NEET: छात्रा से कपड़े उतरवाने के मामले में 5 महिलाएँ गिरफ़्तार: रिपोर्ट
केरल के कोल्लम में स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यानी एनईईटी (NEET) के लिए बैठने से पहले एक लड़की के कपड़े उतरवाने के मामले में गिरफ़्तारी हुई है। इस मामले में केरल पुलिस ने मंगलवार को एक छात्रा से इनरवियर हटाने के लिए मजबूर करने की कथित घटना पर एफ़आईआर दर्ज की थी। एनडीटीवी ने केरल पुलिस के सूत्रों ने के हवाले से ख़बर दी है कि छात्राओं को कपड़े उतारने के लिए कहने वाली तीन महिलाओं सहित पांच महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में छात्राओं से जुड़ी अब तक पुलिस को तीन शिकायतें मिली हैं। हालाँकि, पुलिस केस दर्ज होने के बाद भी एनईईटी आयोजित करने वाली एजेंसी एनटीए ने दावा किया है कि कपड़े उतरवाने जैसी घटना ही नहीं हुई है।
छात्रा के बयान दर्ज करने के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल) और 509 (किसी भी शब्द का उच्चारण करना या किसी महिला के शील का अपमान करने के इरादे से इशारे करना) के तहत मामला दर्ज किया गया।
केरल में क़रीब पाँच साल पहले ऐसा ही एक मामला सामने आया था। तब तलाशी के समय एक छात्रा से इनरवियर उतारने को कहने वाली चार महिला शिक्षकों को अधिकारियों ने एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया था।
कन्नूर ज़िले में नीट के एक परीक्षा केंद्र में ये घटना घटी थी, जहां परीक्षा देने के बाद एक परीक्षार्थी ने कहा था कि तलाशी के दौरान उसे परीक्षा केंद्र के अधिकारियों ने इनरवियर उतारने के लिए कहा था। दूसरी महिला परीक्षार्थियों ने शिकायत की थी कि उन्हें टॉप का बाजू काटने, जिन परीक्षार्थी ने जींस पहन रखी थी उसके पॉकेट काटकर हटाने के साथ ही कपड़ों से मेटल के बटनों को निकालने के लिए कहा गया था।
बहरहाल, ताजा मामले में एफ़आईआर कोल्लम ग्रामीण पुलिस जिले के तहत चदयामंगलम पुलिस थाने में दर्ज की गयी है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हमने प्राथमिकी में कथित आरोपी के रूप में किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया है। हमें उस एजेंसी की पहचान करनी होगी जो परीक्षा केंद्र पर छात्रों की तलाशी ले रही थी और फिर उस महिला को ढूंढना होगा जिसने कथित तौर पर लड़की को अपने इनरवियर को हटाने के लिए कहा था।'
रविवार को नीट परीक्षा आयोजित होने के बाद लड़की के पिता ने कोल्लम ग्रामीण एसपी केबी रवि से शिकायत की थी और कथित घटना की जाँच की मांग की थी।
अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, शिकायत में पिता ने आरोप लगाया कि कोल्लम के अयूर में मार थोमा इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी में परीक्षा में भाग लेने वाले 'कई छात्रों' को अपने इनरवियर को हटाने के लिए मजबूर किया गया था, हालाँकि यह नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए द्वारा अनिवार्य मानदंडों के तहत ज़रूरी नहीं है।
रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि जब उनकी बेटी ने शुरू में अपने कपड़े को हटाने से इनकार कर दिया तो उन्हें परीक्षा में शामिल न होने के लिए कहा गया। शिकायत में उन्होंने कहा, 'कई अन्य लोगों को भी ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा। उस कमरे में बहुत से लोग थे… दूसरे रो रहे थे… जब छात्रों ने अपने इनरवियर को हटाने से इनकार कर दिया, तो उनसे पूछा गया कि उनके लिए उनका भविष्य या इनरवियर अहम है।'
रिपोर्ट के अनुसार परीक्षा केंद्र मार थॉमस इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी के एक प्रवक्ता ने कहा कि संस्थान इसमें शामिल नहीं था और एनटीए द्वारा छात्रों की तलाशी लेने वाली एजेंसी के कर्मचारी जिम्मेदार थे।
एनटीए ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि उसने परीक्षा केंद्र के अधीक्षक, स्वतंत्र पर्यवेक्षक और कोल्लम जिले के शहर समन्वयक (एनईईटी) से तत्काल टिप्पणी मांगी। इसने कहा है कि, 'उन तीनों ने कहा है कि उन्होंने केंद्र में ऐसी कोई घटना नहीं देखी। अभ्यर्थी ने परीक्षा दी। परीक्षा के दौरान या उसके तुरंत बाद किसी को कोई शिकायत नहीं मिली। न ही एनटीए को इस संबंध में कोई ईमेल/शिकायत मिली है।'