महाराष्ट्र में सरकार बनाने का महूर्त तय हो गया है। दिल्ली में बैठकों के दौर के बाद शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत मुंबई के लिए निकलने से पहले उन्होंने मीडिया से कहा कि शनिवार को शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस, तीनों ही पार्टियों के नेता अपने विधायकों के पत्र राज्यपाल को सौंप देंगे।
राउत ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पद का फ़ॉर्मूला कोई विवाद का विषय नहीं है क्योंकि शिवसेना ने बीजेपी के समक्ष भी इस बात को लेकर कोई कड़ा रुख प्रकट नहीं किया था। उन्होंने कहा कि पहला मुख्यमंत्री शिवसेना का हो और वह उद्धव ठाकरे हों, यह सभी की इच्छा है। संजय राउत मातोश्री पहुंचकर शिवसेना प्रमुख को तमाम बातों और गठबंधन के पक्षों से अवगत कराएंगे।
संजय राउत ने कहा कि वह हर एक घटनाक्रम के बारे में पार्टी प्रमुख को फ़ोन पर अवगत कराते रहे हैं। राउत ने कहा कि मीडिया में शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन का नाम महाशिव अघाडी बोला जा रहा है लेकिन उसमें बदलाव लाया जाना है। बताया जा रहा है कि इस नए गठबंधन का नाम महाराष्ट्र विकास आघाडी रखा जाएगा और यही इसका अधिकृत नाम होगा।
सूत्रों से जो ख़बर मिली है, उसके अनुसार राज्यपाल अब सिर्फ पार्टी के पत्रों के आधार पर बहुमत सिद्ध करने का न्यौता नहीं देने वाले हैं। इसलिए अब हर पार्टी को अपने विधायकों की सूची उनके पहचान पत्र, आधार कार्ड और हस्ताक्षर के साथ पेश करनी होगी तभी जाकर उनके दावे पर विचार किया जा सकता है।
बता दें कि महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के पास 105, शिवसेना के पास 56 सीटें हैं, जबकि राकांपा और कांग्रेस के पास क्रमश: 54 और 44 सीटें हैं। राज्य में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या गठबंधन को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 145 विधायकों के समर्थन की ज़रूरत होगी।
शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों का कुल आंकड़ा 154 बैठता है। इसके अलावा शिवसेना के पास कुछ निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि इन तीनों दलों को विधानसभा में बहुमत साबित करने में कोई मुश्किल पेश नहीं आएगी।
दूसरी ओर, कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं की बृहस्पतिवार को दिल्ली में बैठकें चलीं। बैठक के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस-एनसीपी के बीच सभी मुद्दों पर पूरी सहमति बन गई है। चव्हाण ने कहा कि शुक्रवार को दोनों दल मुंबई में गठबंधन के अन्य सहयोगियों के साथ बैठक करेंगे और इसके बाद शुक्रवार को ही शिवसेना के साथ भी बातचीत करेंगे। शुक्रवार को ही महाराष्ट्र के विधान भवन में कांग्रेस विधायकों की बैठक होगी जिसमें विधायक दल के नेता का चुनाव किया जाएगा।
शिवसेना के साथ कांग्रेस-एनसीपी की बैठक के बाद इस गठबंधन के सरकार बनाने के औपचारिक दावे की मीडिया के सामने घोषणा कर दी जाएगी।