महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए हमें बुलाएं राज्यपाल: शिवसेना

09:20 am Nov 07, 2019 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना इस बात का दावा कर रही है कि वह सरकार बना सकती है जबकि 288 सदस्यों की महाराष्ट्र विधानसभा में उसे कुल 56 सीटें मिली हैं और उसके पास 5-6 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है। शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत कह चुके हैं कि उनके पास 170 विधायकों का समर्थन है। इसके अलावा यह भी ख़बर सामने आ चुकी है कि महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी मिलकर सरकार बना सकते हैं और कांग्रेस इस सरकार को बाहर से समर्थन दे सकती है। इससे यह तय है कि शिवसेना सरकार बनाने के लिये तैयार है। अंग्रेजी अख़बार ‘द इकनॉमिक टाइम्स’ में छपी ख़बर इसकी पुष्टि करती है। अख़बार के मुताबिक़, शिवसेना ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से कहा है कि वह उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करें। 

अभी तक के सियासी घमासान से यह भी तय है कि शिवसेना बीजेपी के सामने क़तई नहीं झुकेगी चाहे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस संघ प्रमुख के दरबार में हाजिरी लगायें या बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के।

राज्यपाल के साथ शिवसेना नेताओं की मुलाक़ात सोमवार को हुई थी। इस दौरान संजय राउत और रामदास कदम ने राज्य के राजनीतिक हालात को लेकर राज्यपाल से चर्चा की थी। अख़बार के मुताबिक़, चर्चा के दौरान शिवसेना के नेताओं ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि राज्य में दूसरा सबसे बड़ा राजनीतिक दल होने की हैसियत से उसे सरकार गठन के लिये बुलाया जाना चाहिए।

शिवसेना नेताओं ने चर्चा के दौरान राज्य में राजनीतिक अस्थिरता का हवाला भी दिया। शिवसेना नेताओं ने कहा कि अगर राज्य में सबसे ज़्यादा सीटें जीतने वाला राजनीतिक दल सरकार के गठन के लिये आगे नहीं आ रहा है तो उसे सरकार के गठन का मौक़ा दिया जा सकता है। इसके अलावा मंगलवार को कांग्रेस-एनसीपी के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी मंगलवार को राज्यपाल से मुलाक़ात की थी और सरकार गठन की प्रक्रिया को तेज करने के लिये कहा था। 

ख़बर में कहा गया है कि सूत्रों के मुताबिक़, शिवसेना के नेताओं ने राज्यपाल से मुलाक़ात के दौरान 1989 में जनता दल को आमंत्रित करने वाले वेंकटरमण का उल्लेख किया था, जिसमें राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार बनाने के निमंत्रण को खारिज कर दिया था।

मंगलवार रात को फडणवीस नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में भी पहुंचे थे और उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी। इससे पहले मंगलवार दिन में फडणवीस ने बीजेपी कोर कमेटी की बैठक भी बुलाई थी। इस सबके बाद कहा जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र की राजनीति के बड़े नेता नितिन गडकरी से इस विवाद को सुलझाने के लिये कह सकता है। 

अख़बार में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि राज्यपाल के साथ मुलाक़ात में शिवसेना नेताओं की ओर से कहा गया है कि यह राज्यपाल का दायित्व है कि वह सरकार के गठन को लेकर राजनीतिक दलों को आमंत्रित करना शुरू करें। उसके बाद ही यह पता चलेगा कि वे दल सरकार बना पाने की स्थिति में हैं या नहीं और अगर किसी एक राजनीतिक दल के पास बहुमत नहीं है तो दूसरी सबसे बड़ी पार्टी को इसके लिए बुलाया जाये। 

बीजेपी को विधानसभा चुनाव में 105 सीटें मिली हैं और वह सबसे बड़ा दल है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा तो है कि राज्य में सरकार का गठन जल्द ही होगा लेकिन 8 नवंबर तक वह कैसे बहुमत के लिये ज़रूरी 145 विधायकों के आंकड़े तक पहुंच पायेंगे, यह एक बड़ा सवाल है।

राज्यपाल से मुलाक़ात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय राउत ने तीख़े तेवर दिखाये थे। राउत ने कहा था कि गवर्नर से मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई है और बातचीत सकारात्मक रही है। शिवसेना नेता ने कहा था कि हम चाहते हैं कि महाराष्ट्र में सरकार बने लेकिन अगर सरकार नहीं बन पा रही है तो इसके लिए शिवसेना जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा था कि सरकार के गठन में शिवसेना कहीं भी रोड़ा नहीं बन रही है।

राउत ने बीजेपी को ललकारा था

मंगलवार को भी संजय राउत ने एक बार फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बीजेपी को ललकारा था और जोर देकर कहा था कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री शिवसेना का ही बनेगा। चुनाव नतीजे आने के बाद से अभी तक शिवसेना इस बात को कई बार कह चुकी है कि मुख्यमंत्री उसका ही बनेगा। राउत ने यह भी कहा था कि महाराष्ट्र का फ़ैसला महाराष्ट्र में ही होगा। राउत का इशारा देवेंद्र फडणवीस की बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से हुई मुलाक़ात और एनसीपी प्रमुख शरद पवार की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से हुई मुलाक़ात की ओर था।