मुंबई क्रूज़ ड्रग्स मामले की जांच कर रहे एनसीबी के अफ़सर समीर वानखेड़े बड़ी मुसीबतों में फंसते दिखाई दे रहे हैं। एक ओर उनके ख़िलाफ़ महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने मोर्चा खोला हुआ है, वहीं दूसरी ओर मीडिया चैनलों पर भी उनसे जुड़ी तमाम ख़बरें आ रही हैं।
ख़बरिया चैनल ‘आज तक’ के मुताबिक़, उसने उन काज़ी साहब को खोज निकाला है, जिन्होंने समीर वानखेड़े का निकाह कराया था। काज़ी ने जो बातें समीर वानखेड़े को लेकर बताई हैं, वे साफ करती हैं कि वानखेड़े ज़रूर बहुत कुछ छिपा रहे हैं।
बता दें कि नवाब मलिक ने बुधवार सुबह एक निकाहनामा ट्वीट किया था। मलिक ने लिखा था कि यह समीर दाऊद वानखेड़े और शबाना क़ुरैशी का निकाहनामा है और यह समीर की पहली शादी थी।
बहरहाल, काज़ी का नाम मुजम्मिल अहमद है। उन्होंने ‘आज तक’ के साथ बातचीत में कहा कि यह निकाहनामा पूरी तरह सही है और उस वक़्त समीर वानखेड़े, शबाना, समीर के माता-पिता और पूरा खानदान मुसलमान था।
काज़ी मुजम्मिल अहमद ने कहा कि अगर ये पता होता कि समीर हिंदू हैं तो हमारी शरीयत में निकाह ही नहीं होता और काज़ी शरीयत के ख़िलाफ़ निकाह नहीं पढ़ाता।
काज़ी ने जोर देकर कहा कि आज वे जो कुछ भी कहें लेकिन उस वक़्त में समीर वानखेड़े और शबाना मुसलमान थे। उन्होंने कहा कि लोखंडवाला में 2006 में यह शादी बहुत धूमधाम से हुई थी और इसमें लगभग 2 हजार लोग शामिल रहे होंगे।
काज़ी ने ‘आज तक’ से कहा कि पूरे इसलामिक तौर-तरीके से यह शादी हुई थी। शादी में गवाह से लेकर सभी लोग मुसलमान थे।
काज़ी के दावों में कितना दम है, इसकी जांच भी हो सकती है। लेकिन काज़ी के सामने आने के बाद समीर वानखेड़े, उनके पिता ज्ञानदेव वानखेड़े भी मुश्किलों में फंस सकते हैं। ज्ञानदेव वानखेड़े भी 35 साल तक मुंबई पुलिस की नौकरी कर चुके हैं।
शाहरूख़ ख़ान के बेटे का नाम क्रूज़ ड्रग्स मामले में आने के बाद हाई प्रोफ़ाइल हुआ यह मामला अब बहुत आगे बढ़ता दिख रहा है। कुछ राजनीतिक जानकार इसे महाराष्ट्र सरकार बनाम केंद्रीय एजेंसियों की सीधी लड़ाई के रूप में भी देख रहे हैं।