लोकसभा की विजिटर गैलरी में अब लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। बुधवार दोपहर लोकसभा की कार्रवाई के दौरान सुरक्षा में सेंध की घटना सामने आने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने इसको लेकर आदेश जारी किया है।
बुधवार दोपहर में संसदीय कार्यवाही के दौरान दो युवक विजिटर गैलरी से कूद गए थे। ये दोनों व्यक्ति एक बेंच से दूसरे बेंच पर भागने लगे थे। इनमें से एक व्यक्ति ने जूते से निकालकर कोई पीले रंग की गैस स्प्रे कर दी थी।
इसके बाद पीले रंग का धुंआ लोकसभा के अंदर फैल गया था। संसद की सुरक्षा में इसे एक बड़ी चूक माना जा रहा है। यह घटना तब हुई है जब आज ही के दिन संसद पर हुए हमले ती 22 वीं बरसी है।
इस घटना के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने कहा है कि आज जो घटना घटी है वह गंभीर और चिंताजनक है। घटना के समय घटना करने वाले व्यक्तियों पर यहां के सुरक्षाकर्मियों ने और सांसदों ने निडरता के साथ पकड़ा।
उन्होंने कहा है कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच और मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था की भी समीक्षा की जाएगी। सुरक्षा व्यवस्था में और क्या सुधार हो सकता है इस पर भी चर्चा की जाएगी।
वहीं विजिटर गैलरी से नीचे सांसदों के बीच कूदने और पीले रंग की गैस छोड़ने वाले दोनों व्यक्तियों को सांसदों ने ही आगे बढ़ कर पकड़ लिया था। इसके बाद उन्होंने उसकी जमकर पिटाई शुरु दी।
खास बात यह रही कि इन दोनों को पिटने और पकड़ने में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के सांसदों ने एकता दिखाई। सांसदों ने इन्हें पकड़ने के बाद सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया। इन्हें पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया है और एक पुलिस स्टेशन में फिलहाल रख कर पूछताछ की जा रही है।
विपक्ष ने इसे संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक बताया
लोकसभा में कार्यवाही के दौरान सुरक्षा में हुई इस चूक की विपक्षी नेताओं ने आलोचना की है। समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद डिंपल यादव ने कहा कि जो भी लोग यहां आते हैं, चाहे वे विजिटर हों या फिर पत्रकार, वे टैग नहीं रखते हैं। इसलिए मुझे लगता है कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। यह पूरी तरह से सुरक्षा चूक है। लोकसभा के अंदर कुछ भी हो सकता था।इस मामले में कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा है कि अचानक करीब 20 साल के दो युवक विजिटर गैलरी से सदन में कूद पड़े। उनके हाथ में कुछ संदिग्ध था, जिनसे पीला धुआं निकल रहा था। यह सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन है, खासकर 13 दिसंबर को, जिस दिन वर्ष 2001 में संसद पर हमला हुआ था।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस मामले में कहा है कि तथ्य यह है कि इन लोगों को स्पष्ट रूप से सत्ताधारी पार्टी के एक मौजूदा सांसद द्वारा प्रायोजित किया गया था। ये लोग स्मोक पिस्तौल की तस्करी करते थे जो दर्शाता है कि एक गंभीर सुरक्षा चूक है।
उन्होंने न केवल पिस्तौलें चलाईं बल्कि कुछ ऐसे नारे भी लगाए जो हममें से कुछ लोगों को सुनाई नहीं दे रहे थे। पुराने भवन की व्यवस्थाओं की तुलना में सुरक्षा की दृष्टि से नया भवन बहुत अच्छी तरह से तैयार नहीं किया गया लगता है।
संसद की सुरक्षा में इस सेंध के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने लोकसभा में सुरक्षा उल्लंघन की घटना का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मामला बहुत गंभीर है, यह सिर्फ लोकसभा और राज्यसभा का सवाल नहीं है यह इस बारे में है कि इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद दो लोग अंदर कैसे आ पाए और सुरक्षा में सेंध लगाई।
वहीं इस पर राज्यसभा के सभापति जदगीप धनखड़ ने कहा, कि जैसे ही मुझे इसके बारे में पता चला मैंने सुरक्षा निदेशक को फोन किया। मैंने उनसे कहा कि वे अपडेट दे, उस समय उन्होंने मुझे जो अपडेट दिया था, वह मैंने सदन के साथ साझा किया है। यह चिंता का विषय है लेकिन हमें विवरण की प्रतीक्षा करनी चाहिए और फिर हम इस पर विचार कर सकेंगे।
इस घटना के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि दो युवक गैलरी से कूदे और उन्होंने कुछ फेंका, जिससे गैस निकल रही थी। उन्हें सांसदों ने पकड़ा, उसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें बाहर निकाला। सदन दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। यह निश्चित रूप से एक सुरक्षा उल्लंघन है।
वहीं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा है कि हमें यह देखने की जरूरत है कि वे लोग क्यों लोकसभा में घुसे और उनकी क्या मांग थी, वे क्या चाहते थे।