वैसा महसूस हो रहा है जब मेरे पिता का निधन हुआ था: वायनाड में राहुल
राहुल गांधी ने गुरुवार को वायनाड का दौरा किया और वह त्रासदी के पीड़ितों से मिले। उन्होंने उस इलाक़े का जायजा लिया। वायनाड में लोगों से मिलने के बाद मीडिया से राहुल गांधी ने कहा, 'यह वायनाड, केरल और पूरे देश के लिए एक भयानक त्रासदी है। हम यहां हालात देखने आए हैं। यह देखना दुखद है कि कितने लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों और अपने घरों को खो दिया है।' राहुल के साथ उनकी बहन और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी भी साथ थीं।
राहुल ने कहा, 'आज वायनाड के शोकाकुल लोगों के साथ समय बिताने के बाद मुझे वही गहरा दुख महसूस हो रहा है जो मुझे उस दिन हुआ था जब मेरे पिता का निधन हुआ था। यहाँ कई लोगों ने अपने पूरे परिवार को खो दिया है। उनका दर्द और भी बढ़ गया है।'
After spending time with the grief-stricken people of Wayanad today, I feel the same profound sorrow I felt the day my father died. Many here have lost their entire families, making their pain even greater.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 1, 2024
The tragedy is immense, and the work required to heal Wayanad is… pic.twitter.com/aLnemda8FP
राहुल ने कहा, 'हम मदद करने की कोशिश करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि बचे हुए लोगों को उनका हक मिले। उनमें से बहुत से लोग फिर से बसना चाहते हैं। यहां बहुत कुछ करने की ज़रूरत है। मैं डॉक्टरों, नर्सों, प्रशासन और स्वयंसेवकों सहित सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं।' उन्होंने कहा कि यह त्रासदी बहुत बड़ी है, और वायनाड को ठीक करने के लिए बहुत काम करने की ज़रूरत है।
राहुल ने कहा, 'अभी राजनीति का समय नहीं है। पूरा देश इस मुश्किल समय में वायनाड के साथ खड़ा है। हमें एकजुट होकर लोगों की मदद के लिए सभी ज़रूरी सहायता प्रदान करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।'
प्रियंका गांधी ने वायनाड में लोगों से मिलने के बाद कहा, 'हमने पूरा दिन उन लोगों से मिलने में बिताया है जो पीड़ित हैं। यह एक बहुत बड़ी त्रासदी है। हम केवल कल्पना कर सकते हैं कि लोग किस तरह का दर्द सह रहे हैं। हम यथासंभव सांत्वना और सहायता प्रदान करने के लिए यहाँ हैं। हिमाचल प्रदेश में भी ऐसी ही त्रासदी हुई है। कल, हम बैठक करने जा रहे हैं और योजना बना रहे हैं कि हम किस तरह से सहायता कर सकते हैं, खासकर उन बच्चों की जो अकेले रह गए हैं।'
We have spent the entire day meeting people who have suffered. It's an immense tragedy. We can only imagine the kind of pain the people are enduring. We are here to offer as much comfort and support as possible.
— Congress (@INCIndia) August 1, 2024
There has been a similar tragedy in Himachal Pradesh as well.… pic.twitter.com/6zBiSg8BWM
केरल के वायनाड जिले में मेप्पाडी के पास पहाड़ी इलाकों में हुए विनाशकारी भूस्खलन के बाद गुरुवार सुबह तक मरने वालों की संख्या 277 हो गई है, जबकि 200 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने पुष्टि की है कि 240 लोग लापता हैं, जबकि प्रभावित इलाकों से 1,500 से ज़्यादा लोगों को बचाया गया है।
इसके अलावा, सीएम पिनाराई विजयन ने भूस्खलन संकट पर चर्चा करने के लिए वायनाड में एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक वायनाड के सिविल स्टेशन में एपीजे अब्दुल कलाम मेमोरियल हॉल में हुई। सीएम ने बचाव कार्यों में सहायता के लिए मशीनरी लाने में आने वाली चुनौतियों का भी उल्लेख किया। सीएम विजयन ने यह भी बताया कि वायनाड में 45 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 3,000 से अधिक विस्थापित लोगों को आश्रय दिया गया है।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा है कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में बचाव अभियान में कुछ और दिन लग सकते हैं, और बचाव प्रयासों के समन्वय के लिए चार मंत्रियों की एक कैबिनेट उप-समिति नियुक्त की गई है। चारों मंत्री वायनाड में डेरा डालेंगे।
सर्वदलीय बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब हुए विजयन ने बचावकर्मियों, खासकर भारतीय सेना के सराहनीय प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बचाव कार्य का पैमाना इतना बड़ा है कि इसे कम समय में पूरा नहीं किया जा सकता।
विजयन ने कहा, 'फिलहाल, 12 मंत्री वायनाड में डेरा डाले हुए हैं। अब सर्वदलीय बैठक में फैसला किया गया है कि बचाव अभियान के समन्वय के लिए चार मंत्री यहां डेरा डालेंगे।'