महाराष्ट्र के वर्धा से बीजेपी विधायक दादाराव केचे के घर पर रविवार को उनके जन्मदिन के मौक़े पर लगभग 200 लोग जमा हो गये। यह ऐसे वक्त में हुआ है, जब कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये पूरी दुनिया में सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दिया जा रहा है।
हालांकि केचे ने सफाई देते हुए इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने जन्मदिन के मौक़े पर लोगों को आमंत्रित किया था। इस मामले में स्थानीय अधिकारियों की ओर से केचे को नोटिस थमाया गया है। नोटिस में कहा गया है कि केचे ने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने लिये लगाई गई पाबंदियों का उल्लंघन किया है।
केचे ने अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया, ‘मैंने केवल 21 मजूदरों को बुलाया था और ये वे लोग थे जिन्हें कोरोना वायरस के संकट के कारण काम-धंधा नहीं मिल रहा था। मैंने इन लोगों के बीच अनाज बांटा था। अनाज बांटने के बाद मैं वहां से चला गया था लेकिन मेरे राजनीतिक विरोधियों ने यह बात फैला दी कि मैं कई लोगों को अनाज बांट रहा हूं। इससे मेरे घर पर भीड़ लग गई। जब मुझे यह सूचना मिली तो मैं वापस लौटा और पुलिस की मदद से लोगों को वहां से हटाया।’
केचे ने अख़बार से कहा कि वह इस बात को समझते हैं कि हम सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करना चाहिए। अख़बार के मुताबिक़, वर्धा के कलेक्टर विवेक भिमानवार ने कहा है कि प्रशासन की ओर से कार्यक्रम के लिये कोई अनुमति नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा कि विधायक ने ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित करने की अनुमति मांगी थी लेकिन हमने इससे इनकार कर दिया था और सिर्फ़ 5 लोगों के द्वारा एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर रक्तदान कार्यक्रम की अनुमति दी थी। उन्होंने कहा कि जैसे ही हमें उनके घर पर भीड़ जुटने की सूचना मिली, हम मौक़े पर पहुंचे और भीड़ को तितर-बितर किया।
वर्धा के पुलिस अधीक्षक बसवराज तेली ने कहा है कि जब यह भीड़ जुटी तो विधायक केचे घर पर ही थे और पुलिस ने इस मामले में केचे के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया है।
सबसे ज़्यादा प्रभावित है महाराष्ट्र
भारत में महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के संक्रमण के सबसे ज़्यादा मामले सामने आये हैं और सबसे ज्यादा मौतें भी यहीं हुई हैं। पूरे राज्य में संक्रमण लगातार फैल रहा है और ऐसे में किसी जन्मदिन, पार्टी या किसी भी तरह के आयोजन ही क्या, घर से बेवजह निकलने पर ही रोक है। तो बीजेपी के विधायक को घर पर लोगों को आमंत्रित करने की क्या ज़रूरत थी। इस ख़तरनाक वायरस के ख़िलाफ़ जारी लड़ाई को जीतने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दे रहे हैं लेकिन यहां उनकी ही पार्टी के विधायक इसे नहीं मान रहे हैं।
इससे पहले मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद मार्च के महीने में भी बीजेपी के नेताओं ने अपनी सरकार बनने की ख़ुशी में जमकर जश्न मनाया था और सोशल डिस्टेंसिंग को तार-तार कर दिया था।