सुशांत की बहनों के ख़िलाफ़ रिया ने दर्ज कराई एफ़आईआर, विकास सिंह बोले- एक्शन लेंगे

02:09 pm Sep 08, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

फ़िल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले को लेकर सीबीआई, ईडी, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो सहित कई जांच एजेंसियों के सवालों का सामना कर रहीं फ़िल्म अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती ने पलटवार किया है। रिया ने सुशांत की मौत के मामले में उनकी बहनों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कराया है। रिया ने सुशांत को ग़लत प्रिसक्रिप्शन के आधार पर दवाएं देने का आरोप लगाया है। 

यह मुक़दमा सुशांत की बहनों प्रियंका सिंह, मीतू सिंह, दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर तरूण कुमार और कुछ अन्य के ख़िलाफ़ दर्ज कराया गया है। 

रिया के वकील सतीश मानशिंदे ने मंगलवार को कहा, ‘रिया ने बांद्रा पुलिस में दी गई शिकायत में कहा है कि हो सकता है कि सुशांत की आत्महत्या का कारण उसे दी गई ग़लत दवाओं का कॉकटेल रहा हो।’ रिया ने शिकायत में लिखा है कि सुशांत की बहनों को मामले की जांच कर रहे अधिकारियों और ईश्वर के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। रिया की शिकायत पर बांद्रा पुलिस ने सोमवार को एफ़आईआर दर्ज कर ली थी। 

सुशांत की बहनों के वकील वरूण सिंह ने एनडीटीवी से कहा कि वे लोग इस एफ़आईआर को रद्द करने की मांग को लेकर अदालत का दरवाज़ा खटखटाएंगे। 

सुशांत की एक्स गर्लफ़्रेंड रहीं रिया ने आरोप लगाया है कि दवाओं के एक जाली पर्चे में यह दिखाया गया कि सुशांत दिल्ली में आउट पेशेंट विभाग में हैं लेकिन वास्तव में वह मुंबई में थे। रिया ने अपनी शिकायत में कहा है, ‘सुशांत की मौत मेरे जाने के 5 ही दिन बाद हो गई। पर्चे में लिखी गई दवाओं में गैरकानूनी रूप से दी गई दवाएं थीं।’ रिया ने यह शिकायत सुशांत और उनकी बहन के बीच 8 जून को हुए एक वॉट्स ऐप चैट के आधार पर दी। 

मुंबई पुलिस पर बोला हमला 

सुशांत के पिता केके सिंह के वकील विकास सिंह ने रिया की ओर से दर्ज कराई एफ़आईआर को लेकर मुंबई पुलिस पर हमला बोला है। विकास सिंह ने मंगलवार को कहा, ‘मैंने इस एफ़आईआर को देखा है, मुझे लगता है कि मुंबई का बांद्रा पुलिस स्टेशन रिया के दूसरे घर जैसा है, वह हर छोटे-छोटे मौक़े पर वहां चली जाती हैं, वहां शरण लेती हैं।’ 

‘एफ़आईआर पूरी तरह बेबुनियाद’

उन्होंने कहा, ‘बांद्रा पुलिस की यह एफ़आईआर पूरी तरह बेबुनियाद है, अवैध है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। सुप्रीम कोर्ट ने कभी भी अभियुक्त को इस तरह की लिबर्टी नहीं दी थी कि वह कोई एफ़आईआर दर्ज कराए। क्योंकि इस तरह की एफ़आईआर दर्ज होना कोर्ट के मुताबिक़, मान्य नहीं है।’ 

विकास सिंह ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के अनुसार डॉक्टर के ख़िलाफ़ कोई भी एफ़आईआर बिना मेडिकल टीम के गठन के नहीं हो सकती लेकिन बांद्रा पुलिस ने ऐसी किसी टीम का कोई गठन नहीं किया।’ 

उन्होंने कहा कि रिया की शिकायत पर एफ़आईआर दर्ज करने में बांद्रा पुलिस ने आईपीसी और एनडीपीएस की धाराओं को भर दिया है और ऐसा लगता है कि उन्हें रिया को ख़ुश करके भेजना था और बिना सोचे-समझे एफ़आईआर लिख डाली है। विकास सिंह ने कहा कि हम इस पर सीरियस एक्शन लेंगे। 

विकास सिंह ने कहा, ‘रिया इस एफ़आईआर के माध्यम से जो कहना चाह रही थीं, वह उसे सीबीआई को अपने बयान के रूप में दे सकती थीं। इसके बाद सीबीआई को अगर लगता कि इसमें कोई तथ्य है, तो वह चार्जशीट में उस पर विचार कर सकती थी।’