‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’फिल्म को लेकर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को भारी बवाल हुआ। हंगामे के चलते छत्तीसगढ़ में नून शो रद्द करना पड़ा है। कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन फिल्म का विरोध कर रहे है। उधर भाजपा और भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता बैंडबाजों के साथ फिल्म का पहला शो देखने पहुंचे। दोनों दलों की आपस में नोंकझोंक के अलावा पुलिस से भी भिड़ंत हुई है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने से लेकर उनके दस वर्षीय प्रधानमंत्रित्वकाल पर आधारित ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’फिल्म देश भर में एक साथ शुक्रवार को रिलीज़ हुई है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के राजनीतिक सलाहकार रहे संजय बारू की पुस्तक पर यह फिल्म आधारित है। फिल्म के रिलीज होने के पहले से ही विवाद चल रहे थे। इसके प्रदर्शन के बाद कांग्रेसी और विरोधी दल के नेता एवं कार्यकर्ता शुक्रवार को आमने-सामने आ गए। मध्यप्रदेश में इन्हें अलग करने के लिए पुलिस को आगे आना पड़ा। कांग्रेस और एनएसयूआई के विरोध-प्रदर्शन के एलान के मद्देनजर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के उन सभी सिनेमाघरों में पुलिस के अतिरिक्त इंतजाम किए गए, जिनमें यह फिल्म रिलीज़ हुई है।
पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं के ख़देड़ा
मध्यप्रदेश के इंदौर के विजय नगर स्थित मॉल में भारतीय जनता युवा मोर्चा और भाजपा के कार्यकर्ता बैंड-बाजों के साथ यह फिल्म देखने पहुंचे। पुलिस ने इन्हें थियेटर में जाने की इजाज़त नहीं दी तो कार्यकर्ता भड़क गए। भाजयुमो मोर्चा के नगर अध्यक्ष मनस्वी पाटीदार की पुलिस से तीखी बहस हुई। उन्होंने कहा, ‘हमने पूर्व से टिकिट बुक किए हुए हैं, फिल्म देखने जाने से रोका जाना अनुचित और नागरिक को मिली आज़ादी का हनन है।’पुलिस नहीं मानी।
दूसरे गेट से कार्यकर्ता जबरदस्ती थियेटर में घुसे तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर सभी को खदेड़ दिया। उधर एनएसयूआई के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करते रहे।
हंगामे के बीच शो रद्द
भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने वंदे मातरम गाने की अनुमति मांगी। पुलिस ने थियेटर के बाहर गाने के लिए कहा। विरोध में मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की गई। इसे सरकार की चाल बताते हुए भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने बल प्रयोग करने वाले पुलिस वालों और आदेश देने वाले सीएसपी को बर्खास्त करने की मांग की और जमकर हंगामा किया। उधर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में फ़िल्म के प्रदर्शन के विरोध में एनएसयूआई और कांग्रेस के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। विरोध-प्रदर्शन और टकराव की संभावनाओं के चलते प्रशासन ने फिल्म का नून शो रद्द कर दिया।
सोनिया-राहुल की छवि को गलत ढंग से किया पेश
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कांग्रेसियों तथा भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के नेताओं-कार्यकर्ताओं का आरोप है कि फिल्म में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की छवि को गलत ढंग से एवं तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। इनका कहना है फिल्म में सचाई दिखाये जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं होती, ग़लत बात बर्दाश्त नहीं किे जाने की बात इन्होंने की। प्रदर्शनकारियों ने कहा, ‘ग़लतियां नहीं सुधारी गईं तो फ़िल्म नहीं चलने दी जाएगी।’
'एक्सीडेंटल पीएम नहीं थे मनमोहन सिंह'
मध्यप्रदेश के कानून मंत्री पी सी शर्मा ने मीडिया से कहा, ‘मनमोहन सिंह जी, एक्सीडेंटल प्रधानमंत्री नहीं थे।’ उन्होंने कहा, ‘तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री पद को त्यागते हुए मनमोहन सिंह जी का नाम प्रस्तावित जरूर किया था, लेकिन मनमोहन सिंह को सांसदों ने पीएम पद के लिए विधिवत चुना था।’