महाराष्ट्र कांग्रेस में चल रही कलह उस समय सामने आ गई जब कांग्रेस के 22 विधायकों ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। विधायकों के दल ने सोनिया गांधी से शिकायत की है कि महाराष्ट्र सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्री विधायकों की अनदेखी कर रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार की तरफ से विधायकों को दिया जाने वाला फंड भी नहीं दिया जा रहा है जिसके चलते वह अपने क्षेत्र में विकास कार्य नहीं करा पा रहे हैं।
कांग्रेस विधायकों ने सोनिया गांधी से उद्धव ठाकरे सरकार की शिकायत करते हुए कहा कि ठाकरे सरकार में कांग्रेस के मंत्री विधायकों को ना तो समय देते हैं और ना ही उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान देते हैं। इसका नतीजा यह है कि विधायकों के क्षेत्रों में विकास के काम रुक गए हैं।
दक्षिण मुंबई से कांग्रेस के विधायक अमीन पटेल ने सत्य हिंदी से बातचीत में कहा कि मंत्रियों को छोड़कर अगर कोई भी विधायक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अपने क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर मिलना चाहता है तो मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से उनको समय नहीं दिया जाता है।
मंत्रियों को हटाने की मांग
सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाले विधायकों ने महाराष्ट्र सरकार में कांग्रेस कोटे से बनाए गए सभी मंत्रियों को भी हटाए जाने की मांग की है। महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र के एक विधायक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि खुद कांग्रेस के मंत्री अपने ही विधायकों के कार्यों को रोकने का काम कर रहे हैं जिससे पार्टी में गलत संदेश जा रहा है।
इसके अलावा कुछ मंत्री तो ऐसे हैं जो अपने ही विधायकों को मंत्रालय के अपने केबिन में भी आने नहीं देते हैं।
महाराष्ट्र कांग्रेस में ऐसा पहली बार हुआ है जब विधायकों का एक बड़ा दल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिला हो। विधायकों ने सोनिया गांधी से कहा कि महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार में कांग्रेस को खास तवज्जो नहीं दी जा रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी कांग्रेस के मंत्रियों को मिलने का समय नहीं देते हैं। सरकार के दो से तीन मंत्री भी ठाकरे से नाराज चल रहे हैं।
विधायकों ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में अध्यक्ष का पद पिछले डेढ़ साल से खाली पड़ा है लेकिन कांग्रेस की तरफ से कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है।
लिखित में देंगे शिकायत
मुलाकात के बाद कांग्रेस के विधायक कैलाश गोरंटियाल ने कहा कि सोनिया गांधी ने हमारी सभी बातें ध्यान से सुनी हैं और इन सभी शिकायतों को लिखित में देने के लिए कहा है। इसलिए हम सभी अपनी-अपनी शिकायतों को लिखित में सोनिया गांधी तक पहुंचाएंगे।
पटोले ने लिखा था पत्र
पिछले काफी समय से महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले भी ठाकरे सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए दिख रहे हैं। नाना पटोले ने कुछ दिन पहले ही उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर महाराष्ट्र सरकार को कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत चलने को कहा था। पटोले ने चिट्ठी में लिखा था कि कोरोना की वजह से कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का ढांचा बिगड़ गया है।
पटोले ने चिट्ठी में लिखा है कि महाराष्ट्र में जब कांग्रेस एनसीपी और शिवसेना की सरकार बनी थी तो तीनों ही पार्टियों की रजामंदी पर कॉमन मिनिमम प्रोग्राम रखा गया था जिस पर सरकार को चलना था लेकिन कोरोना की वजह से यह मामला बीच में ही अटक गया था।
बता दें कि जब महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी की सरकार बन रही थी तो कांग्रेस के ही असंतुष्ट विधायकों ने सोनिया गांधी को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए तैयार किया था लेकिन अब यही विधायक अपनी पार्टी के मंत्रियों और महा विकास आघाडी सरकार से इतने नाराज हैं कि उन्होंने सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है।