मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कट्टर हिन्दू समूह बजरंग दल के कुछ लोगों ने भोपाल के डीबी मॉल में कुछ लोगों द्वारा नमाज अदा करने पर आपत्ति जताते हुए हनुमान चालीसा का पाठ किया।
इस घटना का जो वीडियो सामने आया है, उसमें बजरंग दल के लोग सबसे पहले उस कोने में गए जहां कुछ मुस्लिम पुरुष नमाज अदा कर रहे थे। यह स्पष्ट नहीं है कि वे मॉल के कर्मचारी थे या अन्य। बजरंग दल के लोगों का कहना है कि उन्हें ''यह सब रोजाना होने'' की सूचना मिली है। वीडियो में बजरंग दल के लोग एक ऐसे व्यक्ति के साथ बहस करते नजर आ रहे हैं, जो स्टाफ का सदस्य लगता है, तो वह उन्हें बताता है कि यहां कोने में एक जगह है जहां सभी धर्मों के लोगों को प्रार्थना की अनुमति है।
लेकिन बजरंग दल के लोग इस बात पर जोर देते हैं कि नमाज "चुपके से" अदा की जा रही है। फिर उन्होंने तस्वीरें और वीडियो लीं। फिर वे मॉल के केंद्र में एक एस्केलेटर के पास फर्श पर बैठते हैं, और कुछ प्रार्थना करने के अलावा "जय श्री राम" के नारे लगाते हैं।
पुलिस ने कहा कि बजरंग दल के सदस्य मॉल से बाहर निकल रहे थे, जब तक कुछ पुलिस वाले मॉल में पहुंचे। क्षेत्र के थाना प्रभारी केशांत शर्मा ने कहा, इस संबंध में अभी तक किसी ने कोई शिकायत नहीं की है।
हालांकि बाद में सुरक्षाकर्मियों ने पत्रकारों के सवालों का जवाब नहीं दिया। प्रबंधन ने भी कोई टिप्पणी नहीं की। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कंपनी के उपाध्यक्ष संजय जैन से बार-बार प्रयास करने के बावजूद टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं किया जा सका।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे बजरंग दल के नेता अभिजीत सिंह राजपूत के हवाले से कहा गया, 'हमें पिछले एक महीने से सूचना मिल रही है कि कुछ लोग डीबी मॉल में नमाज अदा कर रहे हैं। हम शनिवार 27 अगस्त को वहां पहुंचे और नमाज अदा कर रहे 10 से 12 लोगों को पकड़ लिया।
उन्होंने कहा, हमने सुरक्षा सुपरवाइजरों से बात की और उन्हें इसे बंद कराने की चेतावनी दी। यह भी कहा गया कि यह बंद नहीं हुआ तो बजरंग दल के सदस्य यहां हनुमान चालीसा और सुंदर कांड (रामायण का एक हिस्सा) का पाठ करेंगे।
इसी तरह का विवाद कुछ हफ्ते पहले उत्तर प्रदेश के लखनऊ में लुलु मॉल में देखा गया था, और बाद में परिसर में किसी भी तरह की धार्मिक प्रार्थना पर प्रतिबंध लगाकर इसे सुलझा लिया गया था। बाद में पाया गया था कि वहां साजिशन नमाज पढ़ी गई, नमाज पढ़ने वाले लोग मुस्लिम नहीं लग रहे थे, बल्कि उन्हें वहां साजिश के तहत नमाज पढ़ाने लाया गया था। हालांकि लखनऊ पुलिस ने उस मामले में कुछ मुस्लिम युवकों को उस आरोप में पकड़ा था।