मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा गुरूवार को अपनी कैबिनेट का विस्तार करने के बाद बीजेपी में विरोधी सुर सुनाई दे रहे हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने इसे लेकर विरोध जताया है। उन्होंने दो टूक कहा है कि कैबिनेट के विस्तार में जातीय संतुलन की अनदेखी हुई है।
बाबरी मसजिद विध्वंस के मामले में सुनवाई के चलते उमा भारती गुरूवार को लखनऊ मे थी। मंत्रिमंडल में लिए गए नए 28 सदस्यों की सूची देखने के बाद साध्वी भड़क गईं। उमा भारती ने इसे लेकर पार्टी नेतृत्व को खत लिखा है।
विनय सहस्त्रबुद्धे, सुहास भगत और मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष वीडी शर्मा को संबोधित खत में कैबिनेट के विस्तार से जुड़ी तमाम कथित खामियां उमा भारती द्वारा गिना दिए जाने से भोपाल से लेकर दिल्ली तक पार्टी के रणनीतिकारों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, उमा भारती ने अपने खत में दो टूक कहा, ‘कैबिनेट विस्तार में जातीय संतुलन की अनदेखी की गई है। जो सुझाव मैंने कैबिनेट विस्तार के पूर्व दिए थे, उन्हें भी नजरअंदाज किया गया है।’
बताया जा रहा है कि उमा भारती यहीं नहीं थमीं और उन्होंने अपने पत्र में यह भी कह दिया है कि विस्तार के बाद उनसे जुड़े समर्थक स्वयं को अपमानित महसूस कर रहे हैं।
बता दें, 100 दिन पुरानी शिवराज सिंह सरकार की कैबिनेट में आज 28 नये चेहरे लिए गए हैं। विस्तार के बाद शिवराज कैबिनेट में सदस्यों की कुल संख्या 34 हो गई है। विधानसभा में सदस्यों की संख्या के हिसाब से अधिकतम 35 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस हिसाब से अब महज एक ही मंत्री बनाए जाने के लिए जगह बची हुई है।
तेज होंगे बगावत के सुर
उमा भारती के अलावा मंदसौर में भी बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने कैबिनेट विस्तार को लेकर नाराजगी जताई और वरिष्ठ विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया को मंत्री बनाए जाने की मांग को लेकर धरना दिया। हालांकि पार्टी ने धरने को नजरअंदाज कर दिया। ऐसा माना जा रहा है यह अभी शुरुआत है, आने वाले दिनों में बीजेपी में बगावत के सुर तेज होंगे।
मंदसौर में धरना देते बीजेपी कार्यकर्ता।
क्षेत्रीय संतुलन को लेकर सवाल
शिवराज कैबिनेट के विस्तार के बाद उमा भारती ने जातीय समीकरण का मुद्दा उठाया है, लेकिन इसके अलावा क्षेत्रीय संतुलन को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। दरअसल, अनेक क्षेत्र ऐसे हैं जो बीजेपी के गढ़ हैं, लेकिन वहां से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया है।
ग्वालियर-चंबल संभाग सिर्फ ऐसा क्षेत्र है, जिसे कैबिनेट के विस्तार में भरपूर जगह मिली है। यहां बता दें कि राज्य की जिन 24 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होना है, उनमें 16 इसी क्षेत्र में हैं। उपचुनावों के मद्देनजर ही क्षेत्र को भरपूर तवज्जो बीजेपी ने दी है।
उधर, इंदौर में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के समर्थक विधायक रमेश मैंदोला को कैबिनेट में न लिए जाने से कुपित एक समर्थक ने आत्मदाह का प्रयास किया। मैंदोला ज़िंदाबाद के नारे लगा रहे इस समर्थक ने स्वयं पर केरोसिन छिड़क लिया लेकिन आग लगा पाने से पहले ही समर्थकों ने उसे पकड़ लिया।