साल के आखिर में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव पर सबकि नजरें टिकी हुई हैं। लोकसभा चुनाव से पहले हिंदी पट्टी के राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हर राजनीतिक दल इन राज्यों में अपनी किस्मत आजमाने के प्रयास कर रहा है।
इस कोशिश में आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं रहना चाहती। उसने भी साल के आखिर में होने जा रहे मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। चुनाव की तैयारियों को शुरु करने के लिए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान 14 मार्च को भोपाल में एक रैली का आयोजन करेंगे। इस रैली के बाद से पार्टी औपचारिक रूप से अपना चुनावी अभियान शुरु करेगी।
पार्टी के संगठन महासचिव संदीप पाठक ने बताया कि पार्टी मध्य प्रदेश की सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पाठक ने कहा कि पार्टी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में दिल्ली सरकार के मॉडल को सामने रख चुनाव मैदान में उतरेगी।
चुनाव में करीब छह महीने का ही समय बचा हुआ है और अभी तक पार्टी का कोई संगठन नहीं है, जो कि आप के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है। इस मसले पर पाठक कहते हैं कि हमने राज्य में पार्टी का सदस्यता अभियान शुरु कर दिया है। प्रदेश के कई नेता और बहुत सारे कार्यकर्ता पार्टी से जुड़ रहे हैं। जल्दी ही पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति का भी गठन कर दिया जाएगा।
ज्ञात हो कि आम आदमी पार्टी के पिछले साल हुए निकाय चुनावों में सफलता मिली थी। जहां वह अपना एक महापौर बनाने में कामयाब रही थी। इसके अलावा आप ने कई जगहों पर आप के पार्षद भी चुनाव जीते हैं।
इससे पहले आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए 2018 में हुए चुनाव में भी भाग ले चुकी है। जिसमें एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी। पार्टी के मुख्यमंत्री के उम्मीदवार डॉ. आलोक अग्रवाल खुद अपनी सीट हार गये थे। उस चुनाव में पार्टी को एक प्रतिशत से भी कम वोट मिले थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा रहे आलोक अग्रवाल पार्टी छोड़कर जा चुके हैं।
राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और विपक्षी कांग्रेस पर विनाशकारी राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में ‘आप’ लोगों के सामने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार के मॉडल को रखेगी।
मध्य प्रदेश में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 230 सीटों में से कांग्रेस 114 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी और भाजपा को 109 सीटें मिली थीं। कांग्रेस ने बाद में कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई थी जो मार्च 2020 में कांग्रेस के कई विधायकों के भाजपा में चले जाने के बाद बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई थी।
इससे पहले आम आदमी पार्टी गुजरात विधानसभा के चुनाव अच्छा प्रदर्शन कर चुकी है। जहां उसके पांच विधायक सदन में पहुंचे। दिल्ली के अलावा आम आदमी को सबसे ज्यादा फाएदा पंजाब में हुआ जहां वर्तमान में वह सरकार चला रही है। पंजाब आम आदमी पार्टी के ले शुरुआत से ही बेहतर जहा है। उसका पहला सासंद भी पंजाब से चुनकर आया था।
दिल्ली और पंजाब के बाद पार्टी अपने लिए नए स्थान तलाश रही है जहां वह अपनी राजनीति को विस्तार दे सके। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने की पार्टी की यह घोषणा ऐसे समय पर आई है जब दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जेल में बंद हैं।