महाराष्ट्र: ओबीसी आरक्षण पर हंगामा, बीजेपी के 12 विधायक एक साल के लिए निलंबित

04:54 pm Jul 05, 2021 | सोमदत्त शर्मा - सत्य हिन्दी

ओबीसी आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा में सोमवार को शिव सेना और बीजेपी के विधायकों में हुई धक्का-मुक्की के मामले में बीजेपी के 12 विधायकों को विधानसभा उपाध्यक्ष ने एक साल के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान ये सभी 12 विधायक विधानसभा की कार्यवाही में 1 साल तक भाग नहीं ले पाएंगे। 

दो दिन के मानसून सत्र में ओबीसी आरक्षण पर चल रही बहस के दौरान बीजेपी और शिव सेना के विधायक सदन के भीतर ही भिड़ गए और आपस में गाली-गलौज और धक्का-मुक्की करने लगे। बीजेपी ने अपने विधायकों पर की गयी कार्रवाई को एकतरफा कार्रवाई बताया है। 

जिन विधायकों को सस्पेंड किया गया है उनमें संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, पराग आलवणी, राम सातपुते, हरीश पिंगले, अतुल भातखलकर, जयकुमार रावल, नारायण कुचे, बंटी भांगडिया और योगेश सागर हैं।

मामला महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन का है। सत्र के पहले दिन ओबीसी आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने सदन में प्रस्ताव पास किया जिस का विरोध करते हुए बीजेपी के नेताओं ने सदन के भीतर नारेबाजी शुरू कर दी। मामला इतना बढ़ गया कि बीजेपी के एक दर्जन से ज्यादा विधायक विधानसभा की कुर्सी तक पहुंच गए और उनके माइक को पटक दिया। 

उस समय विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर शिव सेना के विधायक भास्कर जाधव बैठे हुए थे। भारी हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। 

केबिन में पहुंच गए

जैसे ही सदन की कार्यवाही स्थगित हुई वैसे ही बीजेपी के विधायक पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में विधानसभा अध्यक्ष के केबिन में पहुंच गए, जहां भास्कर जाधव बैठे हुए थे। भास्कर जाधव ने आरोप लगाया है बीजेपी के विधायकों ने केबिन में पहुंचते ही उनके साथ गाली-गलौज शुरू कर दी एवं धक्का-मुक्की करने लगे।

जैसे ही मामला आगे बढ़ा तो शिव सेना और एनसीपी के नेताओं ने बीजेपी विधायकों द्वारा किए गए बर्ताव पर बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने बीजेपी विधायकों द्वारा पीठासीन अधिकारी के साथ की गयी धक्का-मुक्की की निंदा करते हुए कहा कि इससे महाराष्ट्र की गरिमा को धक्का लगा है। 

मलिक ने विधानसभा उपाध्यक्ष से बीजेपी के इन विधायकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग कर डाली। जिसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री अनिल परब ने बीजेपी के 12 विधायकों को एक साल के लिए सस्पेंड करने का फरमान सुना दिया। 

एकतरफा कार्रवाई: फडणवीस 

उधर, विधायकों के 1 साल के लिए निलंबित होने पर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र सरकार की इस कार्रवाई को एकतरफा बताया है। फडणवीस का कहना है कि जो गाली-गलौज और धक्का-मुक्की हुई थी वह शिव सेना और बीजेपी के विधायकों की तरफ से हुई थी। ऐसे में बीजेपी के विधायकों को 1 साल के लिए निलंबित किया जाना एक तरफा कार्रवाई है। 

फडणवीस ने कहा कि घटना के बाद बीजेपी के विधायक आशीष शेलार ने अपने सभी साथियों की तरफ से भास्कर जाधव से माफी भी मांगी थी लेकिन इसके बावजूद बीजेपी के 12 विधायकों को 1 साल के लिए निलंबित करना अन्यायपूर्ण है।

आशीष शेलार ने महा विकास आघाडी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है। यही कारण है कि बीजेपी के इन 12 विधायकों को 1 साल के लिए सस्पेंड किया गया है। शेलार ने इसके साथ ही सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि भले ही उन्हें विधानसभा से 1 साल के लिए निलंबित कर दिया गया है लेकिन वह सड़क पर जनता की आवाज को लगातार उठाते रहेंगे।

सही ठहराया निलंबन 

घटना के दौरान विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे शिव सेना के विधायक भास्कर जाधव ने एक बार फिर बीजेपी विधायकों पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया है और कहा है कि इससे महाराष्ट्र की छवि खराब हुई है। बीजेपी के 12 विधायकों के निलंबन को जाधव ने सही ठहराया है।