कोई और बालासाहेब ठाकरे का नाम इस्तेमाल नहीं कर सकता : उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र में तेजी से बदल रहे सियासी माहौल के बीच मुंबई में शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। बैठक में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोई भी बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता। इसे लेकर शिवसेना चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाएगी और इसे लेकर बैठक में प्रस्ताव पास किया गया है।
बता दें कि एकनाथ शिंदे की अगुआई वाले गुट ने अपनी नई पार्टी का बनाने का एलान किया है और इसका नाम शिवसेना बालासाहेब रखा है।
उद्धव ठाकरे ने बैठक में मौजूद शिवसेना के विधायकों और शिवसैनिकों से कहा कि पार्टी मराठी अस्मिता और हिंदुत्व के मुद्दे पर टिकी रहेगी।
उधर, महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि झिरवल ने उनके खिलाफ ईमेल से भेजे गए अविश्वास प्रस्ताव को रद्द कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस अविश्वास प्रस्ताव में किसी भी विधायक के वास्तविक हस्ताक्षर नहीं है। यह प्रस्ताव बागी विधायकों के द्वारा भेजा गया था।
अलर्ट पर पुलिस
जिस तरह कई जगहों पर शिवसैनिकों के द्वारा बागी विधायकों के दफ्तरों पर हमले और उनके खिलाफ प्रदर्शन करने की खबरें आ रही हैं उसे देखते हुए मुंबई में धारा 144 लागू कर दी गई है और पुलिस अलर्ट पर है। इसके अलावा बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे के ठाणे स्थित आवास के बाहर भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
शिवसेना और एनसीपी का प्रदर्शन
शिवसेना और एनसीपी की असम इकाई के कार्यकर्ताओं ने गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल के बाहर प्रदर्शन किया है। इसी होटल में बागी विधायक ठहरे हुए हैं। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस और असम कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी होटल के बाहर प्रदर्शन किया था।
असम कांग्रेस का कहना है कि राज्य में बाढ़ के कारण हालात बहुत खराब हैं लेकिन राज्य की बीजेपी सरकार विधायकों की आवभगत में लगी हुई है।
उग्र हुए शिवसैनिक
बता दें कि महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में शिवसैनिकों का गुस्सा फूट रहा है। शिवसैनिक बागी विधायकों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और उनके ऑफिसों पर भी हमला कर रहे हैं।
शनिवार को शिवसैनिकों ने पुणे में बागी विधायक तानाजी सावंत के दफ्तर पर हमला कर दिया। तानाजी सावंत इस वक्त अन्य बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी के होटल में मौजूद हैं।
शुक्रवार को भी शिवसेना के बागी विधायक मंगेश कुदालकर के दफ्तर पर शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की थी और एकनाथ शिंदे के पोस्टर पर काली स्याही फेंकी थी। कुछ लोगों ने पोस्टर पर चप्पल और जूते भी फेंके थे। कोल्हापुर से भी विरोध प्रदर्शन किया गया था।