दशहरा रैली: उद्धव गुट को मिली शिवाजी पार्क में रैली की इजाजत

07:00 pm Sep 23, 2022 | सोमदत्त शर्मा

बॉम्बे हाई कोर्ट से शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को बड़ी राहत मिली है और शिवाजी पार्क मैदान पर होने वाली शिवसेना की दशहरा रैली को हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार और बीएमसी को मुंबई हाई कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि जब हाई कोर्ट पहले ही अपने आदेश में यह कह चुका है कि दशहरा के मौक़े पर शिवाजी पार्क को शिवसेना की दशहरा रैली के लिए आरक्षित किया है तो फिर आपने शिवसेना को दशहरा रैली की इजाजत क्यों नहीं दी। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने एकनाथ शिंदे गुट की उस अर्जी को भी खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने शिवाजी पार्क मैदान में दशहरा रैली आयोजित करने की मांग की थी।

पिछले काफी दिनों से शिवसेना की दशहरा रैली पर संकट के बादल मंडरा रहे थे क्योंकि बीएमसी ने उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट दोनों को ही शिवाजी पार्क मैदान में दशहरा रैली की इजाज़त देने से इनकार कर दिया था। बीएमसी ने ऐसा कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा था। इसके बाद उद्धव ठाकरे गुट ने मुंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और अब हाईकोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट को शिवाजी पार्क मैदान में दशहरा रैली करने की इजाजत दे दी है।

मुंबई हाई कोर्ट ने शुक्रवार को 3 घंटे तक चली सुनवाई के दौरान बीएमसी और राज्य सरकार की नियत पर कई बार सवाल उठाये। हाईकोर्ट ने बीएमसी से पूछा कि जब उद्धव ठाकरे गुट ने सबसे पहले दशहरा रैली आयोजित करने के लिए बीएमसी से इजाजत मांगी थी तो फिर आपने इजाजत देने में इतना समय क्यों लगा दिया। इसके अलावा हाईकोर्ट ने बीएमसी को फटकार लगाते हुए यह भी कहा कि दशहरा रैली को लेकर पहले भी मामला अदालत में आ चुका है और अदालत यह पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि दशहरा रैली का आयोजन पिछले पांच दशक से होता आया है, ऐसे में उसके आयोजन में कोई व्यवधान नहीं होना चाहिए। 

मुंबई हाई कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट को शिवाजी पार्क मैदान में दशहरा रैली करने की इजाजत कुछ शर्तों के आधार पर दी है। इसके अलावा हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस को भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि 5 अक्टूबर को शिवाजी पार्क मैदान में होने वाली रैली के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जाएं। 

हालांकि शिंदे गुट की तरफ से हाई कोर्ट को यह भी बताने की कोशिश की गई कि असली शिवसेना को लेकर अभी मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है लेकिन हाईकोर्ट ने उस पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस पक्ष ने रैली के लिए पहले आवेदन दिया है बीएमसी को उस पक्ष को इजाजत देनी चाहिए।

शिवसेना सांसद अरविंद सावंत का कहना है कि सत्य को परेशान किया जा सकता है लेकिन पराजित नहीं किया जा सकता। अरविंद सावंत ने कहा कि बीएमसी ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इशारे पर हमें दशहरा रैली करने से रोकने के लिए बहुत प्रयास किए लेकिन आखिरकार मुंबई हाई कोर्ट से हमें न्याय मिल गया और अब उद्धव ठाकरे की तोप शिवाजी पार्क मैदान में एक बार फिर गरजेगी। 

एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री उदय सामंत का कहना है कि बीएमसी ने कानून व्यवस्था का हवाला देकर दोनों ही पक्षों को दशहरा रैली आयोजित करने की इजाजत नहीं दी थी, लेकिन हमारी सरकार मुंबई हाई कोर्ट के उस आदेश का सम्मान करती है जिसमें उन्होंने उद्धव ठाकरे गुट को दशहरा रैली आयोजित करने का आदेश दिया है। 

उदय सामंत का कहना है कि अभी तक सरकार या फिर बीएमसी की तरफ से मुंबई हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी या नहीं, इस पर फैसला नहीं हुआ है। 

बता दें कि 2 दिन पहले मुंबई के गोरेगांव में अपने गुट के नेताओं को संबोधित करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा था कि सरकार और बीएमसी भले ही कितनी भी कोशिश कर ले लेकिन शिवसेना की दशहरा रैली शिवाजी पार्क मैदान में होकर रहेगी। ऐसे में अब सभी की निगाहें 5 अक्टूबर को शिवाजी पार्क मैदान में होने वाली दशहरा रैली पर टिक गई हैं कि आखिरकार उद्धव ठाकरे इस मौके पर अपनी क्या बात रखते हैं।