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शिवसेना गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रही: महाराष्ट्र कांग्रेस

शिवसेना गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रही: महाराष्ट्र कांग्रेस

मुंबई में बीएमसी के चुनाव में क्या शिवसेना और कांग्रेस के बीच सबकुछ ठीक नहीं है? आख़िर कांग्रेस क्यों शिवसेना को गठबंधन का धर्म याद दिला रही है? 

महाराष्ट्र में कांग्रेस की शिकायत है कि शिवसेना उसके साथ गठबंधन के साथी के तौर पर पेश नहीं आ रही है। कांग्रेस नेता और बीएमसी में प्रतिपक्ष के नेता रवि राजा ने इस मुद्दे को महाराष्ट्र कांग्रेस के मिलिंद देवड़ा जैसे शीर्ष नेताओं के सामने उठाया तो देवड़ा ने भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सामने इस मुद्दे को रखने की बात कही। 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मिलिंद देवड़ा ने इस मुद्दे को आलाकमान के सामने उठाने की बात तो कही ही, साथ में उन्होंने ट्वीट कर सोनिया और राहुल को टैग भी किया है। उन्होंने ट्वीट में कहा है, 'एमवीए सहयोगी होने के बावजूद बीएमसी के वार्ड आरक्षण का सबसे बड़ा नुक़सान कांग्रेस को हो रहा है। राजनीतिक गठबंधन एकतरफ़ा नहीं हो सकते। मैं इस मुद्दे को अपने नगर पार्षदों की ओर से पार्टी के नेतृत्व के सामने उठाऊंगा।'

मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस नेता रवि राजा की शिकायत वाले ट्वीट को रिट्वीट करते हुए प्रतिक्रिया दी है। रवि राजा ने मुंबई कांग्रेस की बैठक की तसवीरें ट्वीट करते हुए कहा है, 'आज मुंबई कांग्रेस के पार्षदों ने बीएमसी चुनावों के लिए वार्ड आरक्षण सेट पर चर्चा करने के लिए एमआरसीसी कार्यालय में मुलाक़ात की। सभी नगरसेवक इस व्यवस्था से काफ़ी परेशान हैं और उन्हें लगता है कि उनके साथ अन्याय हुआ है। उन्हें उम्मीद है कि पार्टी आलाकमान इस पर गौर करेगा और इस मुद्दे को सुलझाएगा।'

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि बृहन्मुंबई नगर निगम यानी बीएमसी चुनाव से पहले पार्टी को कमजोर करने के लिए समन्वित प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि शिवसेना मुंबई से कांग्रेस का सफाया करने की कोशिश कर रही है। 

कांग्रेस नेता रवि राजा ने आरोप लगाया है कि कुछ कांग्रेस नेताओं को एक पूर्व नियोजित योजना के तहत निशाना बनाया गया और उनके वार्डों में बदलाव लाए गए।

इंडिया टुडे से बातचीत में रवि राजा ने कहा, 'सबसे बड़ी पार्टी, शिवसेना भूल गई है कि कांग्रेस भी राज्य में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार का हिस्सा है। वार्ड आरक्षण की लॉटरी व्यवस्था और सीमाओं में परिवर्तन जनसंख्या वृद्धि को ध्यान में रखते हुए अब नए ढंग से की जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बीएमसी में लगभग 21 कांग्रेस नेता प्रभावित होंगे क्योंकि उनके वार्ड आरक्षण बदल गए हैं।' उनका कहना है कि वे 50-60 वार्ड का लक्ष्य रखते हैं लेकिन शीर्ष नेतृत्व को इस ओर देखना चाहिए।

बता दें कि बीएमसी में 236 वार्ड हैं। इनमें से 50 फीसदी या 118 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इनमें से 109 सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए, आठ अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए और एक अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इस नयी व्यवस्था में रवि राजा सहित कई नेताओं की सीटें आरक्षण वाली हो जाएँगी।

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