महाराष्ट्र सरकार और कंगना रनौत के बीच शुरू हुआ घमासान अब राजभवन तक पहुंच गया है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) द्वारा कंगना के ऑफ़िस में तोड़फोड़ करने पर नाराज़गी जताई है। इससे लगता है कि यह विवाद यहीं ख़त्म होने वाला नहीं है क्योंकि राज्यपाल का इस मामले में बीच में आना विवाद के बढ़ने के संकेत देता है। ऐसा इसलिए क्योंकि राज्यपाल और मुख्यमंत्री के रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं और इसलिए भी कि बीजेपी नेताओं का खुलकर समर्थन मिलने के बाद अब राज्यपाल का भी साथ कंगना को मिलता दिख रहा है।
महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी ने गुरूवार को कंगना के ऑफ़िस पर बीएमसी की कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सलाहकार अजय मेहता से बात की है। इस दौरान राज्यपाल ने बीएमसी की कार्रवाई पर ख़ासी नाराज़गी जताई। यह कहा जा रहा है कि राज्यपाल इसे लेकर केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेज सकते हैं।
तल्ख रहे हैं रिश्ते
पिछले साल नवंबर में लोग तब अवाक रह गए थे जब एक दिन सुबह यह पता चला कि राज्यपाल कोश्यारी ने राज्य में लगा राष्ट्रपति शासन रात को ही हटा दिया और तड़के देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिला दी थी। शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस ने राज्यपाल के इस फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट के फ़ैसले के तुरंत बाद फ़्लोर टेस्ट किया गया और फडणवीस सरकार को इस्तीफ़ा देना पड़ा था। तब शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने राज्यपाल को लेकर तीख़े बयान दिए थे।
इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विधान मंडल का सदस्य बनने के वक्त भी राज्यपाल कोश्यारी अड़ गए थे। ठाकरे को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए विधानसभा या विधान मंडल में से किसी एक सदन का सदस्य निर्वाचित होना था और तब विधान परिषद में मनोनयन कोटे की दो सीटें रिक्त थीं। राज्य मंत्रिमंडल ने राज्यपाल से इन दो में से एक सीट पर ठाकरे को मनोनीत किए जाने की सिफ़ारिश की थी। लेकिन राज्यपाल अड़ गए थे और शिवसेना ने उन पर राजभवन को राजनीतिक साज़िशों का केंद्र बना देने का आरोप लगाया था।
इस मामले के आगे बढ़ने के बाद उद्धव ठाकरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फ़ोन करना पड़ा था। उसके बाद ही राज्यपाल ने चुनाव आयोग को पत्र लिख कर राज्य विधान परिषद की रिक्त सीटों के चुनाव कराने का अनुरोध किया था।
कंगना का हमलावर रूख़ जारी
बीते कुछ दिनों से महाराष्ट्र सरकार से दो-दो हाथ करने में जुटी फ़िल्म अभिनेत्री कंगना रनौत का हमलावर रूख़ जारी है। कंगना ने गुरूवार को फिर से एक के बाद एक ट्वीट दागे और कहा, ‘जिस विचारधारा पर बाला साहेब ठाकरे ने शिव सेना का निर्माण किया था आज वो सत्ता के लिए उसी विचारधारा को बेच कर शिव सेना से सोनिया सेना बन चुके हैं, जिन गुंडों ने मेरे पीछे से मेरा घर तोड़ा उनको सिविक बॉडी मत बोलो, संविधान का इतना बड़ा अपमान मत करो।’
कंगना ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘कितने मुंह बंद करोगे कितनी आवाज़ें दबाओगे कब तक सच्चाई से भागोगे, तुम कुछ नहीं हो सिर्फ़ वंशवाद का एक नमूना हो।’
बुधवार को भी कंगना ने उद्धव ठाकरे पर जोरदार हमला बोला था। मुंबई में अपने ऑफ़िस में बीएमसी द्वारा तोड़फोड़ करने से भड़कीं कंगना ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को तू कहकर संबोधित किया था।
कंगना ने एक वीडियो जारी कर कहा था, ‘उद्धव ठाकरे तुझे क्या लगता है कि तूने फ़िल्म माफिया के साथ मिलकर मेरा घर तोड़कर मुझसे बहुत बड़ा बदला लिया है। आज मेरा घर टूटा है, कल तेरा घमंड टूटेगा। ये वक़्त का पहिया है, याद रखना हमेशा एक जैसा नहीं रहता।’
कश्मीर पर फ़िल्म बनाऊंगी
कंगना ने बीएमसी की कार्रवाई को कश्मीर में हुए हिंदुओं के पलायन और हत्या से जोड़ते हुए कहा था, ‘मुझे पता तो था कि कश्मीरी पंडितों पर क्या बीती होगी, आज मैंने इसे महसूस किया है और आज मैं इस देश को वचन देती हूं कि मैं सिर्फ़ अयोध्या पर ही नहीं, कश्मीर पर भी एक फ़िल्म बनाऊंगी और अपने देशवासियों को जगाऊंगी।’
फ़िल्म अभिनेत्री ने कहा कि यह उनके साथ हुआ है और इसके कुछ मायने हैं। उन्होंने बीएमसी की कार्रवाई को क्रूरता और आतंक बताया।
कंगना के इस वीडियो से यही लगता है कि अब सुलह होने लायक कुछ नहीं बचा है और आने वाले दिनों में ठाकरे सरकार बनाम कंगना की लड़ाई और तेज़ होगी। इससे पहले बुधवार सुबह बीएमसी के अधिकारियों की एक टीम कंगना के ऑफ़िस के बाहर पहुंची थी और ऑफ़िस के बाहर बनी एक बालकनी में और अंदर भी तोड़फोड़ की थी। कंगना के ऑफ़िस का नाम मणिकर्णिका फ़िल्म्स है।