+
महाराष्ट्रः शिंदे गुट ने अपने विधायकों की बैठक आज शाम को बुलाई

महाराष्ट्रः शिंदे गुट ने अपने विधायकों की बैठक आज शाम को बुलाई

महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे गुट ने भी अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ने आज अपने आवास पर शाम को अपने गुट के विधायकों की बैठक बुलाई है। उद्धव ठाकरे को छोड़कर आए 40 विधायकों ने शिंदे से कहा है कि वो सारे घटनाक्रम पर कोई न कोई फैसला जरूर लें। शिंदे गुट अब एनसीपी के 9 विधायकों को मंत्री बनाए जाने का खुला विरोध कर रहा है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज 5 जुलाई की शाम अपने आधिकारिक आवास वर्षा बंगले पर सभी पार्टी नेताओं और विधायकों की बैठक बुलाई है और उम्मीद है कि वह सरकार के भीतर अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के प्रवेश से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेंगे। शिंदे गुट की यह रणनीतिक बैठक बताई गई है। क्योंकि शिंदे गुट को शाम तक अजित पवार के साथ आने वाले एनसीपी विधायकों की संख्या का सही तरह से पता चल जाएगा। इसके बाद ही वो अपना अगला कदम उठाएंगे।

शिंदे गुट में क्या चल रहा है, इस संबंध में शिंदे समर्थक विधायक संजय शिरसाट का बयान आज 5 जुलाई को आया है। संजय शिरसाट ने कहा- "राजनीति में जब हमारा प्रतिद्वंद्वी गुट हमारे साथ आना चाहता है, तो हमें उन्हें शामिल करना पड़ता है और भाजपा ने यही किया। एनसीपी के हमारे साथ आने के बाद, हमारे समूह के विधायक नाराज थे क्योंकि उनमें से कुछ हमारे नेताओं को उनका मंत्री पद नहीं मिलेगा। यह सच नहीं है कि हमारे सभी नेता एनसीपी के हमारे साथ आने से खुश हैं। हमने सीएम और डिप्टी सीएम को सूचित कर दिया है और उन्हें इस मुद्दे को हल करना होगा... हम हमेशा एनसीपी के खिलाफ थे और आज भी हैं। हम शरद पवार के खिलाफ हैं। शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को सीएम के रूप में इस्तेमाल किया था। जब उद्धव सीएम थे तो एनसीपी (शरद पवार) सरकार चलाते थे... एकनाथ शिंदे अब कार्रवाई का फैसला करेंगे।''

मंगलवार को, शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने यहां तक ​​​​पूछा था कि अगर "सब कुछ बलिदान करना है" तो सत्ता में रहने का क्या मतलब है। इस तरह संजय शिरसाट का बयान अब रोजाना आ रहा है।

संजय शिरसाट का यह बयान महत्वपूर्ण है। क्योंकि वो साफ शब्दों में कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री शिंदे को कोई न कोई फैसला तो लेना ही होगा।हालांकि सोमवार को ठाणे में भी शिंदे ने बंद कमरे में अपने गुट के विधायकों की बैठक की थी। जिसमें उन्होंने भरोसा दिया था कि वे सभी लंबित मुद्दों पर डिप्टी सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करेंगे।

अजित पवार सहित एनसीपी के नौ विधायकों के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने के बाद से शिंदे कोटे के मंत्री और कई शिवसेना विधायकों ने सार्वजनिक रूप से इस घटनाक्रम पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को सरकार में शामिल करने की जरुरत पर सवाल उठाया।

मंगलवार को शिव सेना के मंत्री शंभुराजे देसाई ने यहां तक ​​कह दिया था कि अगर शिवसेना यूबीटी अध्यक्ष कोई प्रस्ताव देते हैं या उन तक पहुंचते हैं तो शिंदे के नेतृत्व वाली सेना भी सकारात्मक प्रतिक्रिया देगी। 

देसाई ने कहा, ''ये सभी काल्पनिक सवाल हैं। लेकिन अगर उद्धव जी की ओर से कोई भी हमारे पास पहुंचता है तो हम जवाब देंगे। अगर हमें कोई प्रस्ताव मिलता है तो हम सकारात्मक प्रतिक्रिया देंगे।' 

अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी विधायकों को कैबिनेट में शामिल करने पर पार्टी विधायकों के भीतर नाराजगी की बढ़ती घटनाओं ने शिंदे को बुधवार को विधायकों और पार्टी के अन्य नेताओं की बैठक बुलाने के लिए मजबूर किया है।

इस बीच, शिवसेना की कोर कमेटी ने भी मंगलवार शाम मंत्री दीपक केसरकर के रामटेक बंगले पर बैठक की और मुद्दों पर चर्चा की। सूत्रों ने पुष्टि की कि बैठक में कई विधायकों और मंत्रियों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। 

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें