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महाराष्ट्रः शिंदे गुट के 20 बागी विधायक टूटे, बीजेपी में विलय के खिलाफ?

महाराष्ट्रः शिंदे गुट के 20 बागी विधायक टूटे, बीजेपी में विलय के खिलाफ?

महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है। शिंदे गुट के बीस बागी विधायकों ने उद्धव ठाकरे से संपर्क किया है और लौटने की इच्छा जताई है। ये सभी विधायक बीजेपी में विलय के खिलाफ हैं।

महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट में बड़े उलटफेर की संभावना है। खबर है कि बागी एकनाथ शिंदे गुट के कम से कम 20 विधायकों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के संपर्क में हैं। ये वो बागी विधायक हैं जो शिंदे गुट के बीजेपी में विलय के खिलाफ हैं। इन्हीं विधायकों ने उद्धव से संपर्क किया है और लौटने की इच्छा जताई है। अभी उद्धव खेमे से इस बारे में कोई बयान नहीं दिया गया है। लेकिन बीजेपी नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस मुंबई में बीजेपी के चुनिन्दा नेताओं के साथ अहम बैठक कर रहे हैं। इस बैठक में यह तय होगा कि बीजेपी आगे बढ़ेगी या पीछे हटेगी। समय बीतने के साथ शिंदे गुट कमजोर होता जा रहा है।

सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि एकनाथ शिंदे खेमे के भीतर इस समूह के बीजेपी में विलय करने की योजना को लेकर मतभेद सामने आए हैं। हालांकि शिंदे के पास प्रहार जनशक्ति पार्टी के साथ विलय का विकल्प भी है, जिसके प्रमुख, महाराष्ट्र के मंत्री बच्चू कडू, पहले से ही गुवाहाटी में विद्रोहियों के साथ डेरा डाले हुए हैं। लेकिन इस पर शिंदे ने आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा कि उनका गुट जनशक्ति पार्टी में जा सकता है या नहीं।

इस बीच महाराष्ट्र सरकार के एक और मंत्री उदय सामंत भी रविवार को गुवाहाटी जा पहुंचे। इस तरह बागी गुट में कुल 9 मंत्री शामिल हो गए हैं। उदय सामंत अभी शनिवार तक शिवसेना और उद्धव ठाकरे के साथ दिखाई दे रहे थे।

बहरहाल, कुछ विद्रोही विधायकों ने कहा है कि वे अभी भी शिवसेना के साथ हैं और दावा करते हैं कि उनके पास दो-तिहाई बहुमत है। बागी विधायक दीपक केसरकर ने अपने गुट 'शिवसेना बाला साहेब' को मान्यता देने की मांग की और ऐसा नहीं करने पर अदालत जाने की चेतावनी दी। उन्होंने इस विद्रोह के पीछे बीजेपी की भूमिका से इनकार किया।

शिंदे वडोदरा क्यों गए

एकनाथ शिंदे ने शनिवार रात गुवाहाटी से एक विशेष विमान से वडोदरा के लिए उड़ान भरी, जहां वह लगभग 40 बागी विधायकों के साथ डेरा डाले हुए हैं। गृह मंत्री अमित शाह भी कल रात वडोदरा में थे, मामले की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा। कहा जा रहा है कि वडोदरा में फडणवीस भी मौजूद थे। फडणवीस के साथ बातचीत के बाद, शिंदे गुवाहाटी लौट आए। शिंदे और कुछ विद्रोही अपने पूर्व सहयोगी बीजेपी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं, जिसके बारे में उनका दावा है कि बीजेपी ही शिवसेना की "स्वाभाविक सहयोगी" पार्टी है।

एकनाथ शिंदे द्वारा ट्वीट किए गए एक वीडियो में बागी विधायक चिमनराव पाटिल ने कहा, हम परंपरागत रूप से एनसीपी और कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी हैं, वे निर्वाचन क्षेत्रों में हमारे सबसे बड़े राजनीतिक विरोधी हैं। हमने सीएम उद्धव ठाकरे से अनुरोध किया कि स्वाभाविक गठबंधन किया जाना चाहिए।

उधर, फडणवीस मुंबई में बैठक कर रहे हैं। जब यह खबर लिखी जा रही है तो बीजेपी के चुनिन्दा नेताओं की बैठक जारी थी। इस बैठक में नए घटनाक्रमों के मद्देनजर बीजेपी अपनी तैयारी कर रही है। दरअसल, सोमवार का दिन बागी विधायकों, बीजेपी और उद्धव ठाकरे सरकार के लिए खास है। अगर बागी विधायक डिप्टी स्पीकर के सामने पेश होते हैं तो उस समय नई परिस्थितियां बन सकती हैं।

इन मंत्रियों पर कार्रवाई

शिवसेना एकनाथ शिंदे और अन्य बागी मंत्रियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की योजना बना रही है। सूत्रों के मुताबिक, मंत्री एकनाथ शिंदे, गुलाबराव पाटिल, दादा भुसे को विभागों से हाथ धोना पड़ सकता है। राज्यमंत्री अब्दुल सत्तार और शंबुराजे देसाई को भी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

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