सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव को 12 फ़रवरी को अदालत के सामने पेश होने को कहा है। मुज़फ़्फरपुर शेल्टर होम मामले में सुनवाई के दौरान आज कोर्ट का रुख बेहद सख़्त रहा। कोर्ट ने राव के साथ ही एक अन्य अधिकारी को भी कोर्ट के सामने उपस्थित होने को कहा है।
कोर्ट ने कहा है कि पहली नज़र में यह लगता है कि बिना कोर्ट की अनुमति लिए राव ने सीबीआई के ऑफ़िसर एके शर्मा का ट्रांसफ़र करके अदालत की अवमानना की है। बता दें कि कोर्ट ने पिछले आदेश में कहा था कि शर्मा' का ट्रांसफ़र नहीं किया जाएगा। शर्मा मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम मामले की जाँच कर रहे थे।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि हम इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। कोर्ट ने बेहद सख़्त टिप्पणी करते हुए कहा कि आपने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ खिलवाड़ किया है। अब भगवान ही आपकी मदद कर सकता है।
इस मामले में आरोपी बिहार सरकार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को आत्मसमर्पण करना पड़ा था। मामला सामने आने के बाद वह दो महीने तक फ़रार रही थीं। मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को मंजू वर्मा का क़रीबी माना जाता है। मंजू वर्मा के पति चन्द्रशेखर वर्मा को भी कोर्ट में आत्मसमर्पण करना पड़ा था।
मंजू वर्मा की गिरफ़्तारी न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार पुलिस को लताड़ा था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में राज्य के डीजीपी को पेश होने का भी आदेश दिया था। शेल्टर होम में 34 लड़कियों से दुष्कर्म होने के इस मामले में नीतीश सरकार की ख़ासी बदनामी हुई थी।