महायुति में अजीबोगरीब स्थिति है। बीजेपी ने अपने सहयोगी शिंद सेना के उम्मीदवार के ख़िलाफ़ खुद का कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है, लेकिन वह उसका समर्थन भी नहीं कर रही है। वह ऐसे उम्मीदवार का समर्थन कर रही है जो उसका गठबंधन का सहयोगी ही नहीं है। है न अजीबोगरीब स्थिति!
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में माहिम निर्वाचन क्षेत्र में उम्मीदवारों को लेकर महायुति गठबंधन असमंजस में है। यह सीट महायुति की ओर से एकनाथ शिंदे की शिवसेना को आवंटित है। इसने अपने मौजूदा विधायक सदा सर्वणकर को टिकट दिया है। लेकिन इस सीट पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे को उतारा गया है। अब बीजेपी ने मनसे के उम्मीदवार अमित ठाकरे को समर्थन करने की बात कही है।
एमवीए की ओर से उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के महेश सावंत को टिकट दिया गया है। और इस वजह से इस सीट पर अब त्रिकोणीय मुक़ाबला हो गया है। ऐसे मुक़ाबले के बीच अब मनसे उम्मीदवार अमित ठाकरे और शिवसेना के विधायक सदा सर्वणकर की उम्मीदवारी के कारण गतिरोध और गहराता जा रहा है। भाजपा ने अमित ठाकरे को अपना समर्थन देने का वादा किया है, जबकि उसकी सहयोगी एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने अपने मौजूदा विधायक को मैदान में उतारने का फैसला किया है और दोनों ही दल अपने फैसले पर अड़े हुए हैं।
भाजपा को उम्मीद थी कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना विधायक सर्वणकर को हटाकर अमित ठाकरे को टिकट देगी। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार हालांकि भाजपा नेताओं का दावा है कि इस मामले में शिंदे के साथ समझौता हो गया है, लेकिन शिवसेना नेताओं का तर्क है कि अगर वे उम्मीदवार नहीं उतारते हैं, तो उनके वोट उद्धव गुट को जा सकते हैं।
सर्वणकर ने बुधवार को राज ठाकरे से अनुरोध किया कि वे अपने बेटे की माहिम सीट से उम्मीदवारी वापस लें और शिवसेना का समर्थन करें। विधायक ने ट्वीट कर शिवसेना के वफादार के रूप में अपने 40 साल के कार्यकाल और कड़ी मेहनत के दम पर तीन बार विधायक चुने जाने का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि अगर दिवंगत शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे जीवित होते तो वे उनसे अपने रिश्तेदारों के लिए सीट छोड़ने के लिए नहीं कहते।
सर्वणकर ने कहा, 'दादर-माहिम में उनके (बाल ठाकरे के) 50 रिश्तेदार रहते हैं, लेकिन उन्होंने मेरे जैसे आम कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाया। वे कार्यकर्ता की भावना को संजोने वाले नेता थे। एकनाथ शिंदे साहब को देखिए, भले ही उनका बेटा तीन बार सांसद रहा हो, लेकिन उन्होंने अपने बेटे को केंद्र में मंत्री नहीं बनाया, बल्कि एक वफादार शिवसैनिक को यह मौका दिया।'
रिपोर्ट के अनुसार उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'हम अमित ठाकरे का समर्थन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी इसी विचार के थे। लेकिन अगर शिवसेना का उम्मीदवार नहीं होता, तो उनके वोट शिवसेना (यूबीटी) को जाएंगे, इसलिए उम्मीदवार दिया गया है।' उन्होंने यह भी कहा कि स्थिति का समाधान खोजने के प्रयास किए जाएंगे। उनके अनुसार, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेताओं ने तर्क दिया कि अगर पार्टी चुनाव नहीं लड़ती है, तो उसके समर्पित मतदाता उद्धव सेना में चले जाएंगे। उन्होंने कहा, 'भाजपा अमित का समर्थन करने के लिए तैयार थी और अभी भी अपने रुख पर अडिग है।'
इस बीच, सर्वणकर ने एकनाथ शिंदे से मुलाकात की और दावा किया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह माहिम से चुनाव लड़ेंगे। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार राज ठाकरे ने दावा किया कि महाराष्ट्र में अगली सरकार महायुति गठबंधन के नेतृत्व में बनेगी, जिसमें मुख्यमंत्री का पद भाजपा को मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह सरकार मनसे के समर्थन से बनेगी। हालाँकि मनसे महायुति का हिस्सा नहीं है।