महाराष्ट्र संकट: बागी नेता एकनाथ शिंदे नहीं गए मुंबई, गुवाहाटी में रुके
महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार के सामने सियासी संकट खड़ा करने वाले बागी नेता एकनाथ शिंदे शुक्रवार को गुवाहाटी से मुंबई के लिए रवाना नहीं हुए। ऐसी ख़बरें थी कि वह दिन में मुंबई पहुंचकर महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर से मिलेंगे।
'शिवसेना के पास 16 विधायक हैं'
इस पर संजय राउत ने कहा है कि शिवसेना के बागी विधायकों को मुंबई तो आना ही पड़ेगा और जो कुछ उनके मन में है उसे वे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी कह सकते थे। राउत ने आज तक से कहा कि शिवसेना के पास अभी 16 विधायक हैं।
संजय राउत ने कहा कि शिवसेना पर कोई कब्जा नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कई बार बगावत हुई लेकिन शिवसेना कमजोर नहीं हुई। उन्होंने कहा कि शिवसेना फिर से जीतकर आएगी।
शिवसेना की ओर से बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने को लेकर डिप्टी स्पीकर के सामने अर्जी दिए जाने के बाद से ही यह माना जा रहा है कि शिंदे मुंबई का रुख कर सकते हैं। शिवसेना की ओर से अब तक 16 विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने को लेकर अर्जी डिप्टी स्पीकर के सामने दी जा चुकी है।
इन विधायकों के नाम एकनाथ शिंदे, महेश शिंदे, अब्दुल सत्तार, भारत गोगावाले, संजय शिरसाट, यामिनी जाधव, अनिल बाबर, तानाजी सावंत, लता सोनवणे, प्रकाश सुर्वे, बालाजी किनिकर, संदीपन भुमरे, बालाजी कल्याणकार, रमेश बोरनारे, चिमनराव पाटिल और संजय रायमुनकर हैं।
शिंदे ने दिखाई ताक़त
बीते दिनों में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के भीतर अपनी सियासी ताक़त का खुलकर प्रदर्शन किया है। गुरुवार रात को शिंदे की ओर से राज्यपाल को लिखी चिट्ठी में 37 विधायकों के दस्तखत हैं। इस चिट्ठी में कहा गया है कि एकनाथ शिंदे ही विधायक दल के नेता है। बगावत के बाद शिवसेना ने शिंदे को विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया था।
एकनाथ शिंदे ने कई टीवी चैनलों से बातचीत में उनके साथ 50 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। शिंदे ने कहा है कि इसमें शिवसेना के लगभग 40 विधायक शामिल हैं।
शिंदे और अन्य विधायकों की बगावत के बाद पैदा हुए संकट को लेकर महाराष्ट्र की विधानसभा में लंबी लड़ाई लड़े जाने की उम्मीद है। यह लड़ाई अदालतों तक भी पहुंच सकती है।