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हिन्दू छात्रों को नमाज़-क़ुरान की आयतें याद कराने वाले स्कूल पर गिरेगी गाज!

हिन्दू छात्रों को नमाज़-क़ुरान की आयतें याद कराने वाले स्कूल पर गिरेगी गाज!

दमोह का गंगा जमुना स्कूल आख़िर विवादों में क्यों है? जानिए, किस तरह की गतिविधियों के खुलासे हुए हैं और प्रशासन क्या कार्रवाई कर रहा है।

मध्य प्रदेश के दमोह शहर में 'गंगा-जमुना स्कूल' प्रबंधन कमेटी के 11 सदस्यों पर एफ़आईआर के बाद स्कूल की मान्यता पर भी तलवार लटक गई है। राष्ट्रीय बाल आयोग ने स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफ़ारिश की है। संकेत हैं कि न केवल मान्यता रद्द की जाएगी बल्कि शिवराज मामा का 'बुल्डोजर' स्कूल भवन पर चल जायेगा।

दमोह का स्कूल पिछले कुछ दिनों से ख़ासी सुर्ख़ियों में है। स्कूल में हिजाब पहनकर आने के लिए मजबूर किए जाने के आरोपों के सिलसिले के बाद शुरू हुई जाँच-पड़ताल में परत-दर-परत खुल रही है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद स्कूल प्रबंधन के 11 सदस्यों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 295ए, 506 और जेजे एक्ट के अंतर्गत मामला बुधवार शाम को दर्ज किया गया है। आरोपियों की धरपकड़ की तैयारियों में पुलिस है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है, 'धर्म-विशेष के पालन के लिए बाध्य करने संबंधी विद्यार्थियों के बयानों पर एफ़आईआर की गई है। कुछ जगहों पर धर्मांतरण का कुचक्र चल रहा है, ऐसे प्रयासों को कामयाब नहीं होने देंगे।' उधर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है, 'स्कूल में भारत के नक़्शे से छेड़खानी की जानकारी भी सामने आयी है। जाँच के आदेश दिए हैं।

विद्यार्थियों ने दिए हैं ये बयान

1.

“क़ुरान की आयतें घर से याद करने का होमवर्क मिलता था। नहीं करने पर पीटा जाता था। अब हमको सभी आयतें याद हैं।”

2.

“हाथ में कलावा बांधकर आने और सिर पर तिलक लगाकर स्कूल में आने की मनाही थी। विद्यार्थियों के माथे पर लगे तिलक को गेट पर रोककर मिटा दिया जाता था। कलावा उतरवाकर कूड़ेदान में पटकवा दिया जाता था।”

3.

“शुक्रवार को नमाज़ पढ़ाई जाती थी। जन-गण-मन गाने से मना करते थे। हिंदी-संस्कृत विषय नहीं पढ़ाते थे। अरबी भाषा पढ़ाई जाती थी। हिंदू विद्यार्थियों को भी दुआ पढ़ना अनिवार्य था।”

राष्ट्रीय बाल आयोग की अनुशंसा

राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने स्कूल की मान्यता रद्द करने की अनुशंसा दमोह कलेक्टर से की है। उन्होंने कहा है, 'बच्चों पर इस्लामिक मान्यताएं थोपना, ग़ैरवाजिब कृत्य है। भारत के नक़्शे में छेड़खानी के तथ्य मिले हैं। प्रशासन तत्काल स्कूल की मान्यता को रद्द करने का कदम उठाये।'

1200 बच्चों का भविष्य अंधकारमय..!

नर्सरी से 12वीं तक के इस स्कूल में क़रीब 1200 बच्चे अध्ययनरत हैं। मामला सामने आने और इसके तूल पकड़ने के बाद से पेरेन्ट हलकान हैं। बच्चों के भविष्य की चिंता उन्हें खाये जा रही है।

तमाम उठा-पटक एवं कार्रवाइयों के बीच राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है, 'प्रदेश सरकार किसी भी बच्चे का भविष्य ख़राब नहीं होने देगी। पढ़ाई और दाख़िले की वैकल्पिक व्यवस्थाएं गंगा-जमुना स्कूल के विद्यार्थियों के लिए की जाएंगी।'

स्याही फेंकने पर भाजपा नेताओं पर भी एफ़आईआर

दमोह डीईओ पर स्याही फेंकने वाले भाजपा नेताओं पर भी जिला शिक्षा अधिकारी एसके मिश्रा की शिकायत पर दमोह कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। तीनों भाजपा पदाधिकारियों के विरुद्ध शासकीय कार्य में व्यवधान सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इस पूरे मामले को सरकार की चूक एवं इंटेलिजेंस की नाकामी बताया है। कांग्रेस ने कहा है, "प्रशासन एवं सरकार की नाक के नीचे सब चलते रहना हमारे उस दावे को सिद्ध करता है, जिसमें हम बार-बार कहते हैं कि लफ़्फ़ाज़ी भर सरकार करती है। सूचनातंत्र ध्वस्त है। क़ानून-व्यवस्था छिन्न-भिन्न है। बीजेपी एवं सरकार लूट-खसोट में जुटी रहती है।"

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