महाराष्ट्रः भाजपा को झटका, पूर्व मंत्री सूर्यकांता पाटिल का इस्तीफा, शरद पवार की पार्टी में गईं
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन के कुछ दिनों बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री सूर्यकांता पाटिल ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी छोड़ने के बाद कहा, ''मैंने पिछले 10 सालों में बहुत कुछ सीखा है।'' सूर्यकांता अब वापस शरद पवार की पार्टी में लौट आई हैं।
शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से नाता तोड़ने के बाद 2014 में वो भाजपा में शामिल हुईं। पाटिल ने इस बार आमचुनाव 2024 में मराठवाड़ा के हिंगोली लोकसभा क्षेत्र से भाजपा टिकट मांगा था, लेकिन वह टिकट पाने में नाकाम रहीं। टिकट न मिलने पर उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। कुछ दिनों के इंतजार और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद उन्होंने भाजपा से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी।
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में भाजपा अपनी हार की समीक्षा कर रही है। 2019 में भाजपा ने यहां 23 लोकसभा सीटें जीती थीं लेकिन अब वो सिमट कर 9 सीटों पर आ गई है। महायुति गठबंधन को इस बार 13 सीटें मिली हैं, जबकि विपक्षी इंडिया गठबंधन को 30 सीटें मिली हैं। हालांकि इस दौरान एनसीपी और शिवसेना के दो फाड़ राजनीतिक ताकतों ने कराए। लेकिन इसका उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ। उल्टा इसका फायदा एनसीपी शरद पवार और उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी को हुआ। खराब प्रदर्शन के बाद देवेंद्र फडणवीस ने पार्टी को उन्हें सभी जिम्मेदारियों से मुक्त करने को कहा। लेकिन पार्टी ने उनकी मांग ठुकरा दी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव सितंबर-अक्टूबर में हैं। उसे लेकर सभी दलों में गतिविधियां तेज हो गई हैं।
महाराष्ट्र में महायुति के बीच सीट बंटवारे के दौरान हिंगोली सीट एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के लिए भाजपा ने छोड़ दी थी। आम चुनाव के दौरान बीजेपी ने उन्हें हदगांव हिमायतनगर विधानसभा क्षेत्र के चुनाव प्रमुख की जिम्मेदारी दी थी। शिवसेना इस बार हिंगोली सीट उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट से हार गई है।
सूर्यकांता पाटिल ने चार बार सांसद और एक बार विधायक के रूप में हिंगोली-नांदेड़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। वह यूपीए सरकार के दौरान ग्रामीण विकास और संसदीय मामलों की राज्य मंत्री थीं। इस क्षेत्र में वो काफी लोकप्रिय हैं। इसीलिए जब वो 2014 में भाजपा में शामिल हुईं तो उनको काफी महत्व दिया गया लेकिन भाजपा ने उन्हें किसी पद की जिम्मेदारी नहीं सौंपी।
सूर्यकांता पाटिल ने अपना राजनीतिक सफर 1972 में बीजेपी महिला अघाड़ी की प्रमुख के तौर पर शुरू किया था। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गईं और पार्षद से लेकर सांसद तक के पद पर रहीं। इसके बाद पाटिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गईं। 2014 में वो फिर से बीजेपी में शामिल हो गईं। सूर्यकांता पाटिल ने नांदेड़ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीता। इसके बाद उन्होंने हदगांव विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा और जीता।
सूर्यकांता पाटिल ने कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण के बीजेपी में शामिल होने पर अपनी कड़ी राय व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि बीजेपी की हार अशोक चव्हाण की वजह से नहीं हुई, बल्कि इसके उलट अशोक चव्हाण ने बीजेपी में शामिल होकर खुद को ही नुकसान पहुंचाया है।
सूर्यकांता पाटिल ने अपने इस्तीफे में कहा है कि मैं स्वेच्छा से अपनी प्राथमिक सदस्यता और हदगांव विधानसभा संयोजक के पद से इस्तीफा दे रही हूं। पिछले 10 वर्षों में मैंने आपके (भाजपा) साथ बहुत कुछ सीखा है। तालुका में बूथ कमेटी तक काम किया।