसदी लोग संक्रमित पाए जाते हैं। मिसाल के दौर पर 100 जाँच में से 10 लोग संक्रमित पाए जाते हैं तो पॉजिटिविटी दर 10 फ़ीसदी हुई। मुंबई शहर में पिछले 24 घंटों में क़रीब 67000 सैंपल की जाँच की गई थी।
ताजा मामलों में से 85 फ़ीसदी में कोई लक्षण नहीं दिखे। शहर में 1,170 कोरोना मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। 106 मरीज़ ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं।
वैसे, राष्ट्रीय राजधानी में भी हालात ख़राब हैं। दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले गुरुवार को भी तेज़ी से बढ़े और बुधवार से 41 फ़ीसदी ज़्यादा मामले आए। राज्य में 24 घंटे में 15 हज़ार 97 पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए। यह संख्या 8 मई के बाद से सबसे अधिक है।
राष्ट्रीय राजधानी में पॉजिटिविटी दर 15 फीसदी को पार कर गयी है। दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों की संख्या 4 जनवरी को 531 हो गई है। ऑक्सीजन सपोर्ट पर मरीजों की संख्या 168 और वेंटिलेटर पर 14 मरीज़ हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार सुबह ही कहा है कि देश में एक दिन में कोरोना संक्रमण के 90,928 नए मामले सामने आए हैं। ये मामले बीते दिन के मामलों से 56.5 फ़ीसदी ज्यादा हैं। 24 घंटों में 325 लोगों की जान गई है। कल कोरोना के 58,097 नए मामले सामने आए थे।
ओमिक्रॉन के संक्रमण के मामलों का आंकड़ा बढ़कर 2,630 हो गया है। इसमें महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 797 जबकि दिल्ली में 465 केस हैं।
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में चेताया है कि कोरोना वायरस की सुनामी दुनिया भर के स्वास्थ्य ढांचे को ध्वस्त कर सकती है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस ने दिसंबर के आख़िर में कहा था कि वे ओमिक्रॉन को लेकर बेहद चिंतित हैं क्योंकि यह बेहद तेजी से फैलता है और इसी वक्त डेल्टा वैरिएंट भी फैल रहा है और इस वजह से कोरोना की सुनामी आ रही है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होना जारी रहता है तो इससे स्वास्थ्य कर्मियों पर जबरदस्त दबाव पड़ेगा और हमारा स्वास्थ्य ढांचा ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच जाएगा।